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मध्य प्रदेश
सभ्यता और संघर्ष की कहानी है नर्मदा
Posted on 28 Jul, 2011 07:26 PMमध्यप्रदेश की जीवन रेखा मानी जाने वाली नर्मदा गंगा से भी प्राचीन नदी है। भारतीय पुराण परंपरा में विषयों का वर्णन करने की एक शैली है। यह नर्मदा की महत्ता और उसके स्थायी भाव की ही विशेषता है कि नर्मदा का वर्णन न केवल पुराण में है, बल्कि अलग से ‘नर्मदा पुराण’ उपलब्ध है। भारत की किसी भी नदी पर अलग से पुराण रचना नहीं हुई। पुराण परंपरा में पवित्र या पवित्रतम स्वरूप नर्मदा का शास्त्रीय या आध्यात्मइतनी सिमट गई है चंबल कि कर सकते हैं एक छलांग में पार
Posted on 28 Jul, 2011 01:31 PMमध्यप्रदेश की सीमा में चंबल नदी को अब लांघकर पार किया जा सकता है। चंबल नदी की धार की चौड़ाई (लेट्रल डिस्ट्रीब्यूशन) 14 जगहों पर डेढ़-दो फीट ही रह गई है। जबकि बारिश के मौसम में इन्हीं स्पॉट पर चंबल 900 मीटर की चौड़ाई में बहती है। वन मंत्रालय के एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है।
बीहड़ों में तब्दील होती उपजाऊ भूमि
Posted on 28 Jul, 2011 01:20 PMकहने को तो भारत कृषि प्रधान देशों की श्रेणी में आता है, इसके बावजूद हम गेहूं से लेकर अन्य खाद्य पदार्थों का आयात करने पर मजबूर हैं। ऐसा नहीं है कि हमारे पास अन्न पैदा करने के लिए उपजाऊ भूमि और अन्य साधनों की कमी है। यहां तो 800 एकड़ कृषि योग्य भूमि ही बीहड़ों में तब्दील होकर बर्बाद हो रही है। मनुष्य धरती की संतान है, इसलिए मनुष्य सब कुछ पैदा कर सकता है, लेकिन धरती पैदा नहीं कर सकता है। दुनिया म
मप्र की जीवन रेखा खतरे में
Posted on 28 Jul, 2011 12:12 PMनरसिंहपुर जिले के झासीघाट में मैसर्स टुडे एनर्जी द्वारा 5400 करोड़ की लागत से किया जाएगा। 1200
चंबल घड़ियाल अभ्यारण्य का दावा खटाई में
Posted on 28 Jul, 2011 11:45 AMतीन प्रदेशों में फैले 'राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभ्यारण्य' का यूनेस्को की प्राकृतिक विश्व धरोहर में शामिल होने का दावा खटाई में पड़ गया है। इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा तैयार किए प्रस्ताव को केन्द्र ने साढ़े तीन साल बाद भी कोई जवाब नहीं दिया। अपने आप में अनोखा ये जल अभ्यारण्य अब बिना अंतर्राष्ट्रीय पहचान के यूँ ही रह जाएगा। देश का एकमात्र नदी अभ्यारण्य 'चंबल घड़ियाल' अपनी जैव वि
चंबल नदी में घड़ियाल ही घड़ियाल
Posted on 28 Jul, 2011 11:20 AMभोपाल। चंबल नदी में जो राष्ट्रीय अभ्यारण्य बना है, उसमें घड़ियाल ही घड़ियाल पैदा हो सकते हैं। बशर्ते यहां लोकल हेचरी यानी स्थानीय प्रजनन गृह नदी क्षेत्र में ही बना दिया जाए। इसे बनाने की अनुमति भारत सरकार से मद्रास के क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट ने मांगी है लेकिन ट्रस्ट को इसकी इजाजत नहीं दी गई है। जबकि ट्रस्ट ने हार नहीं मानी है, उसकी कोशिश जारी है।
जहरीला पानी पी रहे हैं भोपाल के बच्चे : डोमिनिक लापियर
Posted on 28 Jul, 2011 11:14 AMनई दिल्ली। वर्ष 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए फ्रांस के लेखक और कार्यकर्ता डोमिनिक लैपियर ने कहा है कि यहां के प्रभावित इलाकों में बच्चे जहरीला पानी पी रहे हैं। राजधानी के जंतर-मंतर में रविवार शाम को भोपाल गैस त्रासदी के प्रभावितों के प्रदर्शन के दौरान लैपियर ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से गुजारिश की कि इनकी समस्याओं को सुनें। सोमवार को जारी एक बयान में
रेगिस्तान बनता मालवा
Posted on 27 Jul, 2011 11:56 AMमध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र के बारे में कही जाने वाली “डग-डग रोटी, पग-पग नीर” की कहावत अब गुजरे जमाने की बात हो गई है। उपजाऊ काली मिट्टी और पर्याप्त पानी से संपन्न मालवा अब रेगिस्तान की ओर बढ़ रहा है। यह स्थिति ट्यूबवेल से अत्यधिक पानी निकालने के कारण निर्मित हुई है। हरित क्रांति की तर्ज पर यहां अधिक पानी की जरूरत वाले बीजों की खेती की गई, जिससे तात्कालिक रूप से तो उपज में बढ़ोतरी तो हुई
रोजगार गारंटी के जरिये सामंती व्यवस्था को चुनौती
Posted on 26 Jul, 2011 02:26 PMअक्टूबर और नवम्बर 2007 के दो महीनों में एक गांव के इन मजदूरों ने अपने रोजगार-आजीविका के अधिकार