सचिन कुमार जैन
सचिन कुमार जैन
कौन तय करेगा इस बलिदान की सीमाएँ
Posted on 28 Mar, 2017 03:43 PMडूब प्रभावित गाँव कठौतिया के बुजुर्ग आदिवासी जुगराम बताते हैं
न्यायिक संघर्ष से राष्ट्रीय खाद्य-सुरक्षा कानून-2013 तक
Posted on 18 Mar, 2017 11:30 AMभारत के लिए 26 अगस्त 2013 का दिन कुछ मायनों में महत्वपूर्ण लगता है। लोकसभा में राष्ट्रीय खाद्य-सुरक्षा विधेयक इसी दिन पारित हुआ। कुछ दिन बाद
अवधारणाएँ
Posted on 17 Mar, 2017 04:59 PMखाद्य सुरक्षा, भोजन का अधिकार और पोषण की सुरक्षा के मतलब
खाद्य सुरक्षा का मतलब है समाज के सभी नागरिकों के लिये जीवन चक्र में पूरे समय पर्याप्त मात्रा में ऐसे विविधतापूर्ण भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित होना। यह भोजन सांस्कृतिक तौर पर सभी को मान्य हो और उन्हें हासिल करने के समुचित माध्यम गरिमामय हों। खाद्य सुरक्षा की इकाई देश भी हो सकता है, राज्य भी और गाँव भी।
खाद्य सुरक्षा और व्यवस्थागत दायित्व
Posted on 17 Mar, 2017 04:53 PMमानव इतिहास के वर्तमान दौर में राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय सभी स्तरों पर राज्य की सर्वमान्य अवधारणा एक कल्याणकारी राज्य की है। लोकतांत्रिक प्रणाली में जनता राज्य की स्थापना करती है और राज्य का यह दायित्व है कि वह जनता के कल्याण का पूरा ध्यान रखे। संविधान में दिये गये मौलिक अधिकारों को समाज का मुख्य आधार माना जाता है। इस भाग में राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य की संवैधानिक प्रतिबद
खाद्य सुरक्षा का नजरिया क्या है
Posted on 17 Mar, 2017 01:46 PMखाद्य सुरक्षा का मतलब केवल खाद्यान्न सुरक्षा नहीं है!
इसमें शामिल है-
पुस्तक परिचय : राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013
Posted on 17 Mar, 2017 01:21 PMइस पुस्तक का मकसद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को व्यापक नजरिए से समझना और इसके सन्दर्भ में सामाजिक पहल को सशक्त बनाना है। इसमें हमने मुख्य रूप से निम्न पहलू शामिल किये हैं
पानी को तरसता प्रेमवन
Posted on 14 Jun, 2016 12:35 PMमध्य प्रदेश के रीवा जिले के जवा ब्लॉक के धुरकुच गाँव के रहने वाले दीनानाथ कोल और उनकी पत्
विकास और विस्थापन
Posted on 15 Sep, 2015 03:17 PMदुनिया का इतिहास समाज के बदलते चरित्र की कहानी ही तो है। कहते