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मध्य प्रदेश
यहां मार्निंग वॉक पर निकलते हैं मगरमच्छ
Posted on 02 Oct, 2011 10:52 AM शिवपुरी/ग्वालियर। मध्यप्रदेश के इस शहर में मॉर्निंग वॉक करने वाले लोगों को अक्सर ऐसे साथी मिल जाते हैं जिन्हें देखते ही सुबह-सुबह उनके पसीने छूट जाते हैं। ये हैं शहर के करीब की जाधव सागर, माधव झील, चांदपाठा झील तथा गुर्जर तालाब में रहने वाले मगरमच्छ। बीते कुछ समय में माधव नेशनल पार्क की टीम शहर के भीतर से 35 मगरमच्छों को पकड़ चुकी है। बीते कई वर्षों से मगरमच्छों के आसपास रहते हुए लोगों को अब मगरमचुप हो गई धारा
Posted on 27 Sep, 2011 03:13 PMप्राकृतिक सौंदर्य के डूबने से जो क्षति हुई है, वह बांध से बनने वाली बिजली और उससे होने वाली आय
वन हमारी धरोहर
Posted on 22 Sep, 2011 03:57 PMवनक्षेत्रों में गरीबी की समस्या के कारण निरक्षरता पनप रही है तथा वन क्षेत्रों में अतिक्रमण बढ़
वन विभाग की जमींदारी
Posted on 19 Sep, 2011 11:08 AMभारत में निजी जमींदारी प्रथा कानूनी तौर पर भले ही समाप्त हो गई हो लेकिन वन विभाग के रूप में सर
निर्बाध हो कोलांस तो भरे बड़ी झील
Posted on 07 Sep, 2011 01:33 PMभोपाल। मानसून की शानदार दस्तक और लगातार हो रही अच्छी बारिश से राजधानीवासियों को ये आस बंधी है कि इस बार बड़ी झील लबालब हो जाएगी। ये उम्मीद इसलिए भी लाजमी है क्योंकि पिछले दस सालों में महज दो बार ही बड़ी झील का जलस्तर अपने फुल टैंक लेवल (एफटीएल) 1666.80 फीट तक पहुंचा है। यही नहीं पिछले तीन सालों से झील हर बार डेड स्टोरेज लेवल तक पहुंच रही है। यदि विशेषज्ञों की मानें तो भले ही औसत बारिश हो जाए, ल
भूमि अधिग्रहण कानून
Posted on 06 Sep, 2011 12:36 PMदेश भर में अब तक 18 कानूनों के जरिए भूमि अधिग्रहण किया जाता रहा है। यह बात भी सामने आई है कि ए
भोजताल का अशंमात्र है भोपाल की झील
Posted on 02 Sep, 2011 12:03 PMभोपाल। भोजताल के अस्तित्व उपयोगिता और भविष्य की संभावनाओं पर मध्यप्रदेश जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान ओम घाटी बेतवा बेसिन में दबे हुए भोजताल एवं उसकी सहायक नदियों की उत्पत्ति पर भूजल पर्यावरण खोज तथा अध्ययन किया जा रहा है। इस संबंध में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली से तीन वर्ष की अवधि के लिए यह परियोजना स्वीकृत की गई है। दसवीं शताब्दी में निर्मित झील आज के भोपाल ताल से 40 गुना अधिक बड़ी
मध्यप्रदेश में कुपोषण
Posted on 01 Sep, 2011 04:39 PMशारीरिक रूप से इतने सक्षम नहीं हैं कि वे 100 घनफीट की खुदाई का काम सात घंटे में कर सकें। जिस गर