मध्य प्रदेश

Term Path Alias

/regions/madhya-pradesh-1

गायब होती जीवनरेखा
Posted on 21 May, 2016 02:07 PM


रीवा जिले की जीवन रेखा कही जाने वाली बिछिया नदी बहुत बुरे दौर से गुजर रही है। आधी नदी के सूख जाने से लोगों ने उसे खेत बना डाला है जबकि बचे खुचे हिस्से पर जलकुम्भी ने कब्जा कर रखा है।

तालाबों को सहेजने में जुटीं औरतें
Posted on 21 May, 2016 12:04 PM
साढ़े पाँच सौ की आबादी वाले कोरकू बाहुल्य गाँव बूटी में पीने त
पानी हुआ खत्म तो पूरे गाँव को बाँध दिया
Posted on 20 May, 2016 04:04 PM


इस दौर में यह बात शायद ही किसी को गले उतर सके पर सच यही है। एक गाँव का पानी क्या खत्म हुआ। पानी के लिये यहाँ के पंडे पुजारियों ने जो तरकीब निकाली, उसे सुनकर हर कोई अचरज में पड़ जाये। पंडे–पुजारियों ने गाँव के लोगों को बताया कि गाँव पर अकाल का साया है और इसे दूर करने के लिये पूरे गाँव को खाली कर बाँधना पड़ेगा।

भारत में पर्यावरण के प्रति बढ़ती चेतना
Posted on 17 May, 2016 12:53 PM

प्रदूषण को नियंत्रण करने वाले उपकरण लगाने तथा सघन इलाकों से प्रदूषण पैदा करने वाले उद्योग

बीएमसी को एनजीटी की झाड़
Posted on 14 May, 2016 10:44 AM


भानपुर खंती मामले में भोपाल नगर निगम को एनजीटी की फटकार, कहा दो सप्ताह के अन्दर सभी स्थानीय जलस्रोत सील कर मुहैया कराए स्वच्छ पेयजल। शहर के कचरे के कारण जहरीला हो चुका है डेढ़ किमी दायरे का पानी

मध्य प्रदेश में सामाजिक वानिकी कार्यक्रम
Posted on 13 May, 2016 01:15 PM

औद्योगीकरण के विकास से एक तरफ अर्थव्यवस्था में अवश्य सुधार हुआ है लेकिन दूसरी तरफ औद्योगी

मध्य प्रदेश में वन्य प्राणी संरक्षण
Posted on 12 May, 2016 03:53 PM

मध्य प्रदेश अपनी वन सम्पदा एवं वन्य प्राणियों के लिये विख्यात रहा है। इस शताब्दी के पूर्व

झिरियों, तालों के शहर में सूखे का कहर
Posted on 12 May, 2016 01:42 PM


मध्य प्रदेश का रीवा जिला जो कभी 6000 तालाबों से आबाद था, जिसके आसपास के गाँवों में तमाम प्राकृतिक जलस्रोत उपलब्ध थे, वह आज जल संकट का शिकार है।

.देश के तमाम अन्य हिस्सों की तरह ही मध्य प्रदेश का रीवा जिला और बघेलखण्ड के तहत आने वाला उसके आसपास का पूरा क्षेत्र इन दिनों भीषण जल संकट से जूझ रहा है।

हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि स्थानीय मऊगंज तहसील की आबादी और वहाँ के विधायक सुखेंद्र सिंह ने पानी को लेकर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से उलझने तक की तैयारी कर ली है। उनका कहना है कि बाणसागर परियोजना से नहर के जरिए उत्तर प्रदेश जाने वाले पानी को तब तक जाने नहीं दिया जाएगा जब तक कि स्थानीय जरूरतें पूरी नहीं हो जातीं। उनका कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो जनता नहर को तोड़ने तक से गुरेज नहीं करेगी। पानी की समस्या इंसानों, पशुओं और फसलों को समान रूप से कष्ट पहुँचा रही है।

×