/regions/madhya-pradesh-1
मध्य प्रदेश
Geogenic Arsenic Contamination to Ground Water in Parts of Ambagarh Chowk Block, Rajnandgaon District, Chhattisgarh
Posted on 12 Apr, 2016 09:38 AMINTRODUCTION
जल विज्ञान का मुगल कालीन साक्ष्य
Posted on 11 Apr, 2016 04:15 PMमूल भंडारे और चिन्ताहरण भंडारे का पानी, आपस में मिलने के बाद,
जैव चिकित्सा अपशिष्ट मामले में एनजीटी सख्त
Posted on 11 Apr, 2016 03:15 PMभोपाल के बड़े अस्पतालों को नोटिस भेजकर माँगा जवाब
प्राकृतिक जलस्रोतों पर आत्मनिर्भर वनवासी समाज
Posted on 09 Apr, 2016 01:05 PMविश्व विख्यात विज्ञान शोध पत्रिका लांसेट (2012) में प्रकाशित एक शोध रपट के अनुसार विकासशील देशों में 5 वर्ष से कम उम्र के करीब आठ लाख बच्चों की मृत्यु की एक मात्र वजह शुद्ध पेयजल के अभाव में डायरिया जैसी बीमारियों का होना है। यानी, शुद्ध पेयजल आपूर्ति के अभाव में प्रतिदिन 2000 से ज्यादा बच्चों की मृत्यु हो जाना चिन्ताजनक विषय है।
यूनिसेफ की 2013 की एक स्टडी के अनुसार डायरिया जैसी जल जनित बीमारियों से भारत समेत कुल 5 देशों में 5 वर्ष की उम्र तक होने वाली कुल मौतों में से आधी मौतें सिर्फ भारत और नाइजीरिया जैसे 2 देशों में हो जाती है। इसमें से करीब 24% बच्चों की मृत्यु भारत देश में आँकी गई।
लोगों को पानी ने तरसाया
Posted on 08 Apr, 2016 11:01 AMसुक्ता बैराज सूखने के कगार पर : नर्मदा जल की लाइन फिर फूटी
जिला जल एवं स्वच्छता समिति प्रारम्भ कर रही है ऑपरेशन मल्हार
Posted on 07 Apr, 2016 01:01 PMजिला पंचायत सीईओ चंद्र मोहन सिंह ठाकुर ने ऑपरेशन मल्हार योजना
राष्ट्रीय फ्लोरोसिस रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम का मूल्यांकन
Posted on 07 Apr, 2016 11:41 AMनौ साल का सफर, नहीं चल पाये अढ़ाई कोस
धार, झाबुआ, अलीराजपुर के 1141 ग्रामों में फ्लोराइड संकट
झाबुआ जिले के सर्वाधिक 75 प्रतिशत ग्राम में है फ्लोराइड का प्रभाव
इन्दौर। भारत सरकार ने 2008-09 में देश में फ्लोरोसिस की रोकथाम एवं नियंत्रण के उद्देश्य से राष्ट्रीय फ्लोरोसिस रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम (एनपीपीसीएफ) की शुरुआत की थी। अभी तक यह कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से 18 राज्यों के 111 जिलों तक विस्तारित किया जा चुका है। भले ही ये राष्ट्रीय कार्यक्रम नौ सालों से चल रहा हो लेकिन मैदानी हकीकत ये है कि अभी तक मध्य प्रदेश सहित सभी 18 राज्यों में स्थिति चिन्ताजनक है।
धार, झाबुआ, अलीराजपुर बहुल जिलों में 1141 ग्रामों में इस योजना का मूल्यांकन करें तो और भी चिन्ताजनक स्थिति सामने आती है। आज भी फ्लोरोसिस के लिये इस बात की मशीन से जाँच करके अन्य बीमारियों की तरह पुष्टि करना मुश्किल हैै। राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत कहीं मशीनें उपलब्ध हैं तो कहीं मशीन चलाने वाले ही नहीं है। कुछ जगह ऐसी भी है जहाँ आज तक मशीन ही नहीं पहुँची है। ऐसे में ये राष्ट्रीय कार्यक्रम अपने उद्देश्य से बहुत दूर रह गया है।
जलानुशासन ही बचाएगा भीषण संकट से : अर्चना
Posted on 07 Apr, 2016 09:24 AMबुरहानपुर। पूर्व मंत्री व विधायक चिटनीस गाँव-गाँव जाकर कर रही जल संरक्षण के लिये जागरूक
गर्मी में रहीम की याद
Posted on 02 Apr, 2016 08:57 AMरहीम जैसे कवि हर बड़े कवि की तरह अनेक अवसरों पर याद आते ही हैं
फ्लोराइड से जंग में खामोश जीत
Posted on 01 Apr, 2016 11:30 AM
मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में एक संगठन अकेले दम पर फ्लोराइड के खिलाफ जंग छेड़े हुये है और उसे इसमें खासी सफलता भी मिल रही है।
मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले का जिक्र आते ही दिमाग में एक छवि कौंधती है। तीर कमान थामे अल्पवस्त्रों में आधुनिक संस्कृति से दूर रहने वाले भील और भिलाला जनजाति के लोग। लेकिन झाबुआ जिला मुख्यालय पहुँचकर यह छवि काफी हद तक ध्वस्त हो चुकी होती है। आधुनिक संस्कृति अब इन दूरदराज गाँवों तक पहुँच चुकी है। लोगों की नैसर्गिक निश्छलता के सिवा कमोबेश सभी चीजें बदल चुकी हैं। नहीं बदली है तो स्वास्थ्य के मोर्चे पर बदहाली। सरकारी प्रयासों से संचार के साधन तो विकसित हो गये हैं लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जागरूकता की कमी ने राह रोक रखी है। खासतौर पर पानी में फ्लोराइड की अधिकता व उससे होने वाले नुकसान जैसी अपेक्षाकृत वैज्ञानिक समस्याओं को लेकर जागरूकता पैदा करना तो अवश्य टेढ़ी खीर रही होगी।