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गन्दला जल (ग्रे वाटर) उपयोग किए गए पानी का पुनः उपयोग 
Posted on 23 Aug, 2024 12:10 AM

जल समस्या जल एक आम रासायनिक पदार्थ है, जो कि जीवन के सभी ज्ञात रूपों के अस्तित्व के लिए आवश्यक है। हम अपने चारों ओर नजर उठाकर देखें तो पाएंगे पोखरों, तालाबों, झीलों, नदियों और सागरों में पानी ही पानी है। हमें अपने चारों ओर अनन्त जलराशि दिखायी पड़ती है। फिर भी कितनी विचित्र बात है कि यह सारा पानी धरती के हरेक आदमी की जरूरत को पूरा करने के लिए नाकाफी है। बढ़ती आबादी और पानी की बढ़ती खपत के कारण ज

भारत में जल की उपलब्धता का गणित यानी वाटर बजटिंग
आइए एक छोटा सा गणित करें कि क्या धरती पर सबके लिए पानी है। पृथ्वी का लगभग 71% भाग जल से घिरा हुआ है किन्तु, इसका 97% जल खारा होने के कारण पीने योग्य नहीं है शेष बचे हुए 3% जल में से (जो कि पीने योग्य है), 2% हिमनद (ग्लेशियर) के रूप में है और इस प्रकार जलमंडल में उपलब्ध समस्त जल की केवल 1% से भी कम मात्रा ही पीने योग्य है जो कि सतही एवं भूजल के रूप में नदियों, झरनों, झीलों, तालाबों, कुओं आदि के रूप में उपलब्ध है। और यदि इस उपलब्ध जल को पृथ्वी में उपस्थित कुल आबादी (8 बिलियन) में समान रूप से बाँटा जाये तो जल की उपलब्धता 7,800 घनमीटर/व्यक्ति/वर्ष निर्धारित की जा सकती है जो कि एक जल समृद्ध श्रेणी का उदाहरण है। यानी धरती पर सबके लिए पानी है। Posted on 22 Aug, 2024 11:35 PM

जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। यही वजह है कि, मानव अपने नए गृह के अन्वेषण के दौरान सर्वप्रथम जिस तत्व की खोज करता है वह जल ही है। जल न केवल मानव सभ्यता अपितु विभिन्न जन्तु, वनस्पति एवं पर्यावरण के चिरकालीन विकास के लिए महत्वपूर्ण एवं अमूल्य धरोहर है। पुरातत्ववेत्ताओं ने भी अपने अध्ययन में यही पाया है कि अतीत में मानव सभ्यता एवं नगरों का विकास नदियों और जल स्त्रोतों के आस-पास ही हुआ

भारत में जल की उपलब्धता कितनी है?
अत्यधिक खतरनाक है नाइट्रोजन प्रदूषण
नाइट्रोजन प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए यह सुनिश्चित करना होगा कि इससे निजात कैसे मिले। जलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों में मृत क्षेत्र (कम ऑक्सीजन स्तर), मिट्टी का क्षरण और अम्लीकरण, वायु प्रदूषण (नाइट्रोजन ऑक्साइड, कण पदार्थ), जलवायु परिवर्तन (नाइट्रस ऑक्साइड एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है) के आदि प्रभावों कम कैसे किया जा सकता है। डॉ. रामानुज पाठक की एक टिप्पणी Posted on 18 Aug, 2024 03:10 PM

नाइट्रोजन प्रदूषण पर्यावरण में अत्यधिक नाइट्रोजन यौगिकों के हानिकारक प्रभावों को संदर्भित करता है, जो मुख्य रूप से मानवीय गतिविधियों के कारण होता है। नाइट्रोजन एक आवश्यक तत्व है, लेकिन नाइट्रोजन का अत्यधिक स्तर पारिस्थितिकी तंत्र, मानव स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है।

प्रदूषित पेयजल, स्वास्थ्य के लिए गंभीर ख़तरा (छवि स्रोत: विकिमीडिया कॉमन्स)
रे दैया, नमक और चीनी के साथ खा रहे हैं रंगीन नैनोप्लास्टिक! पढ़ लीजिए यह स्टडी रिपोर्ट
आपको जानकर हैरानी होगी कि जो चीनी और नमक हम खाते हैं, उनमें छोटे-छोटे प्लास्टिक यानी माइक्रोप्लास्टिक होते हैं। ये बात टॉक्सिक्स लिंक नाम के एक थिंक टैंक की स्टडी में सामने आई है। जिसके मुताबिक हम धीरे-धीरे थोड़ा-थोड़ा रोज प्लास्टिक खा रहे हैं। Posted on 15 Aug, 2024 09:42 PM

नमक, चीनी के साथ रंगीन नैनोप्लास्टिक या माइक्रोप्लास्टिक क्यों खा रहे हैं

नमक और चीनी रोज के खाने का अभिन्न अंग होते हैं। और किसी भी रेसिपी में मसालों के साथ, वे व्यंजन की जरूरी अंग हैं। नमक स्वाद प्रदान करता हैं और पोषण के दृष्टिकोण से, सोडियम और ग्लूकोज इनसे मिलता है। पेट की चयापचय  प्रक्रिया को बढ़ावा देने में ये दोनों मदद करते हैं। लेकिन, क्या होगा जब ये दोनों बीमारियों का प्रमुख

समुद्र तल में माइक्रोप्लास्टिक गुबार (फोटो साभार  - needpix.com)
धरती का बढ़ता तापमान, आत्मघाती साबित होगी संकट की अनदेखी
यूरोपीय संघ की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा (सी3एस) के अनुसार, 22 जुलाई को पृथ्वी ने कम से कम 84 वर्षों में अपना सबसे गर्म दिन अनुभव किया, जब वैश्विक औसत तापमान 17.15 डिग्री सेल्सियस के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। यह एक दिन पहले 21 जुलाई को दर्ज किये गये 17.09 डिग्री सेल्सियस के पिछले रिकार्ड को पार कर गया। रोज ब रोज तापमान के नए रिकार्ड पर लेखक आशीष सिंह की एक टिप्पणी। Posted on 14 Aug, 2024 03:46 PM

निरंतर बढ़ता धरती का तापमान इस ग्रह के जीव जगत के लिए खतरा बनता जा रहा है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि तापमान लगातार नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है। इसका ही हालिया प्रमाण जुलाई माह में देखने को मिला। 21 जुलाई को सबसे गर्म दिन के रूप दर्ज किया गया जब तापमान 17.06 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अभी पर्यावरण विशेषज्ञ और वैज्ञानिक इस चिंता से उबर पाते कि अगले ही दिन 22 जुलाई को तापमान ने नया रिकॉर्ड बना द

बढ़ता तापमान (छवि: मैक्सपिक्सेल, सीसी0 पब्लिक डोमेन)
पानी के बिना कुछ भी संभव नहीं
Posted on 09 Aug, 2024 07:25 AM

पानी के बिना जीवन संभव नहीं है। प्यास बुझाने, खाना बनाने तथा साफ-सफाई जैसे तमाम काम पानी के विना संभव नहीं हैं। पानी जीवन के हर पहलू के लिये जरूरी है, पोषण से लेकर साफ-सफाई तक। हमें पानी की आवश्यकता पीने के लिए, हाथ धोने के लिये, खाना बनाने के लिये, पौधों के लिये कभी ना खत्म होने वाले क्रम में है। कुछ लोगों की नजर में पानी की शुद्धता जरूरी नहीं होती। लेकिन आपकी यह सोच आपके और आपके परिवार के लिए

शुद्ध जल के नियमित सेवन से विभिन्न रोगों को दूर किया जा सकता है।
अधिक पानी पीने से मौत : वाटर इंटॉक्सिकेशन
ज्यादा पानी पीने से जब शरीर में नमक और इलेक्ट्रोलाइट्स पतले (Dilute) हो जाते हैं तो किडनी इसे शरीर से बाहर निकालने असमर्थ हो जाती है। इससे सूजन, पॉलीयूरिया, हाइपोनेट्रेमिया और पुअर मेटाबॉलिज्म की परेशानी हो सकती है। किडनी एक बार में केवल सीमित मात्रा में पानी को हैंडल कर सकती हैं। भारी मात्रा में तरल पदार्थ पीने से कई अंगों में सूजन हो जाते हैं। ज्यादा पानी पीने के खतरों के प्रति आगाह करता यह आलेख। Posted on 08 Aug, 2024 09:59 PM

पिछले वर्ष 4 जुलाई को मॉन्टिसेलो, इंडियाना, अमेरिका, की एक, दो पुत्रियों की मां 35 वर्षीया एशली समर्स अधिक पानी पीने के कारण मर गई। एशली अपनी छुट्टियां बिताने परिवार के साथ 'लेक फ्रीमैन' पर गई थी। वहां पर वह झील पर नौकायन कर रही थी। उसे सर में दर्द हुआ, उसे चक्कर आए और उसे प्यास लगी। उसने बहुत सारा पानी एक साथ पी लिया। उसने लगभग 20 मिनट में 2 लीटर पानी पी लिया। घर पहुंच कर वह बेहोश हो गई, उसे अ

पीने के पानी का संतुलन भी जरूरी
जल निकाय क्या हैं, उनकी गणना क्या है (भाग 1)
जल निकाय से अभिप्राय उन संरचनाओं से है, जहाँ आवासीय या अन्य क्षेत्रों से हिमगलन, धाराओं, झरनों तथा वर्षा जल निकासी से जल एकत्र होता है। इनमें किसी धारा, नाले या नदी से परिवर्तित करके भंडारित किया गया जल भी शामिल है, परन्तु महासागरों, नदियों, झरनों, स्विमिंग पूलों, व्यक्तियों द्वारा बनाए गए ढके हुए जल के टैंक, कारखानों और अस्थायी जल निकायों को इस जनगणना से बाहर रखा गया है। जलस्रोतों के संरक्षण की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है Posted on 07 Aug, 2024 09:16 AM

विश्व की 18 प्रतिशत जनसंख्या भारत में निवास करती है, जबकि विश्व के कुल स्वच्छ जल संसाधनों का केवल 4 प्रतिशत ही भारत में उपलब्ध है। देश में 80 प्रतिशत से अधिक जल का उपयोग कृषि में किया जाता है, जबकि शेष जल घरेलू और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए आवंटित किया जाता है। जलवायु परिवर्तन की मानसून पद्धति को प्रभावित करने के साथ, देश के जल निकायों की गुणवत्ता न केवल कृषि के लिए बल्कि सम्पूर्ण जनसंख्या हेतु

हर्मिसर झील, भुज
जिंदगी में जल का महत्व और उसके अवयव (भाग 2)
जलवायु परिस्थितियों में स्थानिक विविधताओं की वजह से अलग-अलग राज्यों में सूखे का खतरा बना रहता है तथा संभवतः लगभग हर वर्ष सूखा पड़ता ही है। पानी की कमी होने से अकाल की स्थिति पैदा हो जाती है। सूखे की वजह से कृषि में किसानों की आमदनी में नुकसान और लोगों को पानी की कमी से घरेलू कामों में काफी परेशानी होती है। जरूरी है कि इसके समस्या के सारे अवयव जानें Posted on 05 Aug, 2024 01:40 AM

जल संग्रह 

आज करीब 140 करोड़ लोग जल की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं। 2030 तक विश्व की दो तिहाई जनसंख्या पानी की कमी महसूस करेगी। यह जानकर आश्चर्य होगा कि विकासशील देशों में हर वर्ष 340 करोड़ लोग जल या जल से सम्बधित विकारों के कारण मृत्यु को प्राप्त होते हैं। तमिलनाडु अब पहला भारतीय राज्य है जहाँ वर्षा जल संचयन अनिवार्य किया गया। वर्षा जल संचयन का अर्थ बारिश के पानी को एकत्रित करना है।

नदी के विभिन्न अंग
जिंदगी में जल का महत्व और उसके अवयव (भाग 1)
पृथ्वी की सतह का लगभग 71% क्षेत्र पानी से बना है पानी में कई विशेषताएं हैं जैसे पानी एक बहुत अच्छा विलायक है- जो कई पदार्थों को घोलने की क्षमता रखता है। पानी की विशिष्ट ऊष्मा काफी अधिक होती है। पृथ्वी की जलवायु में एक बड़ी भूमिका निभाती है इस गुण के कारण पानी पृथ्वी के वातावरण में सूर्य द्वारा प्रदत्त गर्मी को अवशोषित करता है व पर्यावरण को नियंत्रित करता है। पानी के बहुआयामी महत्व को, जरूरी है कि
हम जानें
Posted on 04 Aug, 2024 01:06 AM

जिस तरह पृथ्वी पर वायु हमारे जीवन के लिए आवश्यक है, उसी तरह जल भी जीवन के अस्तित्व के लिए बहुत जरूरी है। चिंता का विषय है कि आज वायु और जल दोनों बुरी तरह से प्रदूषित हो चुके हैं। प्राकृतिक आपदाएँ जैसे बाढ़ और सूखे का हमारे पेय जल पर गहरा असर पड़ता है। पीने के पानी में विषैले रसायन जैसे आर्सेनिक, फ्लोराइड, शीशा, सल्फर इत्यादि घुले हो सकते हैं। कभी-कभी बाढ़ आने के कारण, फसलों के ऊपर छिड़के कीटनाश

जिंदगी में जल का महत्व और उसके अवयव
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