दुनिया

Term Path Alias

/regions/world

पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की आबादी पर आर्सेनिक का खतरा गहराया…
Posted on 03 Mar, 2009 11:59 AM

विभिन्न अखबारों और अन्य मीडिया में देश में उपलब्ध पेयजल और भूजल में बढ़ते रासायनिक प्रदूषण के बारे में लगातार रिपोर्ट प्रकाशित होती रहती हैं। बढ़ते औद्योगीकरण की वजह से धरती की ऊपरी सतह से लेकर 200-500 फ़ुट गहराई तक का भूजल धीरे-धीरे प्रदूषित होता जा रहा है। इसी प्रकार की एक रिपोर्ट अशोक शर्मा ने सुदूर उत्तर-पूर्व शिलांग से भेजी है। इसके अनुसार पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के लाखों लोग “आर्सेनिक”

आर्सेनिक
वर्ल्ड बैंक निबंध प्रतियोगिता
Posted on 21 Feb, 2009 10:37 AM जलवायु परिवर्तन आज दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। वैज्ञानिकों ने भी विश्व स्तर पर यह सिद्ध कर दिया है कि औद्योगिक क्रियाओं के कारण ग्रीनहाउस गैंसों के उत्सर्जन से ग्लोबल वार्मिंग का खतरा दिन ब दिन बढ़ रहा है।
इन सब समस्याओं का समाधान है-ग्रीन इकोनोमी, पर्यावरणीय दृष्टि से टिकाउ उद्यम, नई तकनीकें जैसे- ऊर्जा के नए स्रोत, अक्षय उर्जा आदि..... युवाओं का इसमें सहयोग कैसे हो सकता है?
6 वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
Posted on 13 Feb, 2009 01:20 PM ’अपशिष्ट मुद्दे पर सहयोग’ 8-9 अप्रैल, 2009
खार्किव, यूक्रेन
आयोजित द्वाराः

इंडिपेंडेंट एजेंसी फॉर इंवायरमेंटल इंफोरमेशन (एनजीओ इकोफोर्म)
नेशनल टेक्निकल यूनिवर्सिटी” खार्किव पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट “इकॅलॉजिकल एलाइंस, लिमिटेड

सम्पर्क करें-world_of_waste@mail.ru

ecoinvest@vl.kharkov.ua
वर्ल्ड वाटर फोरम
Posted on 13 Feb, 2009 10:03 AM 5 वीं ‘वर्ल्ड वाटर फोरम’ इस्तांबुल, तुर्की में 16 से 22 मार्च 2009 को आयोजित किया जाएगा।

फोकस: तृतीय ‘चिल्ड्रन वर्ल्ड वाटर फोरम’

12-17 मार्च 2009
निमंत्रण : राष्ट्रीय नदी परिसंवाद
Posted on 02 Feb, 2009 09:05 AM पिछले वर्ष कोसी नदी के बांध के टूटने से उत्पन्न विभिषिका से आप परिचित होंगे। इसके कारण नेपाल एवं भारत (बिहार) के कई जिले जलमग्न हो गए तथा हजारों लोगों एवं पशुओं की मौत हुई। इस विभिषिका ने बड़े बांधों पर एक बार फिर से प्रश्नचिन्ह लगा दिया है तथा नदियों से जुडे़ सभी मुद्दों पर नए सिरे से चिंतन को अनिवार्य बना दिया है।
फैन फोटोग्राफी प्रतियोगिता
Posted on 25 Dec, 2008 08:33 PM फ्रेशवाटरएक्शननेटवर्क की ओर से फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।
प्रतिभागियों को यह बताना है कि उनकी फोटोग्राफी का काम पानी की गवर्नेंस में सिविल सोसायटी की भूमिका को कहाँ तक सशक्त कर पाया है।

यह प्रतियोगिता सबके लिए खुली है।


अधिक जानकारी के लिए पढें-

www.freshwateraction.net/newsletter/photocomp

कोसी आपदा: पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण नीति
Posted on 15 Dec, 2008 11:09 AM कोसी नेपाल एवं भारत के बीच बहनेवाली, गंगा की सहायक नदी है, जिसका आवाह (जलग्रहण) क्षेत्र करीब 69300 वर्ग किलोमीटर नेपाल में है। यह कंचनजंगा की पश्चिम की ओर से नेपाल की पहाड़ियों से उतर कर भीमनगर होते हुए बिहार के मैदानी इलाके में प्रवेश करती है। यह एक बारहमासी नदी है प्रत्येक वर्ष कोसी नदी में बह रही गाद के कारण नदी के तट का स्तर बांध के बाहर की जमीन से ऊपर हो गया है।
माओवाद नहीं मणिग्राम को भी देखिए
Posted on 29 Sep, 2008 10:40 AM

अमन नम्र
आजकल हम नेपाल की चर्चा सिर्फ माओवाद के संदर्भ में ही करते हैं. लेकिन नेपाल की तराई में बसे मणिग्राम दूसरे कारणों से हमें अपनी ओर बरबस आकर्षित करता है.

मैं अपनी नेपाल यात्रा के दौरान हुए ऐसे अनुभव को बांटना चाहता हूं जो समस्‍या पर बात करने से ज्‍यादा समस्‍या के समाधान के मौके तलाशने का अवसर देता है। हमारे यहां पानी के बंटवारे को लेकर अक्सर नल-टंटों से लेकर गांव-शहरों और राज्यों के बीच तक झगड़े होते रहते हैं। कई बार तो गली-मोहल्लों या खेतों में इसी वजह से लोगों की जान भी चली जाती है। लेकिन हमारे पड़ोसी देश नेपाल में पानी के बंटवारे को लेकर पिछले डेढ़ सौ सालों से एक ऐसी परंपरा चली आ रही है

जल में बसा देवता
Posted on 21 Sep, 2008 08:47 PM

वे पुरोगामी पुरुष हैं। कार्यकर्ता तो आपको बहुत मिलेंगे, परंतु कर्म व ज्ञान का सम्मिश्रण आपको अनुपम मिश्र में ही मिलेगा। ज्ञान, कोरी सूचना भर नहीं, अनुभव की आंच में तपा हुआ अर्जित ज्ञान। उनका समूचा जीवन जल के प्रति एक सच्ची प्रार्थना रहा है। तीन दशकों से भी अधिक समय से वे भारत के लुप्त होते जल संसाधनों को बचा रहे हैं। इसलिये उनका प्रत्येक शब्द एक दस्तावेज बनता है, जहाँ वे जल संकट के विभिन्न पहलु

बाढ़
लघु बाँध ही समस्या का उपाय है
Posted on 21 Sep, 2008 06:18 PM

मानवेंद्र सिंह देश की सबसे युवा पीढ़ी के नेता हैं। तीन वर्ष पहले उन्होंने पहली बार बतौर सांसद शपथ ग्रहण की है। देश के नितांत सूखे इलाके बाढ़मेर के प्रतिनिधि होने की वजह से उनसे काफी अपेक्षायें भी हैं कि वे जल संबंधी कार्य को किस नजर से देखते हैं। उनका नजरिया स्पष्ट है- लघु बाँध ही समस्या का उपाय है। देश दुनिया में घूमे मानवेंद्र को लिखने, पढ़ने में गहरी दिलचस्पी है। वे मूलत: पत्रकार ही थे। वे फ

×