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दुनिया
नेग में मिली हरियाली
Posted on 19 Sep, 2008 06:37 PMआप मानें या न मानें, उत्तराखंड की लड़कियों ने शादी के लिए आए दूल्हों के जूते चुरा कर उनसे नेग लेने के रिवाज को तिलांजलि दे दी हैं। वे अब दूल्हों के जूतें चुराकर रूढ़ि को आगे नहीं बढ़ातीं। बलकि उनसे अपने मैत (मायके) में पौधे लगवाती हैं। इस नई रस्म ने वन संरक्षण के साथ-साथ सामाजिक समरसता और एकता की एक ऐसी परंपरा को गति दी है जिसकी चर्चा अब उत्तराखंड तक सीमित नहीं रह गई है।संकट में पानी
Posted on 18 Sep, 2008 08:45 PMसमुद तटीय इलाकों और सागरों पर पर्यावरण को विनाश करने वाली क्रियाओं के कारण महासागर भारी खतरे में है।

स्वतंत्रता के समय सिंचाई विकास
Posted on 16 Sep, 2008 08:59 AMस्वतंत्रता के समय भारतीय उपमहाद्वीप में, जिसमें अंग्रेजों के प्रान्त और रजवाड़े शामिल थे, निवल सिंचित क्षेत्र लगミग 28.2 मिलियन हैक्टेयर था। लेकिन देश के विभाजन के कारण स्थिति में अचानक और जबरदस्त बदलाव आ गया जिसके फलस्वरूप सिंचित क्षेत्र दो देशों के बीच बंट गया; भारत और पाकिस्तान में निवल सिंचित क्षेत्र क्रमशः 19.4 मिलियन हैक्टेयर तथा 8.8 मिलियन हैक्टेयर रह गया। सतलज और सिंधु प्रणालियों सहित वृहदइस्राइल के जल प्रबंधन पर केसस्टडीज
Posted on 14 Sep, 2008 03:28 PMपानी की स्थिति /मध्य पूर्व के देशों को पानी के मामले में दो भागों में बांटा जा सकता है। एक तरफ वे देश हैं, जिनके पास जरूरत से ज्यादा पानी है। मसलन तुर्की, इरान और लेबनान। दूसरी तरफ वे देश हैं, जिनके यहां पानी की कमी है। जैसे जॉर्डन और इस्राइल के साथ–साथ फिलीस्तीनी अथॉरिटी। चूंकि इज़राइल में तेजी से शहरीकरण हो रहा है, सो यहां के प्राकृतिक जल संसाधनों का जोरदार दोहन किया जा रहा हैं। शहरीकर

मुद्दा : एशियाई देशों में गहराता जल संकट
Posted on 08 Sep, 2008 10:04 PMप्रवीण प्रभाकर/ राष्ट्रीय सहारा/ स्वीडन की राजधानी स्टाकहोम में जल संकट के मुद्दे पर विश्व भर के ढाई हजार चुनिंदा जानकार इकट्ठा हुए। मौका विश्व जल सप्ताह सम्मेलन का था और इस सम्मेलन में इस बात की तस्दीक की गई कि दुनिया के ज्यादातर लोगों को साफ पानी नहीं मिल पा रहा है। तमाम जानकार इस बात पर एकमत दिखे कि साफ पानी की समस्या दिन-ब-दिन गहराती जा रही है और विश्

प्लास्टिक की बोतल का पानी दिमाग के लिए खतरनाक
Posted on 06 Sep, 2008 01:20 PMतरकश ब्यूरो/ कनाडा की एक रिसर्च टीम के अनुसार प्लास्टिक की बोतल में उपलब्ध पानी दिमाग के लिए खतरनाक होता है. प्लास्टिक के कंटेनर बनाने के उपयोग मे लिया जाने वाला बाइसफेनोल ए दिमाग के कार्यकलापों को प्रभावित कर सकता है और इंसान की समझने और याद रखने की शक्ति को छीण करता है.

मौसम के लिए भी खतरनाक है मोटापा
Posted on 01 Jan, 1970 05:30 AMअगर आप वजन घटाने के लिए प्रेरणा की तलाश में हैं, तो इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इपिडेमियोलॉजी के नवीनतम अंक में प्रकाशित इस रिपोर्ट के परिणामों पर नजर डालना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.
मीथेन उत्सर्जन कम करना सलाह नहीं चेतावनी
Posted on 26 Aug, 2024 11:37 PMग्रीनहाउस प्रभाव एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो तब होती है जब पृथ्वी के वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और जल वाष्प जैसी कुछ गैसें सूर्य से आने वाली गर्मी को रोक लेती हैं, जिससे ग्रह जीवन को बनाए रखने के लिए पर्याप्त गर्म रहता है। जीवाश्म ईंधन जलाने, वनों की कटाई और कृषि जैसी मानवीय गतिविधियों ने इन गैसों की सांद्रता को बढ़ा दिया है.

धीरे-धीरे दिमाग में माइक्रोप्लास्टिक भर रहा है, इमरजेंसी लागू हो: वैज्ञानिक
Posted on 26 Aug, 2024 01:10 AMमानें या न मानें एक क्रेडिट कार्ड जितना माइक्रोप्लास्टिक हर सप्ताह इंसान के शरीर में जा रहा है। यह बात हालिया अध्ययनों से सामने आ चुकी है। अब एक नए अध्ययन का दावा है कि शरीर के अन्य अंगों की तुलना में इंसानी दिमाग में सबसे अधिक माइक्रोप्लास्टिक है। हालात को चिंताजनक बताते हुए वैज्ञानिकों ने दुनिया भर में आपातकाल लागू करने की सलाह तक दे दी है।

पानी के लिए खून बहा रहे लोग : पैसिफिक इंस्टिट्यूट का दावा
Posted on 24 Aug, 2024 02:17 PMपानी के लिए हिंसा के बढ़ते मामलों पर पैसिफिक इंस्टिट्यूट की वार्षिक रिपोर्ट कहती है कि पूरी दुनिया में पानी के लिए हिंसक घटनाएं बढ़ रही हैं। पूरी दुनिया से 2023 में जल से संबंधित हिंसा के 347 मामले सामने आए हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। भारत में 25 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 2022 में ऐसे सिर्फ 10 मामले थे। भारत में कावेरी जल-विवाद उसमें से एक है। यह दावा कैलिफोर्निया स्थित थिंकटैक पैसिफिक इ
