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जल क्षेत्र में यूनेस्को : वैश्विक स्तर पर यूनेस्को के जलविज्ञानीय कार्यक्रम (भाग 3)
(IHP) के तत्वावधान में जल संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के निस्तारण के लिए कुल 17 प्रमुख कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, जिसकी हम संक्षेप में चर्चा करते जा रहे हैं। पिछले भाग 2 में 11 कार्यक्रमें की चर्चा हम कर चके हैं। आगे के क्रयक्रमें को आप यहां पढ़ सकते हैं।  Posted on 31 Jul, 2024 07:54 PM

वैश्विक स्तर पर यूनेस्को के अन्तः शासकीय जलविज्ञानीय कार्यक्रम (गतांक से आगे)

(IHP) के तत्वावधान में जल संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के निस्तारण के लिए कुल 17 प्रमुख कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, जिसकी हम संक्षेप में चर्चा करते जा रहे हैं। पिछले भाग 2 में 11 कार्यक्रमें की चर्चा हम कर चके हैं। आगे के क्रयक्रमें को आप यहां पढ़ सकते हैं। 

यूनेस्को मना रहा है 'वाटर फार पीस के रूप में'
जल क्षेत्र में यूनेस्को : वैश्विक स्तर पर यूनेस्को के जलविज्ञानीय कार्यक्रम (भाग 2)
वैश्विक स्तर पर यूनेस्को के अन्तः शासकीय जलविज्ञानीय कार्यक्रम के संगर्भ में हमें यह जानना है कि (IHP) के तत्वावधान में जल संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के निस्तारण के लिए कुल 17 प्रमुख कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, जिसकी हम संक्षेप में चर्चा करने जा रहे हैं: Posted on 31 Jul, 2024 07:12 PM

वैश्विक स्तर पर यूनेस्को के अन्तः शासकीय जलविज्ञानीय कार्यक्रम 

(IHP) के तत्वावधान में जल संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के निस्तारण के लिए कुल 17 प्रमुख कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, जिसकी हम संक्षेप में चर्चा करने जा रहे हैं:

इस वर्ष की थीम है 'वाटर फार पीस'
जल क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के निराकरण में वैश्विक संगठनों विशेष रूप से यूनेस्को का योगदान (भाग 1)
यूनेस्को का उद्देश्य शांति एवं सुरक्षा के लिए योगदान करना है, जिसकी पूर्ति हेतु शिक्षा, विज्ञान एवं संस्कृति के द्वारा राष्ट्रों के मध्य निकटता की भावना का निर्माण करना है। यूनेस्को ने प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञान के विकास पर बहुत अधिक ध्यान दिया है। यूनेस्को के माध्यम से वैज्ञानिक सहयोग की पृष्ठभूमि का उचित निर्माण हुआ है। जल संरक्षण के साथ-साथ यह संगठन मरुप्रदेशों को उर्वरक बनाने के सम्बन्ध में अनेक देशों में जो प्रयोग हो रहे हैं उसमें भी अपनी महती भूमिका निभा रहा है। Posted on 31 Jul, 2024 03:32 PM

संयुक्त राष्ट्र संघ आधिकारिक रूप से 24 अक्टूबर, 1945 को अस्तित्व में आया था जब मूल 51 सदस्य देशों ने बहुमत से संयुक्त राष्ट्र चार्टर की पुष्टि की थी। यह दिन अब प्रत्येक वर्ष दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र संघ के 193 सदस्य देश हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना अंतर्राष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा को कायम रखने के लिए की गई है। संयुक्त राष्ट्

युनेस्को का इस बार का थीम है 'वाटर फार पीस'
स्मार्ट जल क्षेत्र (भाग 2)
स्मार्ट जल प्रबंधन का प्राथमिक उद्देश्य जल संसाधनों का उचित और सतत उपयोग और पुनर्चक्रण है। बढ़ती जनसंख्या, बढ़ते पर्यावरणीय तथ्य और खाद्य एवं कृषि क्षेत्र पर दबाव जल को और भी अधिक मूल्यवान संपत्ति बनाते हैं। Posted on 30 Jul, 2024 05:00 AM

स्मार्ट जल क्षेत्र का तात्पर्य है जल की गुणवत्ता को बरकरार रखते हुए उसका प्रबंधन और वितरण। स्मार्ट प्रारूप में जल की निरतंर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हमें दो प्रमुख बिन्दुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है जो गैर-राजस्व जल में कमी और अपशिष्ट जल के पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग को प्रोत्साहित करते हैं। इसके अतिरिक्त ऐसे अनेक स्मार्ट समाधान हैं, जिन्हें भारत द्वारा भावी स्मार्ट जल क्षेत्र की ओर अग्रस

प्रतिकात्मक तस्वीर
जल है एक अमूल्य प्राकृतिक वरदान
देश में उपलब्ध सीमित जल को वर्षा ऋतु में एकत्रित करके यथासमय मानव की जल आवश्यकताओं की पूर्ति करना, देश में उपलब्ध जल संसाधनों का एक महत्वपूर्ण कार्य है। वर्तमान में जल संसाधनों की उपलब्धता एवं देश की तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ भविष्य में आने वाली संभावित समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जल की बढ़ती मांगों को पूर्ण करने के लिए देश में जल के इष्टतम उपयोग में जल प्रबंधन की भूमिका महत्वपूर्ण है। सामान्यतः नदी में उपलब्ध वार्षिक प्रवाह का अधिकांश भाग वर्षा ऋतु के कुछ महीनों में ही उपलब्ध होता है। परंतु क्षेत्र में जल की मांग पूरे वर्ष रहती है। अतः यह आवश्यक है कि वर्षा ऋतु में उपलब्ध अतिरिक्त जल के उपयुक्त प्रबंधन द्वारा उपलब्ध जल को एकत्रित करके इसका उपयोग उस अवस्था में किया जाए, जब नदी में उपलब्ध प्राकृतिक प्रवाह जनमानस की मांगों को पूर्ण करने में असमर्थ हो।
Posted on 29 Jul, 2024 06:23 PM

प्रकृति का उपहार है जल

जल प्रकृति द्वारा दिया गया एक अमूल्य वरदान है जिसका विकल्प आज तक उपलब्ध नहीं हो सका है। दूसरे शब्दों में यह प्रकृति प्रदत्त एक विलक्षण यौगिक है। जल जीवन का एक प्रमुख साधन है। जीवन की इकाई और उसके अवयवों की उत्पत्ति जल से ही हुई है। जीवन का क्रमवार विकास जल से प्रारम्भ होकर स्थलमंडल पर अवतरित हुआ है। हमारी धरती पर जल इतनी अधिक मात्रा में सर्वसुलभ है कि लोग इसके म

प्रकृति-संरक्षण के लिए जल को बचाना है
स्मार्ट जल प्रबंधन (भाग 1)
स्मार्ट जल प्रबंधन (SWM) जल प्रणालियों की दक्षता, पर्याप्तता, विश्वसनीयता और स्थिरता में सुधार के लिए सेंसर, आँकड़ा विश्लेषण एवं स्वचालन जैसी प्रौद्योगिकी के उपयोग को संदर्भित करता है। स्मार्ट जल प्रबंधन के लिए, जल संसाधनों के उपयोग और गुणवत्ता की निगरानी, नियंत्रण और विनियमन के साथ-साथ सम्बंधित उपकरणों (पाइप, पंप, आदि) को बनाए रखने के लिए तंत्र के एकीकरण और जटिल उपायों की आवश्यकता होती है। यह हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला है, जिसमें सेंसर, स्मार्ट जल निगरानी, सूचना प्रणाली, आँकड़ा प्रकमण और दृश्यीकरण (Visualization) यंत्र, वेब और मोबाइल नियंत्रक शामिल हैं जो लोगों को जल प्रणालियों से जोड़ते हैं। Posted on 28 Jul, 2024 08:07 AM

स्टेटिस्टा (2021) के अनुसार, 2050 तक वैश्विक जनसंख्या का दो-तिहाई भाग स्वच्छ जल के संसाधनों की सीमित पहुंच वाले क्षेत्रों में रह सकता है। इस रिपोर्ट में आगे तर्क दिया गया है कि औद्योगिक देशों में भी जल की कमी महसूस की जाएगी क्योंकि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम सम्बन्धी आपदाएं अधिक हो रही हैं और जल की बढ़ती औद्योगिक मांग से स्वच्छ जल की पहुँच पर भारी दबाव पड़ने की आशंका है। इसलिए, जल सुरक्षा हास

स्मार्ट जल प्रबंघन की जरूरत है
जल संकट का कैसे निकले हल ! प्रेरक उदाहरण सिंगापुर का मॉडल
गंदे पानी के शुद्धिकरण, समुद्री जल का खारापन कम करने और वर्षा जल के अधिकतम संग्रह के साथ सिंगापुर ने पानी से जुड़ी अपनी जरूरतों को पूरा करने का एक ऐसा मॉडल तैयार किया, जो एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के साथ सामाजिक बदलाव की एक बड़ी मिसाल है Posted on 15 Jul, 2024 02:00 PM

नई सरकार के गठन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साथ ही कुछ बातें स्पष्टता से देश के सामने रखी है। उन्होंने जहां विकसित भारत के निर्माण को लेकर प्रतिबद्धता दोहराई, वहीं सरकार की पूर्व से चल रही योजनाओं को आगे बढ़ाने की बात भी कही। इस बारे में कैबिनेट के सहयोगियों को उन्होंने खासतौर पर हिदायतें दी हैं। अलबत्ता चढ़ते पारे के बीच पानी की समस्या को लेकर जो स्थिति देश की राजधानी और बाकी हिस्सों में ह

 सिंगापुर ने एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के भरोसे कायम किया सफलता का मॉडल
बदलते वन परिदृश्य में वनीय-जलविज्ञान के क्षेत्र में शोध आवश्यकताएं
वनाच्छादित क्षेत्र अक्सर वृहत नदियों के शीर्ष जल आवाह क्षेत्र को निर्मित करते हैं। सरिता प्रवाह वनों से होने वाले सर्वाधिक महत्वपूर्ण वहिर्वाह में से एक है। वनों के प्रकार और प्रबंधन पद्धतियाँ जलविज्ञानीय प्रक्रियाओं को प्रभावित करती हैं, जैसे अवरोधन, वाष्पोत्सर्जन, मृदा अंतःस्यंदन और अपवाह. वनीय-जलविज्ञान वन और जल के संबंध को समझने में मदद करता है। वनीय-जलविज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान वन प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझने में मदद करेगा। उपयोगिता और महत्व के बारे में जानिए Posted on 09 Jul, 2024 08:50 AM

सारांश: वनाच्छादित क्षेत्र अक्सर अनेक वृहत नदियों के शीर्ष जल आवाह क्षेत्र को निर्मित करते हैं। अतः सरिता प्रवाह वनों से होने वाले सर्वाधिक महत्वपूर्ण वहिर्वाह में से एक है। यह एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक सत्य है कि वनों के प्रकार एवं उनकी प्रबन्धन पद्धतियाँ विभिन्न जलविज्ञानीय प्रक्रियाओं उदाहरणतः अवरोधन, वाष्पोत्सर्जन, मृदा अन्तःस्यंदन तथा अपवाह में उपलब्ध पोषकों एवं अवसाद की मात्रा को प्रभावित क

(छवि: अश्विन कुमार, विकिमीडिया कॉमन्स)
क्या समुद्री खाद्य शृंखलाएं जलवायु परिवर्तन से बदल जाएंगी
तेजी से हो रहे निरंतर जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्री पारिस्थितिक तंत्र में समय के साथ तेजी से पोषक तत्वों की कमी होती जाएगी। एक शोध का अनुमान है कि जलवायु परिवर्तन का दक्षिण प्रशांत, हिंद-प्रशांत, पश्चिम अफ्रीकी तट और मध्य अमरीका के पश्चिमी तट पर स्थित देशों की समुद्री खाद्य श्रृंखलाओं पर प्रतिकल प्रभाव पड़ने की आशंका है। Posted on 08 Jul, 2024 06:49 AM

जलवायु परिवर्तन के कारण पैदा हुई भीषण तपन ने एक ओर पृथ्वी के ध्रुवों और हिमनदों को पिघलने पर मजबूर कर रखा है, वहीं समुद्री जल स्तर को बढ़ाने पर भी तुली हुई है। जलवायु परिवर्तन से समुद्रों और महासागरों के तापमान में वृद्धि के साथ-साथ वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर भी बढ़ रहा है। कार्बन डाइऑक्साइड में वृद्धि से महासागरों की अम्लीयता बढ़ रही है। सारू रूप में देखा जाए तो जलवायु परिवर्तन के क

प्रतिकात्मक तस्वीर, फोटो स्रोत: विकिमीडिया कॉमन्स
उत्तर कोरिया सरकार ने मानव मल एकत्र करने के लिए आदेश क्यों दिया है
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के एक नए आदेश के बारे में जानना चाहिए कि उन्होंने कोरिया की जनता से 10 किलोग्राम मानव मल एकत्र करने का आदेश दिया है। ताकि उसे खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। हालांकि यह आदेश उत्तर कोरियाई लोगों के लिए पूरी तरह से नया नहीं है, क्योंकि वे पहले से ही सर्दियों में खाद के रूप में मानव मल का उपयोग करते आए हैं। Posted on 03 Jul, 2024 07:08 AM

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के एक नए आदेश के बारे में जानना चाहिए कि उन्होंने कोरिया की जनता से 10 किलोग्राम मानव मल एकत्र करने का आदेश दिया है। ताकि उसे खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। हालांकि यह आदेश उत्तर कोरियाई लोगों के लिए पूरी तरह से नया नहीं है, क्योंकि वे पहले से ही सर्दियों में खाद के रूप में मानव मल का उपयोग करते आए हैं। हालाँकि, इस बार यह आदेश गर्मियों में भी मानव मल एक

उत्तर कोरिया सरकार ने मानव मल एकत्र करने का दिया आदेश
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