संजय गोस्वामी

संजय गोस्वामी
जल शुद्धिकरण में रिवर्स ऑसमॉसिस की भूमिका
Posted on 28 Dec, 2011 10:13 AM
वतर्मान समय में शुद्ध जल की उपलब्धता धीरे-धीरे कम होती जा रही है। जल में बढ़ते प्रदूषण से शुद्ध जल के लिये विभिन्न शोधक पद्धतियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जल के शुद्धिकरण हेतु विकसित पद्धतियों में रिवर्स ऑसमॉसिस प्रमुख हैं जो जल के लाभकारी प्रयोग बढ़ाते हैं। जल संरक्षण का एक उपाय रिवर्स ऑसमॉसिस है, रिवर्स ऑसमॉसिस उपकरण, तकनीक या बेहतर डिजाइन अथवा प्रक्रिया है जो जल के नुकसान, अपव्यय या प्रयोग क
जिंदगी में जल का महत्व और उसके अवयव (भाग 2)
जलवायु परिस्थितियों में स्थानिक विविधताओं की वजह से अलग-अलग राज्यों में सूखे का खतरा बना रहता है तथा संभवतः लगभग हर वर्ष सूखा पड़ता ही है। पानी की कमी होने से अकाल की स्थिति पैदा हो जाती है। सूखे की वजह से कृषि में किसानों की आमदनी में नुकसान और लोगों को पानी की कमी से घरेलू कामों में काफी परेशानी होती है। जरूरी है कि इसके समस्या के सारे अवयव जानें
Posted on 05 Aug, 2024 01:40 AM

जल संग्रह 

आज करीब 140 करोड़ लोग जल की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं। 2030 तक विश्व की दो तिहाई जनसंख्या पानी की कमी महसूस करेगी। यह जानकर आश्चर्य होगा कि विकासशील देशों में हर वर्ष 340 करोड़ लोग जल या जल से सम्बधित विकारों के कारण मृत्यु को प्राप्त होते हैं। तमिलनाडु अब पहला भारतीय राज्य है जहाँ वर्षा जल संचयन अनिवार्य किया गया। वर्षा जल संचयन का अर्थ बारिश के पानी को एकत्रित करना है।

नदी के विभिन्न अंग
जिंदगी में जल का महत्व और उसके अवयव (भाग 1)
पृथ्वी की सतह का लगभग 71% क्षेत्र पानी से बना है पानी में कई विशेषताएं हैं जैसे पानी एक बहुत अच्छा विलायक है- जो कई पदार्थों को घोलने की क्षमता रखता है। पानी की विशिष्ट ऊष्मा काफी अधिक होती है। पृथ्वी की जलवायु में एक बड़ी भूमिका निभाती है इस गुण के कारण पानी पृथ्वी के वातावरण में सूर्य द्वारा प्रदत्त गर्मी को अवशोषित करता है व पर्यावरण को नियंत्रित करता है। पानी के बहुआयामी महत्व को, जरूरी है कि
हम जानें
Posted on 04 Aug, 2024 01:06 AM

जिस तरह पृथ्वी पर वायु हमारे जीवन के लिए आवश्यक है, उसी तरह जल भी जीवन के अस्तित्व के लिए बहुत जरूरी है। चिंता का विषय है कि आज वायु और जल दोनों बुरी तरह से प्रदूषित हो चुके हैं। प्राकृतिक आपदाएँ जैसे बाढ़ और सूखे का हमारे पेय जल पर गहरा असर पड़ता है। पीने के पानी में विषैले रसायन जैसे आर्सेनिक, फ्लोराइड, शीशा, सल्फर इत्यादि घुले हो सकते हैं। कभी-कभी बाढ़ आने के कारण, फसलों के ऊपर छिड़के कीटनाश

जिंदगी में जल का महत्व और उसके अवयव
शुद्ध जल के लिए जल संसाधन प्रबंधन की जरूरत (Need for water resources management for pure water)
हमारे देश में बढ़ते जल प्रदूषण के कारण जल जनित रोगों की वृद्धि इस कदर हुई है कि 10% से अधिक आबादी चपेट में आ चुकी है। जल में विकृति लाने वाले प्रदूषक तत्व विभिन्न स्रोतों से मानवीय क्रियाकलापों के दौरान ही प्रवेश करते हैं व मानव पर ही हानिकारक प्रभाव डालते हैं। मानव के अतिरिक्त जलीय एवं स्थलीय जीव-जन्तु भी प्रभावित होते हैं।
Posted on 15 Nov, 2023 12:21 PM

धरती पर 70% हिस्से में पानी है। जो अधिकतर महासागरों और अन्य बड़े जल निकायों का हिस्सा होता है इसके अतिरिक्त, 1.6% भूमिगत जल एक्वीफर और 0-0.001% जलवाष्प और बादल के रूप में पाया जाता है। खारे जल के महासागरों में पृथ्वी का कुल 97%, हिमनदों और ध्रुवीय बर्फ चोटियों में 2.4% और अन्य स्रोतों जैसे नदियों, झीलों और तालाबों मे 0.6% जल पाया जाता है। पृथ्वी पर जल की एक बहुत छोटी मात्रा, पानी की टंकियों, जै

शुद्ध जल के लिए जल संसाधन प्रबंधन की जरूरत
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