Posted on 22 Aug, 2009 09:39 AM स्टॉकहोम। भारत समेत दुनिया के अन्य हिस्सों में स्वच्छता की अलख जगाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता और सुलभ इंटरनैशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक को इस साल के 'स्टॉकहोम वॉटर प्राइज' से सम्मानित किया गया। इसे पर्यावरण के क्षेत्र का नोबल पुरस्कार कहा जाता है।
Posted on 21 Jul, 2009 02:30 PMहर 15 सेकंड में इस दुनिया में एक बच्चा जलजनित रोग से मर जाता है, क्या यह एक गंभीर मानवीय चिंता नहीं है कि बच्चे को जीवन के अधिकार से वंचित कर दिया जाता है? इस मामले में नेपाल की स्थिति भी भिन्न नहीं है जहाँ 10,000 से अधिक बच्चे अतिसार से मर जाते हैं.
दिसम्बर में, विश्व के नेता कोपेनहेगन में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन पर भावी वैश्विक प्रतिक्रिया पर सहमति के लिए इकट्ठे होंगे http://en.cop15.dk/
Posted on 02 Jul, 2009 04:34 PM चार दशक पहले जब बिंदेश्वर पाठक ने शौचालय पद्धतियों में बदलाव लाने के लिए काम शुरू किया था, तो लोगों में कई तरह की आशंकाएं थीं. आज उनका संगठन सुलभ इंटरनेशनल एक ब्रांड बन चुका है. 2009 का स्टॉकहोम वाटर प्राइज पाने वाले पाठक से भरत लाल सेठ ने उनके संगठन की कार्यप्रणाली पर बातचीत की, प्रस्तुत है उसके अंश:
Posted on 29 Jun, 2009 09:42 PM “पानी”, जीवन की सबसे महत्वपूर्ण बात, जहाँ एक तरफ़ पानी धरती के प्राकृतिक संतुलन और सुरक्षा को बनाए रखने के लिये आवश्यक है, वहीं समूची जीव-जन्तु-मानव प्रजाति के लिये भोजन और कपड़े सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये भी जरूरी है। आज पूरे विश्व में जलवायु परिवर्तन के कारण जल स्रोतों पर नष्ट होते पर्यावरण की काली छाया गहराने लगी है। पत्रकार अशोक शर्मा ने इंटरनेशनल वाटर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट
जल-मल निस्तारण एवं सफ़ाई पर जिम्बाब्वे में प्रसारित एक इंटरव्यू…
WSSCC नामक संस्था की जल-मल निस्तारण एवं स्वास्थ्य संयोजक, नोमा नेसेनी से बुसानी बफ़ाना का लिया हुआ एक साक्षात्कार, जिसमें उन्होंने जिम्बाब्वे में जारी “सफ़ाई कार्यक्रम” एवं उसके क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं के बारे में बताया…