भोपाल जिला

Term Path Alias

/regions/bhopal-district

कीमती जमीनों पर बैठे हुए लोग
Posted on 21 Jul, 2014 03:39 PM गरीबों का उजड़ता आशियानामध्य प्रदेश में एक बार फिर से झुग्गियों को हटाने का काम चल पड़ा है इनमें से ज्यादातर झुग्गी बस्तियां नालों के किनारे बसी हुई हैं जिनके लिए
ग्रामीण विकास के लिए जरूरी है लेबर बजट
Posted on 20 Jul, 2014 11:10 AM पिछले सालों का अनुभव यह बताता है कि लेबर बजट को यथार्थवादी तरीके स
बढ़ता शहरीकरण और टीबी
Posted on 12 Jul, 2014 01:48 PM शहरों में पलायन कर बसने वाला समुदाय अत्यंत भीड़ भरे एवं अस्वास्थ्य
बनेगी रणस्थली, खूबसूरत मणिबेली
Posted on 07 Jul, 2014 03:22 PM धन और समय के कारण जन-आंदोलनों की अपनी सीमाएं होती है। लेकिन फिर भी
अब प्रदूषण से निजात दिलाएगा ‘वरदान’
Posted on 07 Jul, 2014 12:03 PM अपनी संवेदनशीलता व एस्कोरबिक एसिड व क्लोरोफिल की वजह से हवा में तैर
भुखमरी के आलम में प्रेरणा का एक शिविर
Posted on 30 Jun, 2014 03:19 PM खोरा, ठीकरिया, भंडारिया आदि गांवों की तथा पंप लगा देने पर भूरी घाट
शेर-शेरनी या हम
Posted on 29 Jun, 2014 01:24 PM दिल्ली से निकलने वाले उस समय के एक प्रसिद्ध अंग्रेजी अखबार में एक दिन पहले पन्ने पर खबर छपी थी- मध्य प्रदेश के एक बहुत ही दुर्गम इलाके पातालकोट में एक शेर नरभक्षी हो गया है और उसने अब तक छह लोगों को मार डाला है। बड़ा आतंक फैल गया है वहां। अखबार तो प्रसिद्ध था ही, उसके भोपाल स्थित ये संवाददाता भी बड़े प्रसिद्ध थे। अपनी-अपनी सुंदर जगहों को लोग कुछ तो अपनेपन से, और कुछ घमंड से भी दुनिया का स्वर्ग बताते ही हैं। अक्सर इसके लिए कुछ पहाड़ की, कुछ ऊंचाई की भी जरूरत होती है पर अपनी किसी जगह को पाताल बताने के लिए एक खास तरह की गहराई चाहिए।

हमारा परिवार मध्य प्रदेश का है, पर कोई पच्चीस बरस का हो जाने तक भी मुझे पता नहीं था कि मध्य प्रदेश में एक जगह सचमुच पाताल जैसी गहरी है। इसका नाम ही है पातालकोट। छिंदवाड़ा जिले में। इसकी जानकारी और फिर इस पाताल में उतरने का संजोग भी एक विचित्र घटना से मिला था। वे दिन आपात्काल लगने के आसपास के थे। महीना वगैरह तो अब याद नहीं।

दिल्ली से निकलने वाले उस समय के एक प्रसिद्ध अंग्रेजी अखबार में एक दिन पहले पन्ने पर खबर छपी थी- मध्य प्रदेश के एक बहुत ही दुर्गम इलाके पातालकोट में एक शेर नरभक्षी हो गया है और उसने अब तक छह लोगों को मार डाला है।
environment
हरसूद का संकल्प मेला; अस्वीकृति में उठे हजारों हाथ
Posted on 06 Jun, 2014 11:53 AM जहां तक विकल्प का सवाल है उसकी चर्चा यहां संभव नहीं है, लेकिन एक ह
Amazon
व्यवस्था से पिसते आदिवासी
Posted on 26 Apr, 2014 12:40 PM बारेला आदिवासी अपनी पंरपरागत दिनचर्या से दूर होकर वर्तमान समय के सा
लोकतंत्र में किसान की पैरवी
Posted on 08 Mar, 2014 09:29 AM

एकता परिषद् और केंद्र सरकार के बीच भूमि सुधारों को लेकर आगरा में हुआ समझौता एक बार पुनः अपनी पर

×