भोपाल जिला

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ऐतिहासिक त्रासदी और एंडरसन
Posted on 12 Jan, 2015 11:53 AM भोपाल में 2-3 दिसम्बर, 1984 की दरम्यानी रात हुए गैस काण्ड का दर्द लोगों के जेहन में एकदम ताजा हो उठा, जब शहरवासियों ने भोपाल गैस त्रासदी पर बनी फिल्म ‘भोपाल : अ प्रेयर फॉर रेन’ देखी। उस भयावह त्रासदी से दर्शक दुबारा रूबरू हुए। खचाखच हुए दर्शकदीर्घा में प्रदेश के मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह के साथ ही कई मन्त्रीगण सपरिवार उपस्थित थे। मुख्यमन्त्री फिल्म देख
ऐसी त्रासदी जिससे राष्ट्र भी हारा
Posted on 09 Dec, 2014 12:13 PM 2-3 दिसम्बर, 1984 की उस दुर्भाग्यपूर्ण रात को भोपाल में यूनियन कार्बाइड संयंत्र के आसपास के क्षेत्र में रह रहे हजारों लोगों को त्रासदी से प्रभावित हुए तीन दशक बीत चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद पीड़ितों व रोगियों को आज तक न्याय नहीं मिल पाया है। इस बात को समझने को प्रयास करने की कोई तुक नहीं है कि वॉरेन एंडरसन को कैसे और क्यों भाग जाने दिया गया।

वॉरेन एंडरसन की मृत्यु हो चुकी है और उस पर कभी भी मुकदमा दायर नहीं किया जाएगा। भोपाल गैस त्रासदी का एक शर्मनाक पहलू जो शेष रह जाता है वो यह कि यह अब केवल ऐसी अखबार की कहानी रह गई है जो सक्रियतावादियों द्वारा समर्थित परिवारों द्वारा मोमबत्ती की रोशनी में निकाले गए विरोध जुलूस के माध्यम से समय-समय पर प्रकाशित होती रहती है।
भोपाल गैस त्रासदी : हर मोर्चे पर असफल है सरकार
Posted on 03 Dec, 2014 01:37 PM दुनिया के भीषणतम् औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक भोपाल गैस त्रासदी को हुए 30 साल हो गए, पर उस घटना की चपेट में आए लाखों लोगों के जख्म आज तक नहीं भर पाए हैं। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड से 2-3 दिसंबर, 1984 की रात को मिथाइल आइसो सायनेट गैस की रिसाव में 15274 लोगों की मौत हुई थी और 5 लाख 73 हजार लोग सीधे तौर पर घायल हुए थे।
भोपाल गैस त्रासदी के तीन दशक
Posted on 03 Dec, 2014 11:47 AM

स्वच्छता को मुंह चिढ़ाता यूनियन कार्बाइड का कचरा

भोपाल गैस त्रासदी के तीन दशक बाद भी इस सवाल का जवाब न तो केंद्र सरकार के पास है और न ही राज्य सरकार के पास कि यूनियन कार्बाइड के कचरे का निष्पादन अभी तक क्यों नहीं हो पाया? इसके लिए दोषियों को सजा देने की मांग कर रहे स्थानीय रहवासियों एवं गैस पीड़ितों को अभी भी यहां के जहरीले कचरे का प्रभाव झेलना पड़ रहा है।

कई सरकारी एवं गैर सरकारी अध्ययनों में यह साफ कहा जा रहा है कि इस जहरीले कचरे के कारण आसपास की मिट्टी एवं जल प्रदूषित हो गई है, पर निष्पादन के नाम पर अभी तक आश्वासन ही मिलता आया है। स्थानीय बच्चे यूनियन कार्बाइड के कचरे को डंप करने के लिए बनाए गए सोलर इंपोरेशन तालाब के बारे में यह जानते हैं कि यहां यूनियन कार्बाइड का कचरा डाला जाता था, पर उन्हें यह नहीं मालूम कि यह जहरीला है।

Union Carbide Garbage
भोपाल गैस त्रासदी : और हम देखते रहे
Posted on 29 Nov, 2014 09:58 AM

जब अहल-ए-सफा-मरदूद-ए-हरम
मसनद पे बिठाये जाएंगे
सब ताज उछाले जाएंगे
सब तख्त गिराए जाएंगे
हम देखेंगे

फैज

. भोपाल गैस त्रासदी को इस 3 दिसंबर को 30 बरस हो जाएंगे। त्रासदी में अनुमानतः 15 हजार से 22 हजार लोग मारे गए थे और 5,70,000 भोपाल निवासी या तो घायल हुए या बीमार और अब तक घिसट-घिसटकर अपना जीवन जी रहे हैं। इन तीस वर्षों में कांग्रेस, भाजपा, कम्युनिस्ट, समाजवादी, तृणमूल से लेकर अन्नाद्रमुक व द्रमुक जैसे क्षेत्रीय दल केंद्र सरकार पर काबिज हुए और चले गए। यानि ताज उछाले भी गए और तख्त गिराए भी गए, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। लेकिन हम देखते ही रहे।

bhopaal gais traasadee
नर्मदा घाटी के धार जिले में किसान मजदूर मछुआरे कुम्हार जताएंगे अपने ज़मीन पर हक
Posted on 24 Oct, 2014 04:09 PM धार जिले में दिए सैकड़ो आवेदन
धार, 17 अक्टूबर: जैसा की आपने सुना होगा की कल भोपाल में नर्मदा घाटी के सरदार सरोवर प्रभावित सैकड़ो की संख्या में पहुँच कर नए भू-अर्जन कानून के तहत भू-स्वामी होने की ऐतेहासिक घोषणा की । बड़ी संख्या में किसान, मजदूर, मछुआरे आदि के दौरान सरदार सरोवर प्रभावितों को बिना पुनर्वास डूबना और बाँध की उंचाई बढ़ने के निर्णय का विरोध किया । इसी कड़ी में आज धार जिले में विशाल कार्यक्रम हुआ।

हाथ धुलाई में विश्व रिकॉर्ड के लिए मध्य प्रदेश ने किया प्रयास
Posted on 18 Oct, 2014 09:28 AM
मध्य प्रदेश में बड़े स्तर पर सही तरीके से हाथ धुलाई को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ मध्य प्रदेश अभियान के तहत विश्व हाथ धुलाई दिवस के दिन प्रदेश के लाखों स्कूली बच्चों के हाथ धुलवाए गए। स्वच्छता को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य की स्थितियों में सुधार के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश टेक्निकल असिसटेंट सपोर्ट टीम और वाटर एड के साथ मिलकर गिनिज बुक ऑफ रिकॉर्ड
हाथ की सफाई
नदी पुनर्जीवन की राह आसान करता नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल
Posted on 22 Aug, 2014 11:36 AM
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 20 अगस्त, 2014 के अपने अंतरिम फैसले में मध्य प्रदेश सरकार को निर्देशित किया है कि वह बेतवा की सहायक नदी कलियासोत नदी के दोनों ओर 33 मीटर के क्षेत्र को नो-कंस्ट्रक्शन जोन घोषित करे और नदी के दोनों ओर 33 मीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्र को ग्रीन बेल्ट घोषित कर, सभी अवैध निर्माण कार्यों को तुड़वाए और निर्माण कार्यों के तुड़वाने
river rejuvenation
सामाजिक अंकेक्षण के लिए संघर्ष
Posted on 16 Aug, 2014 01:56 PM सामाजिक अंकेक्षण प्रत्येक गांव की ग्राम सभा में करना अनिवार्य है, ज
बैगाओं को नहीं मालूम कैसे मिलेगी रोजगार गारंटी
Posted on 11 Aug, 2014 06:08 PM

वनोपज एवं मजदूरी पर आश्रित इन बैगाओं को रोजगार के लिए आसपास के शहरों में पलायन भी करना पड़ता है।

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