बाबा मायाराम
बाबा मायाराम
बरसाती हो गईं सतपुड़ा की नदियां
Posted on 05 Oct, 2013 10:39 AMसतपुड़ा की नदियां वनजा हैं, हिमजा नहीं। यानी उनका जलस्त्रोत वन हैं,![machhwasa river](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/machhwasa%20river_0_4.jpg?itok=qfPnNEks)
पालेकर की पाठशाला
Posted on 14 Sep, 2013 02:50 PMएक दिन वे अपने कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलने गए, जो उन्हें बेहद स्नेह करते थे और यह सवाल उनके सामने रखा क
![Sunil bhai](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/Sunil%20bhai_0_3.jpg?itok=Xlad9_op)
बांधों से बढ़ गया बाढ़ का संकट
Posted on 03 Sep, 2013 04:10 PM होशंगाबाद जिले की दुधी, मछवासा, ओल, कोरनी आदि सभी नदियां सतपुड़ा से निकली हैं। नाम भी बहुत अच्छे हैं। दुधी यानी दूध जैसा साफ पानी![flood](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/flood_10_4.jpg?itok=DMP88Z8j)
बारिश ने बढ़ाया किसानों का संकट
Posted on 03 Aug, 2013 01:17 PMमध्य प्रदेश में होशंगाबाद जिले में सोयाबीन की खेती की शुरूआत हुई। प![rain water](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/rain%20water_18.jpg?itok=CYtonhTv)
नदियों के दम तोड़ने से मछुआरों की रोजी-रोटी संकट में
Posted on 03 Aug, 2013 12:36 PM आधुनिक खेती में ज्यादा प्यासे बीजों के आने से भी नदियों के भू-पृष्ठ के पानी को खींचा ही जा रहा है। सी![river](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/river_26_3.jpg?itok=TbcrA8Nv)
देनवा का अनुपम सौंदर्य
Posted on 20 Jul, 2013 09:14 AM कुल मिलाकर, देनवा जैसी छोटी नदियों का बहुत महत्व है। सतपुड़ा से निकलने वाली ज्यादातर नदियां धीरे-धीरे![denwa river](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/denwa%20river_3.jpg?itok=ont7ZRn2)
जैविक खेती से मड़िया की पैदावार दोगुनी
Posted on 18 Jul, 2013 09:55 AMमड़िया सरसों की तरह छोटा अनाज होता है। इसे रागी, नाचनी और मड़ुआ नाम से भी जाना जाता है। इसे हाथ की चक्की में दर
![organic farming](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/organic%20farming_3_4.jpg?itok=HFkdEwMg)
चुटका परमाणु बिजली-घर के खिलाफ संघर्ष रंग लाया
Posted on 26 May, 2013 10:27 AMमध्यप्रदेश का चुटकी जैसा दिखने वाला गांव चुटका, अब देश-दुनिया में मिसाल बन गया है। यहां के मामूली से दिखने वाले लोगों ने अपनी ताकत से सरकार को झुका दिया है। भारी जन दबाव को देखते हुए चुटका परमाणु बिजली-घर की पर्यावरण मंजूरी के लिए 24 मई को होने वाली जन सुनवाई को रद्द करना पड़ा। इसके लिए प्रशासन ने भारी खर्च करके सर्वसुविधायुक्त भव्य टेंट लगाया था लेकिन उसे उखाड़कर वापस ले जाना पड़ा।