बाबा मायाराम
बाबा मायाराम
नदी सूखने से रोजी पर संकट
Posted on 24 May, 2014 11:45 AMसदानीरा दुधी विगत कुछ बरसों से बरसाती नदी बन गई है। गरमी आते ही जवाब देने लगती है। इस साल अभी दुधी की पतली धार चल रही है। पलिया पिपरिया में यह दिखती है लेकिन नीचे परसवाड़ा में कुछ जगह डबरे भरे हैं, धार टूट गई है। इस नदी के किनारे रहने वाले रज्झर अब इन डबरों और कीचड़ में मछली पकड़ते हुए दिखाई देते हैं। इस नदी में पहले मछलियां मिलती थी और रज्झर समुदाय के लोगों का यह पोषण का मुख्य स्रोत हुआ करती थी। अब जब नदी सूख गई है, बहुत मुश्किल है। “पहले हम दुधी नदी में मच्छी पकड़ते थे, अब नदी सूख गई। खकरा और माहुल के पत्तों से दोना-पत्तल बनाते थे, अब उनका चलन कम हो गया। जंगलों से महुआ-गुल्ली, तेंदू, अचार लाते थे, वे अब नहीं मिलते। ऐसे में हमारा रोजी-रोटी का संकट बढ़ रहा है।” यह कहना है पलिया पिपरिया के रज्झर समुदाय के लोगों का।होशंगाबाद जिले की बनखेड़ी तहसील के पलिया पिपरिया गांव में नदी किनारे रज्झर मोहल्ला है। इस मोहल्ला के ज्यादातर बुजुर्ग और बच्चे करीब 20 साल पहले तक दुधी नदी में मछली पकड़ते थे।
सदानीरा दुधी विगत कुछ बरसों से बरसाती नदी बन गई है। गरमी आते ही जवाब देने लगती है। इस साल अभी दुधी की पतली धार चल रही है। पलिया पिपरिया में यह दिखती है लेकिन नीचे परसवाड़ा में कुछ जगह डबरे भरे हैं, धार टूट गई है। इस नदी के किनारे रहने वाले रज्झर अब इन डबरों और कीचड़ में मछली पकड़ते हुए दिखाई देते हैं।
सुनील भाई का जाना
Posted on 23 May, 2014 02:29 PMसुनील और राजनारायण ने आदिवासियों के साथ मिलकर 1985 में किसान आदिवासनदी जो रोजी-रोटी थी
Posted on 18 May, 2014 02:37 PMमैं जब गांव से लौटने लगा तो नदी सूखी थी। कुछ डबरे भरे हुए थे उनमेंलाख की खेती नहीं होने से रोजी का संकट
Posted on 13 May, 2014 11:05 AMपहले जंगल से वनोपज मिल जाती थी। महुआ, गुल्ली, तेंदू, अचार, गोंद, आंसौर ऊर्जा से रोशन होते गांव
Posted on 03 May, 2014 09:59 AMसाफ-सुथरी नदी व कल-कल बहता पानी और उसमें खेलते बच्चे। स्नान करने आबैगाओं की बेंवर खेती से मिलता है संतुलित भोजन
Posted on 24 Feb, 2014 04:23 PMबेंवर खेती जैविक, हवा और पानी के अनुकूल और मिश्रित है। यह सुरक्षित खेती भी है कि चूंकि इसमें मिश्रित खेती होती है अगर एक फसल मार खस्वाद और पौष्टिकता से भरपूर देशी बीज
Posted on 19 Jan, 2014 03:59 PMबैगाओं के पारंपरिक मिश्रित खेती में खाद्य सुरक्षा तो होती है स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ मवेशियों