बाबा मायाराम

बाबा मायाराम
मजदूरों की रोटी छीनता हार्वेस्टर
Posted on 01 May, 2012 04:14 PM

पर्यावरण और मिट्टी को बचाने की जरूरत है। खेतों के आसपास हरे-भरे वृक्षों को बचाने की जरूरत है। मेढ़बंदी और भू तथा

harvester
स्वाद में बेजोड़ हैं देशी बीज
Posted on 09 Apr, 2012 01:47 PM

बाबूलाल दाहिया के पास धान की 70 किस्में हैं। जिसमें कुछ सुगंधित हैं तो कुछ बिना सुगंध की। कम अवधि में पकने वाली

organic paddy seed
क्यों बढ़ रहा है जल-संकट
Posted on 05 Apr, 2012 06:22 PM

कुछ समय पहले तक गांव में कच्चे घर होते थे। घर के आगे पीछे काफी जगह होती थी। खेती-किसानी के काम में घरों में ज्या

Dokri kheda dam
केंचुआ: एक सदाबहार हलवाहा
Posted on 26 Mar, 2012 01:51 PM

अब हमें मिट्टी के संरक्षण और संवर्धन पर जोर देना चाहिए। गोबर खाद, हरी खाद, कम्पोस्ट खाद, केंचुआ खाद, जीवामृत आदि

Earthworm
सतपुड़ा की अनूठी खेती पद्धति है उतेरा
Posted on 23 Mar, 2012 03:44 PM

कई फसलें एक साथ बोने से पोषक तत्त्वों का चक्र बराबर बना रहता है। अनाज के साथ फलियों वाली फसलें बोने से नाइट्रोजन

utera farming
कृषि का वैकल्पिक रास्ता
Posted on 09 Jan, 2012 02:09 PM

कुदरती खेती एक जीवन पद्धति है। इसमें मानव की भूख मिटाने के साथ समस्त जीव-जगत के पालन का विचार

organic farming
वन विभाग की जमींदारी
Posted on 19 Sep, 2011 11:08 AM

भारत में निजी जमींदारी प्रथा कानूनी तौर पर भले ही समाप्त हो गई हो लेकिन वन विभाग के रूप में सर

forest
मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्या
Posted on 26 Aug, 2011 11:46 AM

होशंगाबाद। पिछले साल बनखेड़ी तहसील के भैरोपुर गांव में रहने वाले युवा किसान मिथलेश रघुवंशी ने जब अपने खेत में ट्यूबवेल लगवाया तो उन्हें उम्मीद थी कि पानी के साथ घर में खुशहाली आएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पहले सोयाबीन की फसल बर्बाद हुई तो 6 एकड़ के किसान मिथलेश ने हौसला रखा और अपने खेत में गेहूं कि फसल लगाई। लेकिन गेहूं की फसल ने भी दगा दे दिया। आखिरकार 22 साल के मिथलेश ने सल्फास की गोली खा कर अपनी

अमान सिंह की पत्नी और बेटे
क्या नर्मदा की निर्मल चादर मैली होगी?
Posted on 07 Apr, 2011 12:57 PM

मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के सांईखेड़ा विकासखंड में एन.टी.पी.सी. के कोयला बिजलीघर लगने की खबर से गांववासी आंदोलित हैं। वे अपने घर-जमीन बचाने के लिए महात्मा गांधी की राह पर चलकर सत्याग्रह कर रहे हैं। धरना, प्रदर्शन और संकल्प का सिलसिला चल रहा है। वे प्रशासन के आला अफसरों से लेकर मुख्यमंत्री तक से मिल चुके हैं लेकिन अब तक उन्हें कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं मिला है।

Narmada river
दम तोड़ रही हैं सतपुड़ा की नदियां
Posted on 07 Apr, 2011 11:29 AM

आमतौर पर जब कभी नदियों पर बात होती है तो ज्यादातर वह बड़ी नदियों पर केंद्रित होती है। लेकिन इन सदानीरा नदियों का पेट भरने वाली छोटी नदियों पर हमारा ध्यान नहीं जाता, जो आज अभूतपूर्व संकट से गुजर रही हैं। अगर हम नजर डालें तो पाएंगे कि कई छोटी-बड़ी नदियां या तो सूख चुकी हैं या फिर बरसाती नाले बनकर रह गई हैं। गांव-समाज के बीच से तालाब, कुंए और बाबड़ी जैसे परंपरागत पानी के स्रोत तो पहले से ही खत्म ह

river in satpura
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