बाबा मायाराम
क्या बच पाएगी नर्मदा की मेला संस्कृति
Posted on 30 Jan, 2013 05:09 PM नर्मदा पर नया संकट आ गया है। कुछ थर्मल पावर प्लांट व एक परमाणु बिजयाद आते हैं सतपुड़ा के जंगल और नदियां
Posted on 06 Dec, 2012 01:25 PM नदियों के लिए जंगल होना जरूरी है। जंगल और पेड़ ही पानी को थामकर रखते थे। यहां की नदियां और झरने सदाबहनर्मदा की निराली छटा
Posted on 04 Dec, 2012 11:06 AMशहरीकरण, औद्योगीकरण और नए पावर प्लांटों के कारण नर्मदा में प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। बड़े बांध बनाकर उसकी अविर
एचएमटी धान को विकसित करने वाला किसान गुमनामी में
Posted on 17 Aug, 2012 04:55 PMमहाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के नांदेड़ गांव में करीब डेढ़ एकड़ वाले किसान दादाजी रामाजी खोब्रागड़े ने खेती करते
हल-बैल की खेती याद कर रहे हैं मुसीबत में फंसे किसान
Posted on 17 Aug, 2012 04:09 PMपरंपरागत खेती में बैलों से जुताई, मोट और रहट से सिंचाई और बैलगाड़ी के जरिये फसलों व अनाज की ढुलाई की जाती थी। खे
जैविक खेती से धान की पैदावार बढ़ाने की मेडागास्कर पद्धति
Posted on 17 Aug, 2012 03:09 PMजैविक खेती से मिट्टी की उर्वरता उत्तरोतर बढ़ती जाती है। मिट्टी में पानी का भराव नहीं होने पर वायु संचरण से गोबर
बांधों से आई बाढ़ की आफत
Posted on 17 Aug, 2012 12:31 PMआजकल बाढ़ प्राकृतिक होने की बजाय मानव निर्मित ज्यादा दिखाई देने लगी है। बाढ़ से बचने के लिए हमें नदियों के जल-भर
सिर्फ फसल नहीं, कृषि संस्कृति है बारहनाजा
Posted on 23 Jul, 2012 09:47 AMजिस तरह प्रकृति में विविधता है उसी तरह फसलों में भी दिखाई देती है। कहीं गरम, कहीं ठंडा, कहीं कम गरम और ज्यादा ठं
महिलाएं ही बचा सकती हैं खेती को
Posted on 03 Jul, 2012 02:05 PMयह कहा जा सकता है कि कृषि में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। खासतौर पर जंगल और पहाड़ में खेती उन पर ही निर्भर
खरपतवार को दोस्त बनाकर बिना जुताई की खेती
Posted on 01 May, 2012 05:11 PMमध्य प्रदेश के होशंगाबाद शहर से भोपाल की ओर मात्र 3 किलोमीटर दूर है टाईटस फार्म। यहां पिछले 25 साल से कुदरती खेती का अनोखा प्रयोग किया जा रहा है। राजू टाईटस जो स्वयं पहले रासायनिक खेती करते थे, अब कुदरती खेती के लिए विख्यात हो गए हैं। उनके फार्म को देखने देश-विदेश के कई लोग आते हैं। होशंगाबाद जिले में हाल ही में 3 किसानों की आत्महत्याएं हुई हैं, इससे वे विचलित हैं, पर निराश नहीं। वे कुदरती ख