/topics/conservation-reducing-water-usage
संरक्षण - जल उपयोग को कम करना
सिवनी : खोदे तालाब तो भूजल स्तर को मिला नवजीवन
Posted on 30 Aug, 2024 11:55 AMजिन खेतों के नलकूप का पानी सूख गया था, वहां बने तालाब में संग्रहित वर्षा का पानी खुशहाली लाया है। खाली पड़ी कृषि भूमि में खोदे गए छोटे-छोटे लगभग तीन हजार तालाबों ने मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के खेतों में हरियाली फैला दी है। जल संरक्षण का नया आयाम गढ़ने के साथ ही भूजल स्तर बढ़ा रहे इन तालाबों से स्वरोजगार के रास्ते भी खुल रहे हैं। वर्ष 2024 में 3,419.
विकसित भारत के लिए भंडारण अवसंरचना के साथ सतत खाद्य प्रणालियों को आकार देना जरूरी
Posted on 24 Feb, 2024 02:07 PMएक अनुकूल भंडारण अवसंरचना कृषि खाद्य प्रणालियों की निरंतरता की कुंजी है जिससे आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय विकास लक्ष्यों के साथ-साथ भविष्य की पीढ़ियों के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित होगी। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र-विकसित भारत बनने की राह पर है। अनुमान है कि 2047 तक भारत की जनसंख्या 1.64 बिलियन होगी, जिसमें से लगभग 0.82 बिलियन
स्मार्टमीटर का उपयोग करके ग्रामीण घरों में जल आपूर्ति की निगरानी
Posted on 08 Feb, 2024 12:07 PMसरपंच, श्री जसपाल सिंह के लिए वह बहुत गर्व का क्षण था जब इस वर्ष डबाली गांव, जल जीवन मिशन के अंतर्गत 'हर घर जल गांव' बन गया। घरों के जल उपयोग की निगरानी हेतु 145 घरेलू कनेक्शनों में जल मीटर लगाया गया। डबाली गांव पंजाब के एसएएस नगर जिले का एक छोटा कृषि संपृष्ट गांव हैं। पहले यहां के लोग जल की दैनिक आवश्यकता के लिए ट्यूबवेलों पर निर्भर करते थे।
पंजाब में समुदाय, पेयजल प्रबंधन में नेतृत्व कर रहे हैं
Posted on 07 Feb, 2024 04:57 PMहोशियारपुर जिले के कंडी क्षेत्र का तखनी गांव शिवालिक पहाड़ी की घाटी में स्थित एक सुदुर गांव है जिसमें 165 परिवार हैं। पहले गांव वालों को पेयजल हेतु इस क्षेत्र से गुजरने वाली नदियों और खुले कुओं पर निर्भर रहना पड़ता था। संदूषित जल के सेवन से गांव वालों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती थीं।
मध्य प्रदेश में जल जीवन मिशन ने नल जल कनेक्शन प्रदान करके घरेलू जल सुरक्षा में सुधार किया
Posted on 07 Feb, 2024 04:11 PMनर्मदा नदी के दक्षिण भाग में स्थित सतपुरा पहाडों की गोद में बसे बारवानी जिले में गर्मी के मौसम में ऊंची-नीची सूखी चट्टाने भरी होती हैं जो वर्षा ऋतु में फिर हरी-भरी घाटी बन जाती है। जल की उपलब्धता के बावजूद इस जिले को अर्ध-शुष्क क्षेत्र माना जाता है क्योंकि यहां का पानी बह जाता है तथा यहां जल संरक्षण तथा पुनर्भरण के उपायों की कमी है। गर्मियों में जिले की ज्यादातर आबादी को जल संकट का सामना करना प
प्रौद्योगिकी द्वारा समुदाय की जरूरतों की पूर्तिः गुजरात निगरानी 'पानी समिति' दक्षता
Posted on 07 Feb, 2024 01:16 PMभारत का पश्चिमी राज्य गुजरात, जो पहले से ही अपने जिलों में पानी की आपूर्ति को बढ़ाने के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है, को अपनी संभावना तलाशने का एक और अवसर मिल जाता है। राज्य ने तकनीक आधारित समाधानों में निवेश किया है ताकि पानी समितियों के कार्य निष्पादन की निगरानी के लिए उन्हें कुशलतापूर्वक सेवाएं प्रदान करने में मदद मिल सके।
प्रौद्योगिकी द्वारा समुदाय की जरूरतों की पूर्तिः गुजरात निगरानी 'पानी समिति' दक्षता
Posted on 07 Feb, 2024 01:16 PMभारत का पश्चिमी राज्य गुजरात, जो पहले से ही अपने जिलों में पानी की आपूर्ति को बढ़ाने के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है, को अपनी संभावना तलाशने का एक और अवसर मिल जाता है। राज्य ने तकनीक आधारित समाधानों में निवेश किया है ताकि पानी समितियों के कार्य निष्पादन की निगरानी के लिए उन्हें कुशलतापूर्वक सेवाएं प्रदान करने में मदद मिल सके।
पीने योग्य पेयजल के लिए अभिनव समाधान
Posted on 06 Feb, 2024 12:00 PMभारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जो वैश्विक आबादी का लगभग 16% है। चूंकि आधी से अधिक भारतीय आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, अतः सुरक्षित पेयजल की बुनियादी आवश्यकता सहित बुनियादी आवश्यकताओं की पहुंच, उपलब्धता और सामर्थ्य की आवश्यकता को महत्व दिया जाता है।
जीईएम पर जल आपूर्ति प्रणालियों की स्मार्ट माप और निगरानी के लिए मास्टर सिस्टम इंटीग्रेटर (एमएसआई)
Posted on 05 Feb, 2024 02:03 PMजल जीवन मिशन (जेजेएम) 2024 तक भारत के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नियमित और दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित गुणवत्ता (बीआईएस 10500: 2012) के 55 एलपीसीडी (प्रति व्यक्ति प्रति दिन) वाले पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में अग्रसर है। चूंकि सभी ग्रामीण परिवारों में पाइप से जलापूर्ति कनेक्शन सुनिश्चित करने के मिशन लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में बुनियादी ढांचा निर्माण तेजी से प्रगति कर रहा है,
जल संरक्षण क्या है
Posted on 15 Jan, 2024 03:30 PMभारतीय समाज लंबे समय से अनेक विधियों से वर्षाजल संचयन करते आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत वर्षा जल संचयन स्थानिक परिस्थितियों के अनुसार सतही जलाशयों, जैसे- झीलों, तालाबों,सिंचाई तालाबों आदि में किया जाता है। राजस्थान में वर्षा जल संचयन ढाँचे जिन्हें कुंड अथवा टाँका; एक ढका हुआ भूमिगत टंकी के नाम से जानी जाती है जिनका निर्माण घर अथवा गाँव के पास या घर में संग्रहित वर्षा जल को एकत्र कर