पीने योग्य पेयजल के लिए अभिनव समाधान

पीने योग्य पेयजल के लिए अभिनव समाधान
पीने योग्य पेयजल के लिए अभिनव समाधान

भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जो वैश्विक आबादी का लगभग 16% है। चूंकि आधी से अधिक भारतीय आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, अतः सुरक्षित पेयजल की बुनियादी आवश्यकता सहित बुनियादी आवश्यकताओं की पहुंच, उपलब्धता और सामर्थ्य की आवश्यकता को महत्व दिया जाता है।

पेयजल की कमी की समस्या का समाधान करने के लिए, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन (जेजेएम) की घोषणा की, जिसे 2024 तक नल कनेक्शन के माध्यम से सभी ग्रामीण परिवारों को सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल प्रदान करने के उद्देश्य से पेयजल आपूर्ति क्षेत्र के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण तैयार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पीने के पानी की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने तथा इसकी निगरानी करने और उपचारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता वाले किसी भी संदूषण  का पता लगाने के लिए, एनजेजेएम ने एक जल गुणवत्ता प्रबंधन सूचना प्रणाली (डब्ल्यूक्यएमआईएस) विकसित की है। फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) का उपयोग करके समुदाय द्वारा पानी के नमूने एकत्र किए जाते हैं और जहां पीने योग्य पानी में सुधार की आवश्यकता हो, वहां परीक्षण के परिणामों को उपचारात्मक कार्रवाई के लिए डब्ल्यूक्यूएम आईएस में अपलोड किया जाता है।

जल गुणवत्ता परीक्षण की प्रक्रिया को आसान बनाने के दृष्टिकोण से, पेयजल और स्वच्छता विभाग ने इन्वेस्ट इंडिया के सहयोग से दिसंबर 2020 में पेयजल गुणवत्ता के परीक्षण के लिए पोर्टबल डिवाइस विकसित करने के लिए इनोवेशन चैलेंज' शुरू किया था। इन्वेस्ट इंडिया भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के तत्वावधान में भारत की राष्ट्रीय निवेश संवर्धन और सुविधा एजेंसी है।

इनोवेशन चैलेंज की परिकल्पना लोगों को अपने घरों में पीने के पानी की गुणवत्ता का परीक्षण करने और डिजिटल पोर्टेबल जल गुणवत्ता परीक्षण उपकरणों के माध्यम से पानी की पीने योग्य गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सुविधाजनक और सशक्त बनाने के लिए की गई थी। इस चैलेंज के तहत स्टार्टअप, एमएसएमई, व्यक्तिगत नवप्रवर्तनकों और कॉर्पोरेट्स से समाधान आमंत्रित किए गए, जो अभिनव, मॉड्यूलर और लागत प्रभावी उपकरणों के निर्माण पर केंद्रित हों और महत्वपूर्ण मापदंडों के लिए पानी का तुरंत, आसान और सटीक रूप से परीक्षण कर सकते हों।

प्रतिभागियों को उन समाधानों को लाने के लिए प्रोत्साहित किया गया जो पोर्टेबल, ले जाने, संभालने और उपयोग करने में आसान थे और डिजिटल रूप से (डेटा ऑनलाइन स्थानांतरित करने के प्रावधान के साथ) परीक्षण से परिणाम प्रदान करते थे। परिभाषित उद्देश्यों को पूरा करने में विभाग की सहायता के लिए देश भर से 35 से
अधिक आवेदन प्राप्त हुए। आवेदनों के उचित मूल्यांकन के बाद, दस स्टार्टअप और एमएसएमई कार्यक्रम में लाभार्थियों के रूप से पहचान की गई।

इन कंपनियों को तब इस कार्यक्रम के तहत काम करने और व्यावसायीकरण के लिए अपने उपकरणों को विकसित करने का अवसर प्रदान किया गया था। इनक्यूबेशन भागीदार, कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर (केआईआईटी- टीबीआई) की मदद से, उन्हें अपने विचारों को आकार देने और उन्हें क्षेत्र में पानी की गुणवत्ता परीक्षण के लिए तैयार उपकरणों में परिवर्तित करने के लिए समर्पित सहायता प्रदान की गई। इन उपकरणों के विकास को समर्थकारी बनाने के लिए, प्रत्येक लाभार्थी को 25 लाख रुपये तक का सीड अनुदान और 2 लाख रुपये का नकद अनुदान प्रदान किया गया था। इस प्रक्रिया में मार्गदर्शन करने के लिए कार्यक्रम के हिस्से के रूप में लाभार्थियों को उद्योग विशेषज्ञों और उल्लेखनीय अनुसंधान संस्थानों के शिक्षाविदों द्वारा सलाह दी गई थी।

इस कार्यक्रम के तहत विकसित प्रोटोटाइप के लिए अंतिम उपभोक्ताओं हेतु सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रमाणपत्र और लाइसेंस के लिए आवेदन करना आवश्यक था। उपकरणों का परीक्षण क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाली राज्य स्वामित्व वाली प्रयोगशालाओं में किया गया था और प्रत्येक किट के प्रदर्शन पर विश्लेषण प्रदान किया गया। परिणामों में सामंजस्य सुनिश्चित करने और प्रत्येक परीक्षण कई-कई बार किये गए ताकि मार्जिन की पहचान हो सके। यदि उपकरण आवश्यकताओं को पूरा करता है और सभी परीक्षणों में निपुणता से प्रदर्शन करता है, तो इसे क्षेत्र परीक्षण के लिए आस-पास के गांवों में ले जाया गया और बाजार में उपलब्ध मैनुअल एफटीके के विरूद्ध तुलनात्मक अध्ययन भी किया गया। कई क्षेत्रीय दौरों में, एफटीके उपयोगकर्ताओं ने ऐसे डिजिटल उपकरणों की सराहना की जो उपयोग करने में आसान थे और उनके स्मार्टफोन पर तुरंत परिणाम प्रदान करते थे।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि नमूना जल परीक्षण से डेटा डब्ल्यूक्यूएमआईएस पोर्टल पर कैप्चर हो जाता है, पोर्टल पर परिणामों के सीधे अपलोड की अनुमति देने के लिए प्रत्येक डिवाइस और उसके मोबाइल एप्लिकेशन को एकीकृत किया गया। इससे पूर्व की त्रुटियों की संभावना कम होती है क्योंकि एफटीके उपयोगकर्ताओं ने मैन्युअल रूप से पोर्टल पर परिणाम अपलोड किए थे। यह विभाग को भारतीय गांवों में नल कनेक्शनों से पानी की गुणवत्ता पर नजर रखने और जहां भी आवश्यक । हो, उपचारात्मक कार्रवाई करने की अनुमति प्रदान करता है। आज, तीन लाभार्थियों ने उपकरणों को सफलतापूर्वक विकसित किया है और प्रदर्शन के सत्यापन के लिए विभिन्न चरणों और परीक्षणों को उतीर्ण किया है। इन उपकरणों में मालिकाना प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया गया है और प्रत्येक समाधान को अभिनव और अद्वितीय बनाने वाले मापदंडों के विभिन्न सेटों का परीक्षण किया जाता है। इस कार्यक्रम के तहत उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक समर्पित श्रेणी, 'डिजिटल वाटर क्वालिटी टेस्टर्स/एनालाइजर्स (जल जीवन मिशन)' बनाई गई है, वहां डिजिटल फील्ड टेस्ट किट और उपकरण सरकारी ई-मार्केटप्लेस पर खरीद के लिए उपलब्ध हैं।

जैसे-जैसे जल जीवन मिशन अपनी यात्रा में आगे बढ़ेगा, इस नवाचार चैलेंज के दायरे में पहचाने गए और विकसित किए गए समाधान भारतीय परिवारों को उनके नल कनेक्शन से गुणवत्तापूर्ण पेयजल तक पहुंचने में मदद करने में विभाग को एक उल्लेखनीय प्रोत्साहन प्रदान करेंगे।

स्रोत- जल जीवन संवाद । अंक 25 । अक्टूबर 2022

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Post By: Shivendra
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