/topics/conservation-reducing-water-usage
संरक्षण - जल उपयोग को कम करना
जल संरक्षण प्रौद्योगिकी का कार्यान्वयन
Posted on 18 Nov, 2023 04:37 PMआज भारत में ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व में जल उपलब्धता की समस्या विकराल रूप ले रही है। इस समस्या के समाधान हेतु विभिन्न राष्ट्रों की सरकारें तरह-तरह के उपाय कर रही हैं। भारत सरकार भी राष्ट्रीय स्तर पर जल शक्ति मंत्रालय के माध्यम से जल सुरक्षा के लिए दीर्घकालिक समाधान, लोक सहभागिता के माध्यम से साधने में जुटी है। जलग्रहण क्षेत्र पर आधारित विभिन्न परियोजनाओं के अध्ययनोपरांत यह निष्कर्ष निकला कि
![जल संरक्षण प्रौद्योगिकी का कार्यान्वयन](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-11/Water%20technology%20.jpeg?itok=YJYUExij)
जल संचयन के रंग-ढंग(Types of water harvesting In hindi)
Posted on 18 Nov, 2023 12:39 PMजैसे कि पहले बताया गया है कि जितनी वर्षा होती है उसका एक भाग सतही प्रवाह के रूप में जलग्रहण क्षेत्र से बाहर निकल कर नालों और नदियों के माध्यम से बहते हुए धीरे-धीरे अंततः समुद्र में मिल जाता है। एक भाग वाष्पोत्सर्जन के द्वारा वातावरण में चला जाता है और बाकी मृदा में रिसता हुआ भूजल में मिल जाता है। वर्षा जल सतही और भूजल के माध्यम से उपयोग किया जाता है। जल की प्रकृति उच्च ढलान से निम्न ढलान की ओर
![जल संचयन के रंग-ढंग](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-11/THE%20water%20harvesting%20.jpeg?itok=xqBbD7KR)
जल संचयन क्या है(What is water harvesting In hindi)
Posted on 18 Nov, 2023 11:35 AMपरिचय
पृथ्वी का दो तिहाई भाग जल और एक तिहाई भाग थल है। यद्यपि जल इस ग्रह का सर्वाधिक उपलब्ध संसाधन हैं परन्तु मानव उपयोग के लिये यह तीव्र गति से दुर्लभ होता जा रहा है। इस अपार जल राशि का लगभग 97.5% भाग खारा है और 2.5% भाग मीठा है। इस मीठे जल का भी 75% भाग हिमखण्डों के रूप में, 24.5% भूजल, 0.03% नदियों, 0.34% झीलों एवं 0.06% वायुमण्डल में विद्यमान है। ज्यों-ज्यो
![जल संचयन](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-11/Water%20harvesting.jpeg?itok=2NKVfk22)
जलाभाव की त्रासदी
Posted on 16 Nov, 2023 11:29 AMजलाभाव की समस्या मात्र भारत की ही नहीं अपितु विश्व की सबसे जवलंत समस्या है जब 21वीं सदी के प्रारंभ में ही इस समस्या ने इतना विकराल रूप 'धारण कर लिया है तो आगे आने वाले वर्षों में इसका रूप कितना भयानक होगा यह सोचकर भी दिल दहल जाता है। जन जीवन का पर्याय है। जब पृथ्वी पर पीने योग्य जल ही नहीं होगा तो मानव जीवन की कल्पना करना ही व्यथ है।
![जलाभाव की त्रासदी ,Pc-जल चेतना](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-11/Ph-1.png?itok=6DuQqZD0)
अकल्पनीय जल-संकट की ओर बढ़ रहा देश
Posted on 18 Oct, 2023 01:12 PMजलपुरुष राजेन्द्र सिंह कहते हैं कि देश भर में 10 साल पहले कुल 15 हजार के करीब नदियां थीं। इस दौरान करीब 30 फीसदी नदियां यानी साढ़े चार हजार के करीब सूख गई हैं, ये केवल बारिश के दिनों में ही बहती हैं। वे बताते हैं कि कुछ वर्ष पहले उनकी टीम ने देश भर में एक सर्वे किया था, जिससे पता चला कि आजादी से लेकर अब तक देश में दो तिहाई तालाब, कुएं, झील, पोखरे, झरने आदि पूरी तरह सूख चुके हैं। आजादी के समय दे
![अकल्पनीय जल-संकट की ओर बढ़ रहा देश](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/Water%20Crises%20_0.jpeg?itok=qms5J6MS)
राजस्थान में जल संसाधन संरक्षण एवं विकास
Posted on 12 Oct, 2023 01:51 PMसारांश
राजस्थान राज्य एशिया महाद्वीप के दक्षिण में स्थित भारत देश के उत्तर-पश्चिम में स्थित है जो क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का सबसे बड़ा राज्य माना जाता है। राजस्थान का अंक्षाशीय विस्तार 23°30" उत्तरी अंक्षाश से 30°12" उत्तरी अक्षाश एवं देशान्तरी विस्तार 69°30" पूर्वी देशान्तर से 78°17" पूर्वी देशान्तर के मध्य है। राज्य की दक्षिणतम सीमा बोरकुण्ड (बाँसवाडा
![राजस्थान में जल संसाधन संरक्षण एवं विकास](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/Rajasthan%20water%20conservation%20jpeg.jpeg?itok=5RgS43t8)
सीकर जिले में जल संरक्षण की परम्परागत एवं आधुनिक विधियों का एक विशेष अध्ययन
Posted on 11 Oct, 2023 04:55 PMप्रस्तावना
जल आपूर्ति की उपलब्धता, किसी भी क्षेत्र विशेष की प्रमुख आवश्यकताओं में एक है जिस हेतु वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जल संरक्षण अत्यावश्यक हो जाता है भूमिगत जल संरक्षण एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें जल अनेक प्रक्रियाओं द्वारा भूमि के नीचे पहुंचता है। जल निकासी व प्राकृतिक पुनर्भरण के मध्य असंतुलन की स्थिति में कृत्रिम रूप से जल का संरक्षण किया जाता है। इ
![सीकर जिले में जल संरक्षण की परम्परागत एवं आधुनिक विधियों का एक विशेष अध्ययन](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/new%20technology%20jal%20snarakshan.jpeg?itok=8KZC1XA9)
जलग्रहण क्षेत्र विकास कार्यक्रम का मूल्यांकन : करौली पंचायत में समिति के संदर्भ में अध्ययन
Posted on 11 Oct, 2023 12:05 PMसारांश
जल एक मूल्यवान प्राकृतिक संसाधन है। बढ़ती मांग पूरी करने के लिए जल का संरक्षण करने और सभी क्षेत्रों में जल को दूषित होने से बचाने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें वाटरशेड प्रबंधन से लेकर रेन वाटर हार्वेस्टिंग की तकनीकों को अपनाना होगा। वर्षा जल का संग्रहण संरक्षण तथा समुचित प्रबंधन आवश्यक है। करौली जिले में बढ़ती जनसंख्या शहरीकरण एवं सिंचित कृषि के विस्तार
![जलग्रहण क्षेत्र विकास कार्यक्रम का मूल्यांकन](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-10/Cachment%20area%20.jpeg?itok=RhXNnJJG)
ग्रेवॉटर प्रबंधन के लिए कार्य योजना
Posted on 11 Sep, 2023 03:24 PMविडंबना यह है कि पानी, इस ग्रह पर सबसे प्रचुर संसाधन, सबसे अधिक मांग वाला भी है !
![ग्रेवॉटर प्रबंधन के लिए कार्य योजना](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-09/Rural%20grey%20water%20.jpeg?itok=TUakiF76)
लोकरंग पानी के
Posted on 10 Aug, 2023 03:32 PMयह तथ्य समय सिद्ध सत्य है। कि जीवन का मूल आधार जल है। जल जीवन का प्राणदायी रूप लेकर जीवन निर्माण के पाँच तत्वों में से एक हैं। जल प्रकृति की देन है तथा जीवनभाव के लिए अमृत समान है। जल, पानी, नीर आदि अनेकों नामों से असामान्य गुणों के साथ सहज सर्वत्र उपलब्ध है। सामान्य रूप से जल का महत्व उसकी सहज, आसान तथा प्रचुर उपलब्धियाँ हैं। उसकी महत्ता के परिप्रेक्ष्य में हम उसका उपयोग नहीं रोक पाते है। समस्
![लोकरंग पानी के,फोटो क्रेडिट-IWP-Flicker](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-08/tap%20%20water%20.png?itok=EaCp13zA)