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संरक्षण - जल उपयोग को कम करना
वर्षा पर आधारित खेती हेतु भूमि एवं जल संरक्षण
Posted on 17 Sep, 2008 11:34 AMभूमि एवं जल प्रकृति द्वारा मनुष्य को दी गयी दो अनमोल सम्पदा हैं, जिनका कृषि हेतु उपयोग मनुष्य प्राचीन काल से करता आया है। परन्तु वर्तमान काल में इनका उपयोग इतनी लापरवाही से हो रहा है कि इनका सन्तुलन बिगड़ ही गया है तथा भविष्य मे इनके संरक्षण के बिना मनुष्य का अस्तित्व ही खतरे मे पड़ जायेगा। हमारे देश की आर्थिक उन्नति मे कृषि का बहुमूल्य योगदान है। देश मे लगभग 70 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि वर्षा पर
ड्यू वाटर हार्वेस्टिंग
Posted on 16 Sep, 2008 05:24 PMभुज [कच्छ], [आशुतोष शुक्ल]। आईआईएम अहमदाबाद के प्रो. गिरजा शरण, कोठारा गांव के हारुन व रफीक बकाल, सात सौ साल से भी अधिक पुराने जैन तीर्थ सुथरी के प्राण जीवन गोर और सायरा प्रायमरी स्कूल के हेडमास्टर सोढ़ा प्रताप सिंह में भला क्या समानता हो सकती है?
जलसंरक्षण ने बदली गांव की तस्वीर
Posted on 16 Sep, 2008 04:27 PMजयपुर-अजमेर राजमार्ग पर दूदू से 25 किलोमीटर की दूरी पर राजस्थान के सूखाग्रस्त इलाके का एक गांव है - लापोड़िया। यह गांव ग्रामवासियों के सामूहिक प्रयास की बदौलत आशा की किरणें बिखेर रहा है। इसने अपने वर्षों से बंजर पड़े भू-भाग को तीन तालाबों (देव सागर, फूल सागर और अन्न सागर) के निर्माण से जल-संरक्षण, भूमि-संरक्षण और गौ-संरक्षण का अनूठा प्रयोग किया है। इतना ही नहीं, ग्रामवासियों ने अपनी सामूहिक
जल संरक्षण की चुनौती
Posted on 16 Sep, 2008 11:57 AMदेश की कई छोटी-छोटी नदियां सूख गई हैं या सूखने की कगार पर हैं। बड़ी-बड़ी नदियों में पानी का प्रवाह धीमा होता जा रहा है। कुएं सूखते जा रहे है। 1960 में हमारे देश में 10 लाख कुएं थे, लेकिन आज इनकी संख्या 2 करोड़ 60 लाख से 3 करोड़ के बीच है। हमारे देश के 55 से 60 फीसदी लोगों को पानी की आवश्यकता की पूर्ति भूजल द्वारा होती है, लेकिन अब भूजल की उपलब्धता को लेकर
किफायती मृदा एवं जल संरक्षण व्यवस्था
Posted on 16 Sep, 2008 10:30 AMजल संचयन के कार्य में जस्त चढ़े लोहे के तारों के जाल औरे पोलीथीन के बोरों का नवीन प्रयोग किया गया है। यह तरीका किफायती है और भारतीय परिस्थितियों में उपयोगी भी। प्रस्तुत है पदमपुरा पनढाल में हुए इस प्रयोग का विवरण खुद इसके प्रवर्तक की कलम से।सूक्ष्म अपवाह क्षेत्र(Micro Catchment) जलागाम(Watershed)
Posted on 16 Sep, 2008 09:19 AM1. अंत: वेदिका (Inter-terrace)/ अंत: भूखण्ड (Inter-plot) जल संचय
उपसतही या भूमिगत (Sub surface) बहाव संचय
Posted on 16 Sep, 2008 08:54 AM1. उपसतही बाँध/ अवरोधबरसाती नदी नालों में सतह के नीचे एक पानी की धारा बहती रहती है। उपसतही बांधों की सहायता से उस धारा को रोककर सिमेन्ट की पाइपों द्वारा उपसतही जल को खेतों तक पहुचांया जाता है। इस प्रकार के बांध को उपसतही बांध कहते है। पर्वतीय क्षेत्रों में बहने बाली बरसाती नदियों पर इस प्रकार के बांधों का बड़ा उपयोग है।
2. उपसतही बंधारें
रिसाव तालाब (Percolation Tank)
Posted on 16 Sep, 2008 08:47 AMरिसाव: रिसाव तालाबों का निर्माण वर्षाजल को तीब्रगति से भूगर्भ में भेजने के उद्देश्यों से किया जाता है। रिसाव तालाबों का निर्माण ऐसे स्थान पर किया जाता है जहां कि मिट्टी रेतली हो तथा उसमें वर्षाजल का रिसाव तेज हो। ऐसे तालाबें की गहराई कम तथा फैलाव ज्यादा रखा जाता है जिससे वर्षाजल रिसाव के लिये ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र मिल सके। रिसाव तालाब सामान्यता अपवाह क्षेत्र (Catchment) से प्राप्त अपवाह (Run