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संरक्षण - जल उपयोग को कम करना
बूंद बूंद से घट भरे
Posted on 08 Sep, 2008 09:56 AMराजीव रंजन प्रसाद/ अभिव्यक्ति हिन्दी
कहाँ है पानी? सावन के लिये तरसती आँखे आज फ़सलों को जलते देखने के लिये बाध्य हैं, रेगिस्तान फैलते जा रहे हैं, ग्लेशियर पिघल रहे हैं और नदियाँ, नालों में तब्दील होती जा रही हैं। कमोबेश समूचे विश्व की यही स्थिति है।
नाला बंध निर्माण
Posted on 07 Sep, 2008 07:33 PMचिकनी मिट्टी द्वारा निर्मित यह संरचना नाला के ढलान को काटते हुए बनाई जाती है। यह संरचना अपवाह वेग को कम करने, भूमि में जल रिसाव के बढ़ाने तथा नमी को संरक्षित करने के उद्देश्य से बनाई जाती है। यह संरचना मृदा एंव जल संरक्षण के साथ साथ भूजल का स्तर बढ़ाती है एंव रबी की फसल के लिये सिंचाई का जल भी उपलब्ध करवाती है।कैसे सहज और व्यवस्थित हो तालाब निर्माण
Posted on 06 Sep, 2008 01:32 PMवेब दुनिया - मणिशंकर उपाध्याय/ पिछले एक दशक में भूमिगत पानी के अत्यधिक दोहन तथा अल्प वर्षा के चलते प्रदेश में पानी की कमी को देखते हुए नागरिक इसके संचय और संरक्षण के प्रति जागरूक हुए हैं। प्रदेश शासन ने भी वर्षा जल के संचय, जलस्रोत पुनर्भरण के लिए अनेक योजनाएँ कार्यान्वित की हैं। इनमें से वर्षा जल को तालाबों के माध्यम से सहेजने का प्रयास भी शामिल है। ताला
छत के पानी का एकत्रीकरण (Roof Top Water Harvesting)
Posted on 06 Sep, 2008 11:45 AMवर्षाजल संग्रहण अथवा एकत्रीकरण की इस प्रणाली में घरों की छतों पर पड़ने वाले वर्षा जल को गैलवेनाईज्ड आयरन, एल्यूमिनियम, मिट्टी की टाइलें अथवा कंक्रीट की छत की सहायता से जल एकत्रीकरण के लिये बने टंकियों अथवा भूजल रिचार्ज संरचना से जोड़ दिया जाता है। इस प्रकार एकत्रित जल का प्रयोग सामान्य घरेलू उपयोग के अलावा भूजल स्तर बढ़ाने में भी किया जाता है।समोच्च खत्तियां (Contour Trenching / basins)
Posted on 06 Sep, 2008 11:23 AMवृक्षारोपण एंव चरागाहों के विकास हेतु नमी सरंक्षण के लिये समोच्च खत्तियां, व्यापक रूप से प्रयोग की जाने वाली विधि है। ढालू भूमि पर समोच्च बिन्दुओं को जोड़ते हुए खत्तियों की पंक्तियों का निर्माण किया जाता है। खत्तियों से निकलने वाली मिट्टी को निचली तरफ मेंड के रूप में लगा दिया जाता है। समोच्च खत्तियां अपवाह वेग को तोड़ती है तथा अपवाह के सम्पूर्ण या कुछ भाग का भवानस्पतिक समोच्च अवरोध (Vegetative contour barriers)
Posted on 05 Sep, 2008 10:28 PMशुष्क क्षेत्रों में वर्षाजल से ही पैदा हो जाने वाली घासें मिट्टी और पानी के संरक्षण का कार्य करती हैं, निरंतर रहने वाली ये घासें और झाड़ियां मृदा अपरदन के अवरोधक का कार्य करती हैं, सेंट्रल एरिड जोन रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर ड्राइ लैंड एग्रीकल्चर, हैदराबाद द्वारा किये गए शोध द्वारा यह स्पष्ट हुआ है कि वानस्पतिक समोच्च अवरोध तकनीक द्वारा जल अपवाह 97 फीसदी से
आकाश गंगा न्यास के वर्षा-केन्द्र The rain center का केसस्टडीज
Posted on 05 Sep, 2008 08:03 PM
यह दस्तावेज आकाश गंगा न्यास, चेन्नई के श्री शेखर राघवन से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। केस अध्ययन - , चेन्नई
परिचय
अब वर्षाजल पुनर्भरण को अपनाएंगे मुंबई के मकान
Posted on 02 Sep, 2008 02:21 AMभाषा/मुंबई / बिजनेस स्टैंडर्ड: महानगर में आवास निर्माण की मौजूदा रफ्तार को व्यापक स्तर पर नियंत्रित करने के लिए मुंबई में जल्द ही 'इको फ्रैंडली' यानि पर्यावरण अनुकूल इमारतों का निर्माण किया जाएगा।
जल नियामक आयोग' की कोशिश
Posted on 01 Sep, 2008 08:29 PMजयपुर राजस्थान, जागरण संवाद केंद्र : विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह की अध्यक्षता में यहां हुई सर्वदलीय समिति की बैठक में 'जल नियामक आयोग' के गठन पर जोर दिया गया जिससे जल नीति निर्धारित कर जनता के हित में जल प्रबंधन को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जा सके। विधानसभा अध्यक्ष ने घटते वन क्षेत्र पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति वर्ष में एक बा