संरक्षण - जल उपयोग को कम करना

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Women working in the field in India (Image: IWMI Flickr/Hamish John Appleby; CC BY-NC-ND 2.0 DEED)
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Saving every drop counts (Image Source: Wikimedia Commons)
May 16, 2023 For achieving real water saving through micro irrigation, a mechanism for water regulation and allocation is essential
Use of micro irrigation technology does not automatically result in a reduction in water consumption (Image: Anton: Wikimedia Commons)
April 25, 2023 पल्थरा एक छोटा सा आदिवासी गांव है, जो मध्यप्रदेश के पन्ना जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर जंगल में है। यहां समुदाय ने आगे बढ़कर जल प्रबंधन का काम अपने हाथ में ले लिया है और यहां न केवल वर्तमान में नल-जल योजना का सुचारू संचालन हो रहा है, बल्कि भविष्य में पानी की दिक्कत न हो, इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है। यहां हर घर में नल कनेक्शन है।
जल प्रबंधन में आदर्श गांव बनने को तैयार है पल्थरा
January 1, 2023 Results show the impacts of agricultural productivity boosts in India can be highly heterogeneous
Buckingham canal near Kasturba Nagar, Adyar (Image: India Water Portal)
December 25, 2022 A study develops a prototype method by employing the remote sensing-based ecological index
rigorous post-implementation monitoring and impact assessment of assets is needed (Image: UN Women)
भारत के जल संसाधन
भारत लगभग 2.45 % दुनिया के भौगोलिक क्षेत्र, दुनिया के 4% जल संसाधनों और लगभग 16% दुनिया की आबादी में योगदान देता है।

Posted on 07 Jul, 2023 11:31 AM

भारत के जल संसाधन :-

भारत लगभग 2.45 % दुनिया के भौगोलिक क्षेत्र, दुनिया के 4% जल संसाधनों और लगभग 16% दुनिया की आबादी में योगदान देता है।

भारत को वार्षिक वर्षा अर्थात् 4000 घन किमी और सतह और भूजल स्रोतों से पानी प्राप्त होता है अर्थात् 1869 घन किमी. लेकिन पानी के इन दो स्रोतों से केवल 60 % (1122 क्यूबिक किमी.  ) ही लाभकारी और उपयोगी है।

भारत के जल संसाधन,PC-IWP Flicker
जल संरक्षण भारत के युवाओं के हाथ में समाधान का नेतृत्व 
पानी की कमी पूरी दुनिया में एक प्रमुख चुनौती है और भारत भी इसका अपवाद नहीं है। आबादी बढ़ने के साथ- साथ उद्योगों का विस्तार होता है और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बढ़ता है। इससे पानी की माँग तेजी से बढ़ रही है। हालाँकि इस परिदृश्य के बीच भारत के युवा एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में उभरे हैं
Posted on 24 Jun, 2023 03:17 PM

 पानी की कमी पूरी दुनिया में एक प्रमुख चुनौती है और भारत भी इसका अपवाद नहीं है। आबादी बढ़ने के साथ- साथ उद्योगों का विस्तार होता है और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बढ़ता है। इससे पानी की माँग तेजी से बढ़ रही है। हालाँकि इस परिदृश्य के बीच भारत के युवा एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में उभरे हैं, जो एक स्टेनेबल भविष्य के लिए इस बहुमूल्य संसाधन को संरक्षित करने का नेतृत्व कर रहे हैं।

जल संरक्षण भारत के युवाओं के हाथ में समाधान का नेतृत्व ,PC-cbcindia
कृत्रिम- भूजल पुनर्भरण
भूजल मृदा कणों तथा चट्टानों के बीच मौजूद स्थानों (रानो) और चट्टानों में पड़ी दरारों में पाया जाता है आवश्यकता पड़ने पर इसकी सुनिश्चित उपलब्धता और सामान्य रूप से श्रेष्ठ गुणवत्ता के कारण भूजल का उपयोग घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति तथा अन्य उद्देश्यों के लिए व्यापक रूप से किया जाता है। तथापि, क्या आपको ज्ञात है कि अत्यधिक दोहन के कारण भू-जल बहुत तेजी से कम होता जा रहा है? इसके अतिरिक्त उद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण भूजल प्रदूषित भी हो रहा है। Posted on 24 Jun, 2023 01:15 PM

प्रस्तावना

पिछली इकाई में आपको ताज जल की उपलब्धता के महत्वपूर्ण पहलुओं के बार में बताया गया था। देश में सिंचाई विकास के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य विभिन्न क्षेत्रों में जल की मांग तथा जल प्रदूषण संबंधी समस्या से भी आपको अवगत कराया जा चुका है।

 कृत्रिम- भूजल पुनर्भरण,Pc-Patrika
वर्षा जल संचयन एवं इसका बहुआयामी उपयोग तथा प्रबंधन
जल हमारे जीवन का बहुत ही महत्त्वपूर्ण भाग है। जल के बिना जीवन निर्वाह संभव नहीं है। जल की आवश्यकता जितनी मानव के लिए आवश्यक है उतनी ही पौधों के लिए भी आवश्यक है। फसलों एवं पौधों का लगभग 70-90 प्रतिशत भाग जल का ही बना होता है। पौधे सदैव अपना भोजन मृदा से घोल के रूप में जल के माध्यम से ही लेते हैं या ग्रहण करते हैं। Posted on 19 May, 2023 11:34 AM
प्रस्तावना

कृषि उत्पादन में जल की बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका है। सिंचित स्थिति की तुलना में असिंचित स्थिति में उगाई गई फसलों की पैदावार लगभग आधी ही प्राप्त होती है जिससे किसानों को कृषि में भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। देश के उत्तरप्रदेश राज्य में औसतन वर्षा लगभग 1000 मिलीमीटर ही प्राप्त होती हैं जिसका अधिकांश भाग भूमि की ऊपरी सतह से बहकर नदी एवं नालों

वर्षा जल संचयन एवं इसका बहुआयामी उपयोग तथा प्रबंधन,PC-MONCHASHA
मेरा पानी मेरी विरासत योजना जल संरक्षण
ग्रामीण क्षेत्रों में 90% आबादी पीने के लिए भू-जल पर निर्भर है क्योंकि कई बार शहर के जल आपूर्ति विभाग या कंपनियां उन्हें पीने के लिए पानी की बुनियादी आवश्यकता प्रदान करने में विफल रहती हैं। वर्ष 2015 में लगभग 48% सिंचाई प्रक्रिया इसी भू-जल के माध्यम से की गई थी और तब से जल स्तर तेजी से घट रहा है।  Posted on 08 May, 2023 03:26 PM

प्राकृतिक जलभृत के रूप में माना जाने वाला भू जल हमारे लिए उपलब्ध सबसे आवश्यक प्राकृतिक संसाधनों में से एक घरों या सार्वजनिक कार्यालयों में लगभग 33% जलापूर्ति इसी भू जल के माध्यम से होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में 90% आबादी पीने के लिए भू-जल पर निर्भर है क्योंकि कई बार शहर के जल आपूर्ति विभाग या कंपनियां उन्हें पीने के लिए पानी की बुनियादी आवश्यकता प्रदान करने में विफल रहती हैं। वर्ष 2015 में लगभ

जल संरक्षण, Pc-villageera
घटता भूजल स्तर : कारण और निवारण
भारत में वार्षिक औसत वर्षा 1160 मिलीमीटर है. देश में बहुत बड़ा क्षेत्र सूखाग्रस्त है, जो वर्षा पर निर्भर है. जो कुल खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 44 प्रतिशत का योगदान करता हैं इसके साथ-साथ 40 प्रतिशत मानव एवं 60 प्रतिशत पशुपालन में सहयोग करता है Posted on 05 May, 2023 04:02 PM

जल केवल मानव जाति के लिए ही नही बल्कि जीव-जन्तुओं और पेड़ पौधों के लिए भी आवश्यक है. पृथ्वी पर जल के बिना जीने की कल्पना नहीं की जा सकती है. समस्त जीव जगत का आधार ही जल है. हमारे शरीर के अंदर चलने वाली समस्त जैवरासायनिक प्रक्रियाएं तो जल के अभाव में पूर्णरूप से रुक ही जाएंगी. यदि हम जल ग्रहण करना बंद कर दें तो क्या हमने और आपने कभी सोचा था कि पानी एक दिन बोतलों में बिकेगा.

घटता भूजल स्तर : कारण और निवारण, Pc-News18
जल संरक्षण एक राष्ट्रीय दायित्व
शहरों में भूजल स्तर लगातार नीचे को खिसकता जा रहा है। पारंपरिक जल संरक्षण के व्यावहारिक उपायों को हमने आधुनिकता के दबाव में त्याग दिया। आज जल संरक्षण को एक राष्ट्रीय दायित्व के रूप में अपनाने का समय आ गया है। लेखक भारतीय संदर्भ में जल संसाधन के अनुभवी विशेषज्ञ है और प्रस्तुत लेख में उन्होंने भारत में जल के भौगोलिक वितरण, वर्षा के पैटर्न, पेयजल, तालाब संस्कृति और जल संरक्षण हेतु जल जागरूकता जैसे मुद्दों पर चर्चा की है। Posted on 25 Apr, 2023 05:30 PM

आज समूची दुनिया के जल संसाधन गहरे संकट में हैं। भारत भी जल संकट का सामना कर रहा है। देश के बहुत बड़े भूभाग पर जल संकट की छाया मंडरा रही है। देश के जल स्रोत सिमटते जा रहे हैं। नदियों तथा झीलों में जल की मात्रा कम होती जा रही है। जो जल शेष है, वह भी प्रदूषण की चपेट में है। शहरों में भूजल स्तर लगातार नीचे को खिसकता जा रहा है। पारंपरिक जल संरक्षण के व्यावहारिक उपायों को हमने आधुनिकता के दबाव में त्

जल संरक्षण एक राष्ट्रीय दायित्व,Pc-DB
जल प्रबंधन में आदर्श गांव बनने को तैयार है पल्थरा
पल्थरा एक छोटा सा आदिवासी गांव है, जो मध्यप्रदेश के पन्ना जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर जंगल में है। यहां समुदाय ने आगे बढ़कर जल प्रबंधन का काम अपने हाथ में ले लिया है और यहां न केवल वर्तमान में नल-जल योजना का सुचारू संचालन हो रहा है, बल्कि भविष्य में पानी की दिक्कत न हो, इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है। यहां हर घर में नल कनेक्शन है। Posted on 25 Apr, 2023 11:39 AM

पल्थरा एक छोटा सा आदिवासी गांव है, जो मध्यप्रदेश के पन्ना जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर जंगल में है। यहां समुदाय ने आगे बढ़कर जल प्रबंधन का काम अपने हाथ में ले लिया है और यहां न केवल वर्तमान में नल-जल योजना का सुचारू संचालन हो रहा है, बल्कि भविष्य में पानी की दिक्कत न हो, इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है। यहां हर घर में नल कनेक्शन है। ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के माध्यम से ग्रामीण हर महीन

जल प्रबंधन में आदर्श गांव बनने को तैयार है पल्थरा
पानी की खेती
भारत का तीन-चौथाई भूभाग सूखा ग्रस्त है। इसके अलावा यहां चेरापुंजी जैसे कई अन्य क्षेत्र भी हैं। जहां बारिश काफी ज्यादा होती है। फिर भी सूखा पड़ता है। बहुउद्देशीय बांध निर्माण व जलाशयों की दृष्टि से भारत का विश्व में चौथा स्थान होने के बावजूद देश भर में पानी की कमी स्पष्ट दिखाई देने लगी है। इस समस्या का काफी हद तक निवारण वॉटरशेड प्रबंधन व पानी की खेती को अपना कर किया जा सकता है। लेकिन सरकार यह कार्य अकेले नहीं कर सकती है। Posted on 07 Apr, 2023 11:11 AM

तकरीबन 100 वर्ष पहले भारत के वाइसरॉय लॉर्ड कर्जन ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था मॉनसून के बिसात पर हर साल खेला जाने वाला जुआ है। आज़ादी के 50 साल बाद भी यह बात एक वास्तविकता बनी हुई है। लेकिन क्यों ?

 उत्तर अर्काट जिले के आर्कोणम ताल्लुका के वेगामंगलम गांव की पालर नदी पर बनी कासम तालाब। कासम एक लम्बा तालाब है जो नदी के तल से नीचा खोदा जाता है। नदी का पानी रिसकर इसमें पहुंचता है।,PC-विशेष फीचर्स
आभासी जल (Virtual Water in Hindi)
भारत की पानी निर्यात इंडस्ट्री कितनी बड़ी है, इसका अनुमान इन आकड़ों से कर सकते हैं कि कोरोना महामारी के दौरान जब ज्यादातर देशों में एक-दूसरे के लिए अपनी सीमाएं बंद कर रखी थीं, तब भी यानी केवल कुछ ही महीनों के भीतर देश ने अलग-अलग देशों को लगभग 455.86 लाख रुपए का पानी निर्यात किया ।



Posted on 05 Apr, 2023 04:31 PM

हम आमतौर पर जल का उपयोग स्नान करने, पीने और सफाई के लिए करते है, जो हमें तरल रूप में साक्षात दिखाई देता है, वह वास्तविक जल कहलाता है। लेकिन जो जल हमें नहीं दिखाई नहीं देता है, वह आभासी जल (वर्चुअल वाटर) कहलाता है। आभासी जल हमारी दैनिक जीवन के उपयोग में आने वाली लगभग सभी वस्तुओं जैसे-अनाज, सब्जी, कागज, पेंसिल, कपड़े, मिठाई, मोबाइल, टीवी, फ्रिज इत्यादि में होता है।आभासी जल की अवधारणा सर्वप्रथम प्

आभासी जल
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