10 जनवरी तक यमुना, हिंडन के बाढ़ क्षेत्रों का सीमांकन करें: एनजीटी

हिंडन
हिंडन

एनजीटी ने अनियंत्रित अवैध निर्माण और अतिक्रमण के कारण हिंडन बाढ़ के मैदानों के तेजी से गायब होने का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि बाढ़ के मैदानों के सीमांकन की कवायद चल रही है यमुना और हिंडन नदियों के बाढ़ क्षेत्रों के निर्धारण का अभ्यास लंबित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बांध और नदी के बीच का क्षेत्र बाढ़ क्षेत्र है जिसे पहचाना और निर्धारित किया जाना चाहिए।

ट्रिब्यूनल ने गाजियाबाद के निवासी अलोक कुमार की एक  याचिका सुनवाई की। जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि शहर के विकास के लिए मास्टर प्लान में हिंडन के किनारे को “नदी संरक्षित क्षेत्र” के रूप में दिखाया गया है, लेकिन जमीनी  हकीकत काफी अलग है। यह याचिका 11 सितंबर को दायर की गई थी। 26 सितंबर को एनजीटी ने राज्य और केंद्र सरकारों, प्रदूषण बोर्डों और नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के नागरिक प्राधिकरणों से याचिका का जवाब देने को कहा।

नोएडा के जिला मजिस्ट्रेट ने 31 अक्टूबर को एक रिपोर्ट पेश की है जिस पर संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने कहा कि  यमुना और हिंडन के बाढ़ क्षेत्र का निर्धारण प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।

याचिका सुनते हुए, अध्यक्ष प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य सेन्थिल वेल की एक पीठ ने जीबी नगर और गाजियाबाद जिला अधिकारियों को निर्धारण रिपोर्ट रिकॉर्ड पर रखने का आदेश दिया।

“उत्तर प्रदेश के राज्य के लिए पेश हुए वकील ने यह बताया है कि बाढ़ क्षेत्र के निर्धारण का उक्त अभ्यास संबंधित जिलों में दो महीने के अंदर सकारात्मक रूप से पूरा किया जाएगा। इसलिए, हम गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद के जिला अधिकारियों को ट्रिब्यूनल के निर्देशों के अनुसार अभ्यास पूरा करने और 10 जनवरी या उससे पहले रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय देते हैं,” 

वही अब  अगली सुनवाई की तारीख 16 जनवरी को निर्धारित की जाएगी ।

Path Alias

/articles/demarcate-yamuna-and-hindon-floodplains-jan-10-ngt

Post By: Shivendra
×