उत्तरप्रदेश के जनपद सीतापुर स्थित तीथों के तीर्थ नैमिषारण्य की पुण्य स्थली को इसके मूल स्वरूप में विकसित करने के संकल्प के साथ सामाजिक संगठन लोक भारती एक दशक से अधिक समय से समाज के सहयोग से अपनी सामर्थ्य अनुसार अनेक योजनाओं पर कार्यरत है। चाहे नैमिषारण्य में 8 हजार ऋषियों के सम्मान में इतने ही पौधों के रोपण का कार्यक्रम रहा हो, इस पावन क्षेत्र को रासायनिक कृषि से मुक्त कराने का अभियान रहा हो, इस क्षेत्र के देशी गौवंश को विशेष पहचान देते हुए घर वापसी की योजना रही हो, नदी तट क्षेत्र में बागवानी को प्रोत्साहित करते हुए हरित आच्छादन का अभियान रहा हो, कठिना नदी को पुनर्जीवित करने के प्रयास रहे हो, इस क्षेत्र में जलमार्ग से पौराणिक स्थलों के दर्शन की योजना रही हो अथवा पिछले दिनों बड़ी संख्या में तालाबों को पुनर्जीवित करते हुए माँ-मंदाकिनी के जल प्रवाह को वापस लाने की वृहद योजना रही हो, लोक भारती के विचार को स्थानीय ग्रामवासियों सहित संबंधित सरकारी विभागों का पूरा सहयोग प्राप्त हुआ है। यह हर्ष का विषय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार प्रदेश सरकार ने भी नैमिषारण्य क्षेत्र के विकास को वरीयता में लिया है। इस प्रकार यह पावन क्षेत्र शीघ्र ही तीर्थाटन की सूची में विश्व के मानचित्र पर शीर्ष स्थान प्राप्त करेगा।
लोक भारती के नैमिषारण्य केंद्रित कार्यक्रमों के क्रम में 12 अक्टूबर 2023 को गोमती तट पर पूजन के बाद जल यात्रा निकाली गई। गोमती के तट पर पूजन के बाद नारियल तोड़ कर देवदेवेश्वर घाट से जलयात्रा का शुभारंभ किया गया। नदी के तटवर्ती गांव ठाकुरनगर से झरिया, फूलपुर, डबरा, कोल्हुआ, बरेठी, निरहन, नबीनगर एवं कोकरपुरवा तक जलयात्रा निकाली गई। जल मार्गी देवदर्शन यात्रा गोमती नदी के प्रवाह मार्ग पर देव देवसर से लेकर के हंस हंसिनी, रूख व्रत, ब्रह्मा व्रत और सतयुग आश्रम केदारनाथ बरेठी तक पूर्ण हुई। लगभग 15 ग्राम प्रधानों व जनपद के सभी प्रमुख अधिकारीगणों सहित 150 किसान व लोक भारती के प्रमुख कार्यकर्ता इस अभियान में रहे। यह अभियान 10 बजे से प्रारंभ हुआ और शाम 5 बजे तक चला। इसका मुख्य उद्देश्य नैमिष क्षेत्र में अरण्य का विकास व जल मार्गी तीर्थो का विकास करना है। साथ में मंदाकिनी गोमती संगम को तीर्थ के रूप विकसित करना है।
इस अवसर पर सिंचाई विभाग के मुख्य अभियन्ता विशाल पोरवाल ने बताया कि जलयात्रा में सभी विभागों के अधिकारी शामिल रहे। यात्रा उद्देश्य प्राकृतिक स्वरूप को पुनर्जीवित करना है ताकि जल की मात्रा व वन संपदा के साथ प्राकृतिक खेती आदि में बढ़ोत्तरी हो। वन विभाग, मत्स्य विभाग, सिंचाई विभाग, कृषि विभाग अपनी कार्य योजनाओं को किस प्रकार नदी से जोड़ें, इस पर विचार कर वृहद स्तर पर काम किया जाना है। लोक भारती के जिला संयोजक कमलेश सिंह ने बताया कि जल यात्रा के माध्यम से नदी के तटयती क्षेत्रों को आपस में जोड़कर सिल्क रोड बनाए जाने की दिशा में काम किया जा रहा है। सिल्क रोड के साथ ही मिल्क रोड की श्रृंखला भी बनाने की योजना है। इसके तहत कम दुग्ध उत्पादन वाले ग्रामीण क्षेत्रों में नंदिनी योजना के तहत पारंपरिक धी, दूध-दही, मट्ठा आदि का उत्पादन बढ़ाने के लिए ग्रामीणों से चर्चा करके उन्हें जागरूक किया जाएगा। जल मार्ग से पर्यटन को बढ़ावा देने की पहल होगी। कमलेश सिंह ने बताया कि नैमिशारण्य क्षेत्र में विशेश आर्थिक जोन तैयार करने की योजना है। जल यात्रा के माध्यम से विलुप्त हो रही जल संस्कृति को पुनर्जीवित करके मत्स्य पालक को बढ़ावा देने की दिशा की प्रयास किए जाएंगे। साथ ही जल मार्गीय पर्यटन के माध्यम से देव-दर्शनकराने के संसाधन जुटाए जाएंगे ताकि नैमिशारण्य एवं मिश्रिख जैसे विश्वविख्यात तीथों में आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु गोमती नदी में नौका विहार के साथ ही विभिन्न देवस्थलों के दर्शन का लाभ भी प्राप्त कर सकें।
नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में फसलों का क्षेत्र और समृद्ध करने के लिए किसानों को जागरुक किया जाएगा। परंपरागत खेती के साथ हीसब्जियों एवं आयुर्वेदिक औषधियों की खेती कोबढ़ावा देना भी यात्रा उद्देश्य है। लोक भारती के तहसील संयोजक देशराज यादव, नैमिश संयोजक कृष्णा तिवारी, जिला संरक्षक बाल कृष्ण शास्त्री, जिला उद्यान अधिकारी सौरभ कुमार, एसडीओ विकास यादव, जिला कृषि अधिकारी मनजीत कुमार, भूमि संरक्षण अधिकारी संजीव कुमार, वन विभाग मिश्रिख रेंजर दिनेश गुप्ता, डालमिया ग्रुप से त्रिपुरारी राम और देववृत्त सरकार आदि लोग उपस्थित रहे।
यदि आप नैमिष क्षेत्र में निवास करते हैं अथवा यहाँ तीर्थाटन हेतु जाते हैं तो इस अभियान से जुड़कर पुण्य लाभ अर्जित करें। इस अभियान की विस्तृत जानकारी हेतु लोक भारती सीतापुर के जिला संयोजक श्री कमलेश सिंह से 831723600 पर संपर्क कर सकते हैं। लेखक लोक भारती के राष्ट्रीय सह सचिव हैं।
स्रोत - लोक सम्मान नवम्बर, 2022
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