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अंडमान और निकोबार द्वीप समूह बना पहला स्वच्छ सुजल प्रदेश
जानिए कैसे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत का पहला स्वच्छ सुजल प्रदेश {Swachh Sujal Pradesh} बन गया है | Know how Andaman and Nicobar Islands have become India's first Swachh Sujal Pradesh Posted on 02 Feb, 2024 03:14 PM

जलजीवन मिशन

अंडमान और निकोबार (एएंडएन) द्वीप समूह 17 सितंबर 2022 को पहला "स्वच्छ सुजल प्रदेश" बन गया, जिसका अर्थ है कि द्वीपों के सभी गांवों को 'हर घर जल' के रूप में प्रमाणित किया गया है और साथ ही खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) प्लस के रूप में सत्यापित किया गया है। जल शक्ति मंत्री (एमओजेएस) श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सचिव, डीडीडब्ल्यूएस, श्रीमती विनी महाजन के साथ

ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ नल जल
नर्मदा परिक्रमाः जागतिक प्राकृतिक संकट का हल | Narmada Parikrama solution to global natural crisis
जाने नर्मदा परिक्रमा क्यों की जाती है इसका क्या कारण है | Know why Narmada Parikrama is done and what is the reason for it. Posted on 25 Jan, 2024 03:32 PM

विश्व में मां नर्मदा ही एक ऐसी नदी है, जिसकी परिक्रमा की जाती है। यह परिक्रमा कब से की जा रही है इसके स्पष्ट साक्ष्य तो नहीं, लेकिन सदियों से समाज अपने बुजुर्गों से इस परंपरा का अनुगमन कर रहा है, और विभिन्न अर्थों में यह परिक्रमा अध्यात्म, पीढ़ीगत मूल्य , सृष्टि के रहस्य और प्रकृति तथा जल के महत्व को अपने में समेटे हुए है।

नर्मदा परिक्रमा
जैविक खेती और भारतीय किसान
जाने जैविक खेती और कैसे भारतीय किसानों ने रसायनों का प्रयोग कर अधिक लागत से अधिक उत्पादन किया |Know organic farming and how Indian farmers produced more at higher costs by using chemicals Posted on 25 Jan, 2024 11:53 AM

उन्नीसवीं सदी में औद्योगिक क्रांति के साथ खेती में रसायनों का प्रयोग और नतीजे में अधिक लागत से अधिक उत्पादन का चलन शुरु हुआ था। इस कथित कृषि-विकास के परिणामों पर बीसवीं सदी की शुरुआत में कृषि- वैज्ञानिक अलबर्ट हावर्ड ने सवाल उठाए थे।

जैविक खेती और भारतीय किसान
चीतों के शिकार नहीं कर पाने से बढ़ी चिंता
जानिए क्या कारण है कि चीते नेशनल पार्को में शिकार नहीं कर पा रहे है। | Know the reason why leopards are not able to hunt in national parks. Posted on 24 Jan, 2024 04:08 PM

कूनो नेशनल पार्क के बाड़े से खुले जंगल में छोड़े गए दो नर चीतों अग्नि और वायु के शिकार न करने से पार्क प्रबंधन ने चिंता जताई है। इधर विशेषज्ञ यह आशंका जता रहे हैं कि लंबे समय तक बाड़ों में कैद रखने और भोजन उपलब्ध कराए जाने से चीतों में आलस्य की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जो उनके सेहत के लिए ठीक नहीं कही जा सकती। बता दें कि बरसात के दिनों में चीतों की ताबड़तोड़ मौत की घटनाओं के बाद खुले जंगल से

चीतों के शिकार नहीं कर पाने से बढ़ी चिंता
दुनिया में बांधों को हटाना क्यों जरुरी है
जाने क्यों बांधों से लाभ होने के बाद भी क्यों उन्हें हटाना जरुरी है | Know why it is necessary to remove dams even after getting benefits from them Posted on 24 Jan, 2024 01:17 PM

बांधों से सिंचाई, पनबिजली, घरेलू और औद्योगिक जल आपूर्ति, जल भंडारण और बाढ़ प्रबंधन जैसे लाभ प्रदान करने का दावा तो किया जाता है लेकिन विश्व बांध आयोग की रिपोर्ट के अनुसार अधिकांशतः ये लाभ वादों से कम होते हैं। बांध की उम्र बढ़ने के साथ, इसके जलाशय में गाद भर जाने के कारण ये लाभ और भी कम हो जाते हैं। इसके अलावा, ये लाभ भारी लागत और व्यापक प्रतिकूल प्रभावों के साथ आते हैं। इसलिए जब भी किसी बांध क

दुनिया में बांधों को हटाना क्यों जरुरी है
हरित हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन
जाने क्या हरित हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है | Know about whether green hydrogen is the fuel of the future Posted on 23 Jan, 2024 02:51 PM

हाइड्रोजन ब्रह्मांड में विपुल मात्रा में पाया जाने वाला हल्का तत्व है। जल का प्रमुख घटक है। इसके दहन से जलवाष्प ही बनता है, अतः प्रदूषण मुक्त है। भविष्य का प्रमुख ईंधन है। तभी तो प्रधानमंत्री की घोषणानुसार राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की शुरुआत की गई है। मिशन के तहत 50लाख मीट्रिक टन (एमएमटी) स्थापित क्षमता के साथ, भारत 2030 तक 1 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन के आयात को कम कर सकता है।

हरित हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन
मनुष्य के जीवन का छह महीना कम कर रहा जलवायु परिवर्तन
जाने कैसे मनुष्य के जीवन का छह महीना कम कर रहा है जलवायु परिवर्तन | Know how climate change is reducing six months of human life Posted on 23 Jan, 2024 12:01 PM

जलवायु परिवर्तन खतरनाक रूप से आगे बढ़ रहा है, जिससे मानवता के लिए खतरा बढ़ रहा है। जैसा कि एक अध्ययन में कहा गया है कि मानव- प्रेरित ग्लोबल वार्मिंग और अनियमित वर्षा औसत मानव जीवन काल को लगभग छह महीने तक कम कर सकती है।

मनुष्य के जीवन का छह महीना कम कर रहा जलवायु परिवर्तन
ग्रीन क्रेडिट के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं
जानिए कैसे आने वाले समय में ग्रीन क्रेडिट क्षेत्र में रोजगार के असीम अवसर उपलब्ध होंगे और कैसे होगी कमाई और कैसे कार्बन क्रेडिट आपकी फैलाई गंदगी को साफ़ कर पर्यावरण को नियंत्रित करेंगे | Know how there will be immense employment opportunities created in the green credit sector and how carbon credit will control the pollution in the environment Posted on 20 Jan, 2024 05:32 PM

वर्तमान में विकास का आधार ऊर्जा है। लेकिन ऊर्जा के परंपरागत रूप ग्रीन हाउस गैंसों के उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं। ग्रीन हाउस गैंसों में से एक व कार्बन डाइऑक्साइड पृथ्वी के तापमान में वृद्धि के लिए अहम कारक है। कार्बन उत्सर्जन व इससे उपजे प्रदूषण को कम करने के लिए नई-नई युक्तियां विकसित की जा रही हैं और समाधान तलाशे जा रहे हैं। इसलिए इस क्षेत्र में रोजगार की नई संभावनाएं भी पनप रही हैं। यदि आप

ग्रीन क्रेडिट के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं | Employment prospects in the field of green credit
जलवायु परिवर्तन के उपजे खतरे से कॉप 28 से अपेक्षाएं
जाने जलवायु परिवर्तन के उपजे खतरे से कॉप 28 द्वारा क्या निर्णय लिया गया है।| Know about what decision has been taken by COP 28 due to climate change Posted on 20 Jan, 2024 03:22 PM

आर्थिक विकास की अन्धी दौड़ में विकास के लिए ईंधन का काम करने वाले ऊर्जा के पारम्परिक स्रोतों-कोयला, पेट्रोलियम पदार्थों से उत्सर्जित ग्रीन हाउस गैसों के बढ़ते सान्द्रण ने मानव सहित समस्त जीव-जन्तुओं और वनस्पतियों का जीवन संकट में डाल दिया है।  वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों (कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, ओजोन, नाइट्रस ऑक्साइड, क्लोरोफ्लोरोकार्बन तथा वाष्प कण) की बढ़ती सान्द्रता से पृथ्वी के सामान्य ता

जलवायु परिवर्तन के उपजे खतरे से कॉप 28 से अपेक्षाएं
पराली जलाने से नुकसान एवं फसल अवशेष प्रबंधन
पराली जलाने से नुकसान कब होता है इसके साथ ही जाने फसल अवशेष प्रबंधन के बारे | Get information When does burning of stubble cause harm and also know about crop residue management? Posted on 20 Jan, 2024 01:26 PM

फसल अवशेष पक्की फसल के कटने के बाद बाकी बचा हिस्सा होता है. किसान फसल पकने के बाद उसका ऊपरी हिस्सा काट लेते हैं. बाकी हिस्सा खेत में छोड़ देते हैं, जो किसानों के लिए बेकार होता है वर्तमान में फसल अवशेष की समस्या इसलिए आ रही है, क्योंकि ज्यादातर किसान मशीनों से फसल की कटाई करते हैं, जो केवल फसल के ऊपरी हिस्से को काटता है.

पराली जलाने से नुकसान एवं फसल अवशेष प्रबंधन
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