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समाचार और आलेख
जल की अग्निपरीक्षा
Posted on 03 Jan, 2024 12:16 PMमुझे नहीं लगता कि हम कभी पानी के लिए युद्ध लड़ेंगे या शहरों से पानी पूर्णतया खत्म हो जाएगा या फिर हमारे पास पीने योग्य पानी नहीं बचेगा। हालांकि मैं यह भी स्वीकार करती हूं कि हमारे देश में पानी की कमी का भीषण और गंभीर संकट दिन प्रतिदिन गहराता जा रहा है। लगातार बढ़ती आबादी वाले शहरों और उद्योगों की बढ़ती संख्या पानी के अंधाधुंध उपभोग के लिए जिम्मेदार है। जलवायु परिवर्तन इस संकट की एक नई कड़ी के र
छोटे-छोटे प्रयासों से करें पर्यावरण की रक्षा
Posted on 02 Jan, 2024 04:56 PMआज के दौर में यदि सबसे बड़ी समस्या के बारे में बात की जाए तो वह ग्लोबल वॉर्मिग है, जिससे पृथ्वी का तापमान निरंतर चढ़ता ही जा रहा है और यह हर किसी की जिम्मेदारी है कि पर्यावरण को बचाया जाए। लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। सही मायने में देखा जाए तो महिलाएं पर्यावरण बचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है, यूं भी किसी भी योगदान की
नागौर के मरुभूमि में तालाब | Pond in Nagaur desert
Posted on 02 Jan, 2024 11:44 AMराजस्थान की रजत बूंदें' सरीखी नायाब किताब लिखने वाले अनुपम मिश्र कहा करते थे कि जिस इलाके में प्रकृति ने पानी देने में थोड़ी कंजूसी की है, वहां समाज ने पानी की एक-एक बूंद को प्रसाद मानकर बेहद सलीके से सुरक्षित, संरक्षित किया है। प्रस्तुत है, बाबा मायाराम की कलम से पानी संवारने की इसी प्रक्रिया की एक कहानी।
क्या आपका मेकअप ईको-फ्रेंडली है
Posted on 01 Jan, 2024 12:44 PMप्राचीन काल में महिलाएं सजने-संवरने के लिए कुदरती चीजों का ही उपयोग किया करती थीं परंतु आज के आधुनिक दौर में तरह-तरह के मेकअप प्रोडक्ट्स बाजार में उपलब्ध हैं। हालांकि, इनमें से कुछ ईको फ्रैंडली होने का दावा करते हैं परंतु अनेक हमारे पर्यावरण को ही नहीं, त्वचा को भी बहुत हानि पहुंचाते हैं। वैसे आप चाहें तो ईको फ्रेंडली मेकअप को भी आसानी से अपना सकती हैं जिनसे त्वचा को किसी प्रकार के कैमिकल के नु
अनेक रूपों में मौजूद है बांस | Bamboo Characteristics & Uses
Posted on 01 Jan, 2024 12:18 PMसदियों पुरानी घास की प्रजाति बांस सिर्फ वंश बढ़ने का आशीर्वाद ही नहीं देता, दूसरे पौधे को कटने से भी बचाता है। मांगलिक कार्यों के गवाह बनने वाले बांस की खेती अब आधुनिक तकनीक के साथ मिलकर कई नए रूपों में सामने आ रही है। बांसुरी तो बजती ही हैं, इस खेती ने रोजगार के कई और राग भी छेड़े हैं।
हरनंदी में प्रदूषण रोकने में असमर्थ अफसरों पर केस दर्ज हो
Posted on 01 Jan, 2024 11:35 AMहरनंदी में प्रदूषण को रोकने में नाकाम जिम्मेदार अधिकारी अब सीधे कानूनी कार्रवाई की जद में आएंगे। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) को इसके निर्देश दिए हैं।एनजीटी ने आदेश में कहा कि हरनंदी के प्रवाह क्षेत्र में आने वाले सात जिलों के स्थानीय निकायों अभिष्ट कुसुम गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय हरित न्
ऐतिहासिक रहा कॉप 28 शिखर सम्मेलन, पर जलवायु वित्त अब भी समस्या
Posted on 30 Dec, 2023 03:31 PM30 नवंबर को, दुबई ने एक ऐतिहासिक कदम के साथ जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के लिए पार्टियों का 28वां सम्मेलन (COP28) लॉन्च किया: हानि और क्षति कोष का संचालन। इस फंड का उद्देश्य कमजोर देशों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में मदद करना है। COP28 के अध्यक्ष सुल्तान अहमद अल जाबेर ने इस निर्णय को एक "ऐतिहासिक" अवसर घोषित किया, यह पहली बार है कि किसी COP के उद्घाटन दिव
भूजल में आर्सेनिक, फ्लोराइड के विषाक्तता मामले पर एनजीटी का राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस
Posted on 30 Dec, 2023 02:13 PMभूजल में आर्सेनिक और फ्लोराइड जैसे जहरीले तत्वों की मौजूदगी, मानव शरीर पर गंभीर विषाक्त प्रभाव डालती है, केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) ने स्वीकार भी किया है, लेकिन कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। इस मुद्दे पर दिनांक 30.11.2023 को हिंदुस्तान ने समाचार प्रकाशित किया था, समाचार का शीर्षक था “25 राज्यों के भूजल में आर्सेनिक, 27 राज्यों में फ्लोराइड पाया गया: सरकार।” एनजीटी ने इस मीडिया
केंचुआ खाद परिचय एवं प्रकार | Vermicompost and its types
Posted on 29 Dec, 2023 03:53 PMहम सभी अच्छी तरह जानते हैं कि भूमि में पाये जाने वाले केंचुए मनुष्य के लिए बहुउपयोगी होते हैं। मनुष्य के लिए इनका महत्व सर्वप्रथम सन् 1881 में विश्व विख्यात जीव वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन ने अपने 40 वर्षों के अध्ययन के बाद बताया। इसके बाद हुए अध्ययनों से केंचुओं की उपयोगिता उससे भी अधिक साबित हो चुकी है जितनी कि डार्विन ने कभी कल्पना की थी। भूमि में पाये जाने वाले केंचुए खेत में पड़े हुए पेड़ पौ