उत्तर प्रदेश

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दिल्ली, आगरा के बाद अब इलाहाबाद में यमुना का अस्तित्व खतरे में
Posted on 18 Feb, 2013 04:11 PM

दो पावर प्लांटों के हैवी वाटर पंप, यमुना के कलेजे से खींच लेंगे सारा पानी


सरकार ने न तो यहां के किसानों से और न ही यमुना नदी के बल पर गुजारा करने वाले समुदाय से ही यह पूछने की जरूरत समझा कि यमुना नदी का पानी बेचना चाहिये या नहीं। जे.पी. ग्रुप ने पानी के लिये किससे अनुमति ली है, यह भी नहीं बताया जा रहा है। सरकार का दावा है कि इससे जनता को बिजली दी जायेगी और कंपनियों तथा इलाके में नौकरियों का विकास होगा। पर जनता समझने लगी है कि खाना-पानी छीनकर और खेती बर्बाद करके बिजली देना कौन सी समझदारी है? लोग भूखे पेट व प्यासे रहकर क्या करेंगे बिजली का? उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद जिले के बारा तहसील में जे.पी. ग्रुप का ‘प्रयाग राज पावर कारपोरेशन’ नाम से बिजली उत्पादन कारखाना लग रहा है। इस पावर प्लांट के लिए करीब 150 क्यूसेक प्रति घंटा से अधिक पानी चाहिये, जिसके लिए 6 फुट व्यास की लोहे की पाइप बिछायी जा रही है। बारा के करीब ही करछना में भी इसी ग्रुप का एक पावर प्लांट लगाने की तैयारी हो रही है। इस प्लांट के लिए इतना ही पानी यमुना से लिया जायेगा। कंपनी ने यमुना नदी से पानी लेने के लिए उचित अनुमति भी नहीं लिया है। जबकि बारा के पड़ुआ गांव में यमुना के पेटे में इस समय जेपी ग्रुप की हैवी वाटर पंप मशीन लगाने का काम तेजी के साथ हो रहा है। इस वाटर पंप के करीब 200 मीटर दूरी पर ही सिंचाई विभाग का एक पंप पहले से लगा हुआ है, जिससे करीब 30 किमी के दायरे में लाखों हेक्टेयर ज़मीन की सिंचाई होती है। इस सिंचाई पंप की स्थापना उस समय की गई थी, जब देश भयंकर सूखे की चपेट से जूझ रहा था और लोग अमेरिका की घटिया लाल दलिया खाने को मजबूर थे।
बहुराष्ट्रीय कंपनियों की चली तो गर्मी में सूख जाएगी गंगा
Posted on 13 Feb, 2013 01:00 PM

कुंभ की जल संसद में उठेगा गंगा और यमुना के पानी के संकट का सवाल

उर्मिल बांध से भी नहीं सुलझी पेयजल समस्या
Posted on 13 Feb, 2013 12:45 PM उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारों के बीच 1978 में हुए करार के बाद दोनो राज्यों के महोबा व छतरपुर जनपदों की तहसील में उर्मिल बांध का निर्माण शुरू हुआ था। यह 1995 में 33.22 करोड़ की लागत से पूरा हुआ। अनुबंध के अनुसार 40-60 फ़ीसदी जल बंटवारा व बांध के रख-रखाव पर होने वाला खर्च भी इसी मानक से तय किया गया था। लेकिन बांध के निर्माण के बाद से मध्यप्रदेश सरकार ने आज तक एक फूटी कौड़ी उत्तर प्रदेश सरका
गंगा को लेकर उप्र और उत्तराखंड आमने-सामने
Posted on 06 Feb, 2013 02:57 PM गंगा को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार आमने-सामने आ गईं हैं। कुंभ में गंगा का पानी काला होता जा रहा है। इसके विरोध में मंगलवार को कुंभ में साधु-संतों ने प्रदर्शन भी किया। मौनी अमावस्या से पहले अगर गंगा में पानी नहीं छोड़ा गया तो साधु संत इस पानी में स्नान नहीं करेंगे, यह चेतावनी भी उन्होंने दी। उनका यह आरोप भी है कि गंगा में कानपुर में चमड़ा शोधक इकाइयों ने पानी छोड़ना बंद नहीं किया है। जिसस
कुंभ के बहाने गंगा विमर्श
Posted on 28 Jan, 2013 11:30 AM केंद्र सरकार गंगा को बचाने के लिए अब तक लगभग 2000 करोड़ रुपए खर्च
kumbh
कुंभ में उठी नदियों की जीवंतता को संवैधानिक दर्जे की मांग
Posted on 25 Jan, 2013 11:17 AM आज भी भारत में नदियों को ‘वाटरबॉडी’ नहीं, मां कहा जाता है। क्या ऐ
ganga sansad
गंगा का अस्तित्व बचाने के लिए संगम में उतरे उत्तराखंडवासी
Posted on 24 Jan, 2013 12:37 PM महाकुंभनगरी। जब गंगा ही नहीं रहेंगी तो गंगा का प्रदूषण दूर करने से क्या लाभ? त्रिवेणी की तट पर पहुंच रहीं गंगा क्या वही गंगा हैं जिसके रोगनाशक जल में डुबकी लगाने के लिए करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ यहां पर जुटी है?
हिंडन नदी मामले में उ. प्र. सिंचाई सचिव तलब
Posted on 21 Jan, 2013 04:05 PM गाज़ियाबाद जिले में मोहन नगर के पास नदी भूमि का काफी हिस्सा पहले स
Hindon river
गंगा का अशुद्ध जल श्रद्धालुओं को कर रहा है बेचैन
Posted on 19 Jan, 2013 03:41 PM प्रयागराज में महाकुंभ को लेकर साधु-संतों का आगमन बढ़ने लगा है। इसी
आधारहीन है कुंभ की तिथियों पर विवाद
Posted on 19 Jan, 2013 03:26 PM मैग्लीन मानती हैं कि माघ मेले को कुंभ मेले में बदलने के लिए प्रयाग के पंडों ने अखाड़ों का भी सहयोग लि
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