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उत्तर प्रदेश
जल निकाय
Posted on 11 Sep, 2008 12:40 PMदेश के अन्तर्देशीय जल संसाधन निम्न रूप में वर्गीकृत हैं नदियां और नहरें, जलाशय, कुंड तथा तालाब; बीलें, आक्सबो झीलें, परित्यक्त जल, तथा खारा पानी। नदियों और नहरों से इतर सभी जल निकायों ने लगभग 7 मिलियन हैक्टेयर क्षेत्र घेर रखा है। जहां तक नदियों और नहरों का सवाल है, उत्तर प्रदेश का पहला स्थान है क्योंकि उसकी नदियों और नहरों की कुल लम्बाई 31.2 हजार किलोमीटर है जो कि देश के भीतर नदियों और नहरों की कुरेनवाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाने के निर्देश
Posted on 01 Sep, 2008 10:36 PMसाधना सिंह, साहिबाबाद/ उत्तर प्रदेश/ जागरण: आने वाले समय में लोग पानी की बूंद-बूंद को तरसेंगे, यह आशंका अन्य के अलावा वैज्ञानिक भी जता चुके हैं। गाजियाबाद महायोजना-2021 के अनुसार वर्ष 2021 में महानगर की जनसंख्या 23.50 लाख होगी। ऐसे में यदि लोग अभी से जागरूक नहीं हुए तो स्थिति कितनी गंभीर होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। यूं भी तो भूजल का स्तर जिस तेजी
भयावह : बरेली मंडल के 18 ब्लाक डार्क जोन
Posted on 01 Sep, 2008 10:17 PMबरेली / उत्तर प्रदेश/ जागरण धरती के गर्भ से मिल रहा अमृत तुल्य जल सीमित है। इसका जरूरत से ज्यादा दोहन हमको भयावह भविष्य की ओर ले जायेगा। इस बाबत चेतावनी तो काफी समय पहले से दी जा रही थी, मगर अब हालात बेकाबू हो चुके हैं। खेतों की सिंचाई के लिये जमीन के नीचे से लगातार निकाले जा रहे पानी का भंडार अब चुकने लगा है। भूगर्भ में जल का स्तर लगातार नीचे गिर रहा है।
अंधाधुंध जल दोहन ने तबाह किया बुंदेलखंड
Posted on 01 Sep, 2008 09:43 PMबांदा/ उत्तर प्रदेश/ जागरण पिछले चार सालों से सूखे ने पूरे बुंदेलखंड को तबाह कर रखा है। धरती फटने की घटनाएं बढ़ रही हैं। सच तो यह है कि विदेशी तकनीक और जल प्रबंधन प्रणाली अपनाने से सिंचाई और पेयजल के इंतजाम में गंभीर गड़बड़ियां हुई हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र आधुनिक तकनीक से अंधाधुंध इस्तेमाल का सर्वाधिक शिकार हुआ है। यहां लगाये गये राजकीय नलकूपों, हैंडपंपों आदि
जल के ज्यादा दोहन पर यूपी में मिलेगी जेल
Posted on 01 Sep, 2008 08:50 PMसिध्दार्थ कलहंस / लखनऊ / बिजनेस स्टैंडर्ड: उत्तर प्रदेश में भूजल का अंधाधुंध दोहन लगता है कि अब बीते समय की बात हो जाएगी। सरकार ने दोहन पर अंकुश के लिए कानून बना दिया है, साथ ही जल प्रबंधन और नियामक आयोग के गठन को भी मंजूरी दे दी गई है। प्रांत में भूजल का दोहन करने वालों को नए कानून के तहत एक साल तक की कैद का प्रावधान है। इसके साथ ही जान-बूझकर भूजल का दोह