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/regions/uttar-pradesh-1
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उत्तर प्रदेश की जैव विविधता के संरक्षण हेतु प्रदेश के 16,966.22 वर्ग किमी वन क्षेत्र में से लगभग 5,170 वर्ग किमी क्षेत्र में 1 राष्ट्रीय उद्यान, 24 वन्य जीव विहार स्थापित किये गये हैं, जोकि प्रदेश के वन क्षेत्र की लगभग 33.6 प्रतिशत तथा कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.4 प्रतिशत हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आड़ू, जामुन व देसी कीकर के पेड़ों की संख्या घटी हैं। चील, गिद्ध, गोरैया, बयां आदि पक्षियों की संख्या तेजी से घटी हैं। बयां के घोंसले पहले वृक्षों पर काफी दिखायी देते थे लेकिन अब न के बराबर हैं।
भारत उदय एजुकेशन सोसाइटी ने सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन लखनऊ (यू.एन.डी.पी.) के सहयोग से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बच्चों को जैव विविधता को बचाने की शपथ ली। संस्था ने शामली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, बुलंदशहर, लखीमपुर खीरी, मुरादाबाद आदि जिलों में यह अभियान सभी सरकारी/गैर सरकारी विद्यालयों में चलाया गया। इस अभियान के शुरुआती दौर में बच्चों को जैव विविधता के विषय में विस्तार से बताया गया तथा शपथ ग्रहण का आयोजन भी किया गया। इस अभियान के अन्तर्गत संस्था ने पाया कि वास्तव में कईं पेड़-पौधे, पशु-पक्षी विलुप्त हो चुके हैं या होने के कगार पर हैं।