उत्तर प्रदेश

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गंगा किनारे ‘लोहिया बोटेनिकल गार्डन’ का निर्माण
Posted on 25 Oct, 2015 09:53 AM

प्रदेश सरकार ‘राम मनोहर लोहिया’ के नाम पर कानपुर में गंगा बैराज के पास ‘लोहिया बोटेनिकल गार्डन’ बनाने की महत्त्वपूर्ण योजना को कानपुर विकास प्राधिकरण ने मूर्तरूप देना प्रारम्भ कर दिया गया है जबकि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार गंगा के 500 मीटर के अन्दर किसी भी तरह का कोई निर्माण नहीं किया जा सकता है।

Invalid construction on ganga barrage
जीवनदायी गंगा
Posted on 22 Oct, 2015 09:31 AM लोकसभा निवडणुकीच्या काळात उत्तर प्रदेशात वार्तांकनासाठी गेलो होतो. साहजिकच वाराणसी अर्थात काशीला जाणं झालं. कारण भारतीय जनता पक्षाचे तत्कालीन प्रचार प्रमुख आणि सध्याचे पंतप्रधान नरेंद्र मोदी हे वाराणसीतून उभे होते.
एनजीटी ने उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखण्ड को दिये कड़े आदेश
Posted on 11 Oct, 2015 12:03 PM 1. टेनरियों को स्थानान्तरित करें जिससे गंगा प्रदूषण से बचे
2. सौ वर्ष पूर्व लिया गया संकल्प आज भी अधूरा, गंगा मैली
3. अंग्रेजों ने टेके थे घुटने

NGT
मूर्ति विसर्जन पर रोक का सच
Posted on 29 Sep, 2015 04:30 PM वाराणसी में दिनांक 22 सितम्बर 2015 को मध्यरात्रि देश के शीर्ष सन्तों में एक, लम्बे समय से माँ गंगा की अविरलता-निर्मलता हेतु 'गंगा सेवा अभियानम्' द्वारा चलाए जा रहे आन्दोलन के सार्वभौम संयोजक, 'स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती जी द्वारा गंगा जी में गणेश मूर्तियों के विसर्जन की माँग को लेकर किये जा रहे शान्तिपूर्ण सत्याग्रह के समर्थन में एकत्रित साधू, सन्तों, बटुकों एवं धार्मिक आस्थावान काशी की जनता पर पुलिसिया बर्बरता, लाठीचार्ज किया गया। जिसमें स्वयं स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द जी गम्भीर रूप से घायल हुए।

स्वामी जी के अनुसार सरकार गंगा को बाँधों में जकड़े, नाले सीधे गंगा में बहाये, गंगा के जल का मनमाना दोहन करे तो ठीक और हम सदियों पुरानी धार्मिक मान्यताओं का निर्वहन भी नहीं कर सकते। इसी आधार पर स्वामी जी ने शान्तिपूर्ण सत्याग्रह आरम्भ किया। इस निन्दनीय घटना ने वाराणसी प्रशासन की विवेकहीनता को परिलक्षित किया। प्रशासन द्वारा स्वामी जी से वार्तालाप करके मध्यमार्ग निकालना चाहिए था। क्योंकि अभी तो इस वर्ष माँ दुर्गापूजनोत्सव की मूर्तियों का पूजन व विसर्जन होना बाक़ी है।
पांडु नदी पर गहराता संकट
Posted on 26 Sep, 2015 10:48 AM

विश्व नदी दिवस, 27 सितम्बर 2015 पर विशेष


1. कानपुर में मल-मूत्र व घरेलू गन्दगी 20 करोड़ लीटर नदी के जल को ब्लैक वाटर में कर रही तब्दील
2. कानपुर में पनकी पावर प्लांट की राख से खत्म की जा रही नदी
3. नदी में डाले जा रहे दादा नगर तथा सीडीओ के नाले


.पांडु नदी फर्रुखाबाद से 120 किमी का सफर प्रारम्भ कर पाँच जिलों से गुजरती हुई फ़तेहपुर में गंगा नदी से मिलकर अपना अस्तित्व समाप्त कर देती है। लेकिन दुःख की बात ये है कि पांडु नदी का जल कानपुर नगर आते ही अपना मूल अस्तित्व खोकर एक प्रदूषण युक्त नाले में तब्दील हो जाता है।

पांडु नदी उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद से प्रारम्भ होती है। माना यह जाता है कि इसका जन्म गंगा से ही है। पांडु नदी फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर तथा फतेहपुर जनपदों के गाँवों के हज़ारों एकड़ ज़मीन को सिंचाई का साधन उपलब्ध कराने में मददगार साबित होती रही है लेकिन इसे संरक्षित करने का जो प्रयास किये जाने चाहिए थे नहीं किये गए।

pandu river
राष्ट्रीय यमुना नदी महोत्सव की तैयारी शुरू
Posted on 21 Sep, 2015 10:18 AM तिथि : 13, 14, 15 नवम्बर 2015
स्थान : सरस्वती घाट, इलाहाबाद
आयोजक : ग्लोबल ग्रीन्स


यमुना नदी महोत्सव में नदी संवाद, यमुना के लिये दौड़, प्रतियोगिता, कवि सम्मेलन तथा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। कार्यक्रम में इलाहाबाद स्थित उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, स्थानीय, विद्यार्थी तथा सांसद एवं भोजपुरी के नामी कलाकार श्री मनोज तिवारी आदि को भी आमंत्रित करने की योजना है। कार्तिक मास में गंगा-यमुना संगम की नगरी इलाहाबाद, एक राष्ट्रीय यमुना नदी महोत्सव का गवाह बनेगी। यमुना के नाम पर सम्भवतः यह राष्ट्र स्तरीय पहला यमुना नदी महोत्सव होगा। महोत्सव, तीन दिन तक चलेगा। स्थानीय गैर-सरकारी संगठन ‘ग्लोबल ग्रीन्स’ ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। वह संस्था के भीतर अलग से एक ‘यमुना प्रकोष्ठ’ बनाएगी।

प्रस्तावित राष्ट्रीय यमुना नदी महोत्सव में नदी संवाद, यमुना के लिये दौड़, प्रतियोगिता, कवि सम्मेलन तथा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। कार्यक्रम में इलाहाबाद स्थित उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, स्थानीय, विद्यार्थी तथा सांसद एवं भोजपुरी के नामी कलाकार श्री मनोज तिवारी आदि को भी आमंत्रित करने की योजना है।

संस्था के सचिव संजय पुरुषार्थी द्वारा दी जानकारी के अनुसार, महोत्सव के लिये बाकायदा सलाहकार बोर्ड का गठन किया गया है।
Global greens
गंगा की निर्मलता और अविरलता के सवाल पर वाराणसी में दो दिवसीय समागम
Posted on 14 Sep, 2015 09:41 AM

दिनांक: 19-20 ​सितम्बर 2015
स्थान : धर्मसंघ सभागार, दुर्गाकुंड, वाराणसी

Ganga
बलिया आर्सेनिक : जहर बुझे जल का कहर
Posted on 13 Sep, 2015 12:27 PM करीब 35 लाख की आबादी का बलिया जिला जहरीले आर्सेनिक की चपेट में है। पेयजल में आर्सेनिक की अधिक मात्रा होने से काले-सफेद चित्तीदार धब्बे, हथेली का खुरदुरा और कड़ा होना, घाव होना आदि के साथ ही त्वचा कैंसर से लेकर शरीर के विभिन्न अंगों में कैंसर हो सकते हैं। बलिया में हजारों की आबादी हर साल आर्सेनिक जनित कैंसर आर्सिनोकोसिस से मर रही है। बता रहे हैं इंडिया टुडे के राष्ट्रीय संवाददाता पीयूष बबेले।
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