मीडिया फॉर राईट्स

मीडिया फॉर राईट्स
हिरोशिमा बन रहा है मलांजखंड
Posted on 14 Aug, 2014 03:43 PM
हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की खदान से बहता जहर, सैंकड़ों किसानों के खेत तबाह, मुआवजे से मुंह फेरा भूजल स्रोतों में फैला प्रदूषण खतरे में कान्हा नेशनल पार्क
मध्यप्रदेश में कुपोषण
Posted on 01 Sep, 2011 04:39 PM

शारीरिक रूप से इतने सक्षम नहीं हैं कि वे 100 घनफीट की खुदाई का काम सात घंटे में कर सकें। जिस गर

मध्य प्रदेश में खेती के संकट
Posted on 01 Sep, 2011 03:13 PM
छत्तीसगढ़ अलग राज्य के होने के बाद क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश भारत का तीसरा और जनसंख्या की दृष्टि से सातवा बड़ा राज्य है। मध्यप्रदेश एक कृषि प्रधान प्रदेश है। मसलन यहां मुख्य जीविकोपार्जन का आधार खेती है। खेती और उससे संबंधित सेवाओं का प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 31 प्रतिशत योगदान होता है। प्रदेश की 74 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास करती है। नेशनल सैम्पल सर्वे आर्गेनाइजेशन के 55 राउण्ड के सर
शहरीकरण का विस्फोट
Posted on 01 Sep, 2011 10:29 AM

113 शहरों द्वारा गंगा और उसकी सहायक नदियों के क्षेत्र में हर रोज डेढ़ अरब लीटर अपशिष्ट गंदा पान

Polluted Ganga
बच्चों की खाद्य (अ)सुरक्षा: भूख और गरीबी का यह एक बड़ा मामला है!!
Posted on 31 Aug, 2011 11:45 AM

बच्चों के जीवन के अधिकार का सबसे बुनियादी सवाल है, जिसके लिए वे समाज और राज्य पर निर्भर हैं। यद

रोजगार गारण्टी कानून में मजदूर संगठन की संभावनायें
Posted on 11 Aug, 2011 08:50 AM

42 आय बढ़ने के कारण स्वयं सहायता समूहों को अब ज्यादा सक्रिय करने की कोशिशें की जायेगी और उन्हें

मध्यप्रदेश पर एक नजर
Posted on 10 Aug, 2011 06:35 PM

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

अनियोजित विकास कार्यक्रमों और भ्रष्टाचार के कारण मालवांचल में पानी क

मध्यप्रदेश में आजीविका
Posted on 10 Aug, 2011 12:54 PM

मध्यप्रदेश की उत्तर-पश्चिमी दिशा में बसे सात जिलों में सहरिया आदिवासी रहते हैं। सहरिया आदिवासी समुदाय को भारत सरकार ने पिछड़ी हुई आदिम जनजातियों की श्रेणी में शामिल किया है। आज इसी समुदाय के बीच से खाद्य असुरक्षा के कारण लोगों की असामयिक मौतों के मामले लगातार आने लगे हैं। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कराहल आदिवासी के पूर्वजों के सबसे करीबी रिश्तेदार जंगल

मध्य प्रदेश में जंगल
Posted on 26 Feb, 2011 04:34 PM

मध्यप्रदेश अपनी विविधता के लिये जाना-पहचाना जाता है। विकास और सामाजिक परिवर्तन के प्रयासों के संदर्भ में भी जितने प्रयोग और परीक्षण इस प्रदेश में हुए हैं; संभवत: इसी कारण इसे विकास की प्रयोगशाला कहा जाने लगा है। मध्यप्रदेश में राजस्व और वनभूमि के संदर्भ में भी विवाद ने नित नये रूप लिये हैं और अफसोस की बात यह है कि यह विवाद सुलझने के बजाय उलझता जा रहा है। इस विषय को विवादित होने के कारण नजरअंदाज

मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य
Posted on 26 Feb, 2011 03:36 PM

स्वास्थ्य भौतिक, सामाजिक एवं मानसिक रूप से पूर्ण कुशलता की अवस्था है। मात्र रोग की अनुपस्थिति ही स्वास्थ्य नहीं है। वर्ष 1979 में अल्मा् आटा के अंतराष्ट्रीय सम्मेलन ने स्वास्थ्य नीतियों के विकास में एक अहम् भूमिका निभाई है। इसी सम्मेलन में सभी लोगों तक स्वास्थ्य पहुंचाने की बात रखते हुये स्वास्थ्य को नई परिभाषा दी गई। यहीं से वर्ष 2000 तक 'सभी के लिए स्वास्थ्य उपलब्धता' पर पहल प्रारंभ की गई। आज

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