मध्य प्रदेश

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यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर लापरवाही
Posted on 04 Jun, 2012 01:11 PM 28 साल पहले यूनियन कार्बाइड संयंत्र से गैस का रिसाव होने से हजारों लोगों की जानें चली गई थीं। तभी से यह संयंत्र बंद पड़ा है। तीन वर्ष पूर्व 2005 में परिसर में मौजूद रासायनिक कचरे को इकट्ठा कर सुरक्षित शेड में रखा गया था। मध्यप्रदेश के भोपाल शहर में स्थित यूनियन कार्बाइड परिसर में लगभग चार सौ मैट्रिक टन रासायनिक कचरा है। इस कचरे में से साढ़े तीन सौ मैट्रिक टन कचरे को गुजरात में भस्म किया जाना है
Union Carbide's trash
भोपाल गैस त्रासदी के लूट पर एक किताब
Posted on 25 May, 2012 11:48 AM भोपाल गैस त्रासदी के पच्चीस साल पूरे होने के बाद मीडिया के लिए भी अब भोपाल गैस त्रासदी कोई मुद्दा नहीं है। सब कुछ शांत हो चुका है। लेकिन शांत दिखते माहौल के बीच भोपाल गैस त्रासदी पर किताब आई है- इंपीचमेन्ट। यह किताब भोपाल त्रासदी के लिए संघर्ष करने वाली नामी पत्रकार अंजली देशपांडे ने लिखा है। यह किताब बताती है कि कैसे भोपाल गैस त्रासदी को पिछले पच्चीस सालों में हमारी व्यवस्था और एनजीओ वालों ने
सभ्य समाज से क्यों हार गई सुमित्रा
Posted on 05 May, 2012 04:41 PM देवास के बरोठा गांव में वाल्मिकी समाज की सुमित्रा ने सदियों से चली आ रही जागीरी को खत्म करने की सोची और उसने बैंक से बीस हजार का लोन लेकर गांव वालों के भारी विरोध के बाद भी कपड़े की दुकान खोल ली। सुमित्रा के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी लगा कि यह पहल अब प्रदेश भर के लिए मिसाल का काम करेगी। सुमित्रा की दुकान से छह माह तक एक साड़ी तो दूर एक ब्लाउज, पेटीकोट तक नहीं बिका। इससे परेशान होकर सुमि
विरासत में मिलता है मैला ढोने का काम
Posted on 05 May, 2012 02:18 PM असभ्य समाज में भी मैला ढोने की प्रथा का प्रचलन नहीं था पर विकसित होते समाज में बदस्तूर ऐसी प्रथा का पालन किया जा रहा है जिसमें इंसान का इंसान से ही मल साफ करवाया जा रहा है। सरकार मानती है कि मैला ढोने का काम बंद करते ही उन्हें दूसरे अच्छे काम मिल जाते हैं जबकि वास्तविकता यह है कि ऐसा करने से उनके दूसरे विकल्प भी छिन जाते हैं। समाज का मैला ढोना जैसे उनको विरासत में मिली हो। इसी सभ्य समाज के इन क
वाल्मिकी-हेला समुदाय के सामाजिक बहिष्कार एवं भेदभाव पर अध्ययन
Posted on 05 May, 2012 09:43 AM

हेला समाज के बारे में ऐसी लोकमान्यता है कि प्राचीन समय में किसी राजा ने अपने आदेश की अवहेलना पर एक बिरादरी को मै

खरपतवार को दोस्त बनाकर बिना जुताई की खेती
Posted on 01 May, 2012 05:11 PM
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद शहर से भोपाल की ओर मात्र 3 किलोमीटर दूर है टाईटस फार्म। यहां पिछले 25 साल से कुदरती खेती का अनोखा प्रयोग किया जा रहा है। राजू टाईटस जो स्वयं पहले रासायनिक खेती करते थे, अब कुदरती खेती के लिए विख्यात हो गए हैं। उनके फार्म को देखने देश-विदेश के कई लोग आते हैं। होशंगाबाद जिले में हाल ही में 3 किसानों की आत्महत्याएं हुई हैं, इससे वे विचलित हैं, पर निराश नहीं। वे कुदरती ख
राजू टाइटस
स्नेह भरी उंगली
Posted on 27 Apr, 2012 01:13 PM

गांधीजी के व्यक्तित्व ने, विचार ने न जाने कितने लोगों को, कितनी तरह से प्रभावित किया और उनका पूरा जीवन ही बदल डा

Bhawani Prasad Mishra
स्वाद में बेजोड़ हैं देशी बीज
Posted on 09 Apr, 2012 01:47 PM

बाबूलाल दाहिया के पास धान की 70 किस्में हैं। जिसमें कुछ सुगंधित हैं तो कुछ बिना सुगंध की। कम अवधि में पकने वाली

organic paddy seed
क्यों बढ़ रहा है जल-संकट
Posted on 05 Apr, 2012 06:22 PM

कुछ समय पहले तक गांव में कच्चे घर होते थे। घर के आगे पीछे काफी जगह होती थी। खेती-किसानी के काम में घरों में ज्या

Dokri kheda dam
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