मध्य प्रदेश

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नर्मदा-क्षिप्रा लिंक से भी माँगा पानी
Posted on 21 Jan, 2016 10:25 AM नर्मदा के पानी का अधिक-से-अधिक दोहन करने के लिये न केवल मध्य प्रदे
महेश्वर परियोजना : पूरा घूमा मिथ्याचक्र
Posted on 15 Jan, 2016 12:15 PM सरकार को परियोजना की ख़ामियों को लेकर पिछले 20 वर्षाें में कई बार च
तीन करोड़ लीटर पानी की एफडी
Posted on 14 Jan, 2016 03:47 PM पानी की कमी तथा अन्य कारणों से खेती लगातार घाटे का सौदा बनती जा रही
विन्ध्याचल डिस्टिलरी प्रदूषण मामला : एमपीपीसीबी की रिपोर्ट से एनजीटी असन्तुष्ट
Posted on 10 Jan, 2016 09:47 AM फरवरी 2014 में किसान बाबूलाल बंजारा और पृथ्वी बंजारा ने एनजीटी में
उनके लिये चाँद छूने जैसा ही है पीने का पानी लाना
Posted on 08 Jan, 2016 04:04 PM

अपनी वनौषधियों और सुरम्य प्राकृतिक नजारों के लिये विश्व प्रसिद्ध पातालकोट के मूल निवासी जीवन की सबसे मूलभूत आवश्यकता 'पानी' के लिये संघर्ष कर रहे हैं।


. जिन लोगों को लगता है कि मोबाइल पर इंटरनेट का धीमा चलना या फेसबुक की फ्रीबेसिक्स जैसी पहल ही हमारे समय की सबसे बड़ी समस्या हैं, उनको एक बार मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले स्थित पातालकोट क्षेत्र में अवश्य जाना चाहिए।

समुद्र तल से औसतन 3,000 फीट की ऊँचाई पर बसा पातालकोट अपनी खूबसूरत घाटियों और मेहराबदार पहाड़ियों के चलते पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र भले ही है लेकिन स्थानीय लोगों के लिये वहाँ जिन्दगी काटना लगातार मुश्किल बना हुआ है।

सरकार ने वहाँ स्कूल, चिकित्सालय आदि सब बनवा दिये लेकिन जीवन की सबसे मूलभूत आवश्यकताओं में से एक पानी की कमी सही मायनों में इन सब पर 'पानी फेर' रही है।

उर्मिल बाँध : एक मीटर पानी से कैसे बुझेगी प्यास
Posted on 07 Jan, 2016 03:22 PM
अमर उजाला ब्यूरो श्रीनगर। दो राज्यों को पानी देने वाला बाँध प्यासा यूपी, एमपी की सरहद पर स्थित उर्मिल बाँध दोनों राज्यों के किसानों की भूमि को हरा भरा करता है। इस बाँध से सिंचाई करके किसान साल भर तक परिवार के खानपान का इन्तजाम करता है। लेकिन इस साल बारिश न होने से फसल की पैदावार नहीं हो सकी है। हालाँकि बाँध में पानी है लेकिन जिला प्रशासन ने बाँध के पानी पीने के लिये सुरक्षित रख लिया है।
बुन्देलखण्ड में किसानों के खेतों पर तालाब और पेड़ लगाने के लिये हर सम्भव कोशिश हो - आयुक्त एल बेंकटेश्वर लू
Posted on 05 Jan, 2016 08:41 AM
14 दिसम्बर, 2015, बाँदा। 'अपना तालाब अभियान और अपना उद्यान अभियान' चित्रकूट मंडल के चारों जिलों में राज-समाज की साझी पहल बनाये जाने के लिये आयुक्त एल बेंकटेश्वर लू की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई। इस बैठक में सभी जनपदों के प्रमुख सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, प्रमुख किसान और मुख्य विकास अधिकारी सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। जिसमें अपना तालाब अभियान महोबा के सफल कार्यों, परिणामों से परिचय करते हुए अभियान संयोजक पुष्पेन्द्र भाई ने प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड के सभी जनपदों में सूखा और पानी का संकट गहराता जा रहा है। इस संकट से निपटने और स्थाई समाधान की दिशा में साझे प्रयास करने की जरूरत है।

जिसमे किसानों को अपने खेतों पर तालाब बनाने और एक-तिहाई भूभाग पर पेड़ लगाने के लिये प्रोत्साहित करना हमारी मुहिम का हिस्सा बने, साथ ही इस काम के लिये उपयुक्त योजनाएँ भी। पुष्पेन्द्र भाई ने इस मुहिम को गति और ऊर्जा देने के लिये सुझाव प्रस्तुत किया कि यहाँ का किसान अकेले अनुदान अथवा आर्थिक मदद से नहीं बल्कि उसके काम के सम्मान किये जाने पर बुन्देलखण्ड की तस्वीर बदल सकता है।
कहाँ गुम होते जा रहे हैं -हम
Posted on 03 Jan, 2016 11:42 AM

इस योजना का प्रमुख अंग था हिमालय के समानान्तर एक बड़ी नहर का निर्माण करके उसे मध्य देश और

कहाँ गुम होते जा रहे हैं ये तालाब
Posted on 03 Jan, 2016 11:22 AM

सचमुच, ये धरती माता, एक मटके के समान ही है, जिसमें से लगातार पानी उलीचा जा रहा है। हमारे

बरमान घाट पर नर्मदा
Posted on 03 Jan, 2016 11:17 AM

साल के जाते-जाते नर्मदा से फिर भेंट हो गई। मन में आस लगी ही रहती है, उसके दर्शन की। इस बार 26 दिसम्बर को जब नरसिंहपुर में था तो बहन बोली- चलो भैया नर्मदा चलते हैं। सुबह ठंड बहुत थी तो निकलते-निकलते देर हो गई। आटो से चले तो राजमार्ग से होते हुए कुछ ही देर में बरमान पहुँच गए।

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