ओमकार सिंह

ओमकार सिंह
विभिन्न भूमि उपयोगों पर अंतःस्यंदन गुणों का अध्ययन
Posted on 26 Apr, 2012 10:05 AM

अंतः स्यंदन जल संतुलन की गणना एक आवश्यक अंग है। जलविज्ञानीय अध्ययनों के लिए विभिन्न प्रकार की मृदाओं एवं भूमि उपयोगों की स्थिति में अन्तःस्यंदन ज्ञान जरूरी है। अंतःस्यंदन दर एक मृदा में जल के प्रवेश कर सकने की अधिकतम दर को निर्धारित करती है। अंतः स्यंदन दर पूर्वगामी मृदा नमी एवं प्रपुण्ज घनत्व में परिवर्तन से प्रभावित होती है। जलोढ़ मृदा, काली मृदा, लाल मृदा एवं लेटराइट मृदा, भारत में पाये जाने

भूजल की गुणवत्ता प्रभावित करने वाले प्राचलों का सांख्यकीय विधि प्रिंसीपल कम्पोनेन्ट एनालिसिस द्वारा निर्धारण
Posted on 25 Apr, 2012 09:59 AM

विगत कुछ दशकों में हुए औद्योगिक एवं अन्य विकासों का जल संसाधनों की गुणवत्ता पर विपरीत परिणाम देखा गया है। जल प्रदूषण, लवणता, यूट्रोफिकेशन आदि समस्यायें दिनोंदिन बढ़ती जा रही हैं। इसका परिणाम न केवल सतही जल संसाधनों पर बल्कि भूजल पर भी देखा जा सकता है। इसलिए जल गुणवत्ता प्रबंधन वर्तमान जल संसाधन प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण पहलू बन गया है।

Ground water
मृदाओं में अन्तःस्यन्दन दरों का मापन
Posted on 22 Dec, 2011 10:31 AM जलविज्ञानीय अध्ययनों के लिए विभिन्न प्रकार की मृदाओं एवं भूमि उपयोगों की स्थिति में अन्तःस्यन्दन ज्ञान जरूरी है। अन्तःस्यन्दन दर मृदा में जल के प्रवेश कर सकने की अधिकतम दर को निर्धारित करती है। अन्तःस्यन्दन दर प्रारंभ में बहुत तेजी से कम होती है फिर कुछ समय के पश्चात यह एक स्थिर दर पर पहुंच जाती है। यह दर पूर्वगामी मृदा नमी एवं प्रपुण्ज घनत्व में परिर्वतन से
मसाही गांव ( हरिद्वार) के भूमिगत जल एवं तालाब की गुणवत्ता का मूल्यांकन 
यह शोध पत्र मसाही गाँव, तहसील रुड़की, जिला हरिद्वार, उत्तराखण्ड के भूजल और तालाब की गुणवत्ता के मूल्यांकन को प्रस्तुत करता है। तालाब और भूमिगत जल से पानी के नमूने, पानी पीने के उद्देश्य के लिए उपयुक्तता की जाँच करने के लिए अलग-अलग स्थानों से एकत्र किए गए थे Posted on 17 Apr, 2023 10:29 AM

भारत में भूजल की उपयोगिता पिछले कुछ दशकों के दौरान बढ़ी है। अत्यधिक भूजल दोहन के कारण कई जगहों पर भूजल तालिका में गिरावट पायी जा रही है और यह दीर्घकालिक चिन्ता का विषय है। ऐथ्रोपोजेनिक गतिविधियों के कारण देश के कई हिस्सों में भूमिगत जल प्रदूषित हो रहा है। पहले गांवों में तालाब कई उद्देश्यों के लिए अर्थात् पीने, स्नान और सिंचाई आदि कार्यों में प्रयोग होते थे लेकिन अब तालाव दिन-प्रतिदिन प्रदूषित

मसाही गांव ( हरिद्वार) के भूमिगत जल एवं तालाब की गुणवत्ता का मूल्यांकन,PC-amuj
×