डॉ. शुभ्रता मिश्रा

शुभ्रता मिश्रा
डॉ. शुभ्रता मिश्रा

डॉ. शुभ्रता मिश्रा मूलतः भारत के मध्य प्रदेश से हैं और वर्तमान में गोवा में हिन्दी के क्षेत्र में सक्रिय लेखन कार्य कर रही हैं। उन्होंने डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर से वनस्पतिशास्त्र में स्नातक (B.Sc.) व स्नातकोत्तर (M.Sc.) एवं विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से वनस्पतिशास्त्र में पीएचडी (Ph.D.) और पोस्ट डॉक्टोरल अनुसन्धान कार्य किया।

डॉ. शुभ्रता मिश्रा की अंग्रेजी भाषा में वनस्पतिशास्त्र व पर्यावरणविज्ञान से सम्बन्धित अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। सन 2004 से हिन्दी में सतत वैज्ञानिक लेखन कर रही हैं। डॉ. मिश्रा के हिन्दी में वैज्ञानिक एवं सामयिक लेख विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होते रहते हैं। उनकी अनेक कविताएँ भी विभिन्न कविता-संग्रहों में संकलित हैं।

प्रकाशित हिन्दी पुस्तकें


भारतीय अंटार्कटिक संभारतंत्र
धारा 370 मुक्त कश्मीर यथार्थ से स्वप्न की ओर

सम्मान


वीरांगना सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय फेलोशिप सम्मान (2016)
नारी गौरव सम्मान (2016)
राजीव गाँधी ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार-2012 (2014 में प्रदत्त)
मध्य प्रदेश युवा वैज्ञानिक पुरस्कार (1999)

क्या समुद्री खाद्य शृंखलाएं जलवायु परिवर्तन से बदल जाएंगी
तेजी से हो रहे निरंतर जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्री पारिस्थितिक तंत्र में समय के साथ तेजी से पोषक तत्वों की कमी होती जाएगी। एक शोध का अनुमान है कि जलवायु परिवर्तन का दक्षिण प्रशांत, हिंद-प्रशांत, पश्चिम अफ्रीकी तट और मध्य अमरीका के पश्चिमी तट पर स्थित देशों की समुद्री खाद्य श्रृंखलाओं पर प्रतिकल प्रभाव पड़ने की आशंका है।
Posted on 08 Jul, 2024 06:49 AM

जलवायु परिवर्तन के कारण पैदा हुई भीषण तपन ने एक ओर पृथ्वी के ध्रुवों और हिमनदों को पिघलने पर मजबूर कर रखा है, वहीं समुद्री जल स्तर को बढ़ाने पर भी तुली हुई है। जलवायु परिवर्तन से समुद्रों और महासागरों के तापमान में वृद्धि के साथ-साथ वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर भी बढ़ रहा है। कार्बन डाइऑक्साइड में वृद्धि से महासागरों की अम्लीयता बढ़ रही है। सारू रूप में देखा जाए तो जलवायु परिवर्तन के क

प्रतिकात्मक तस्वीर, फोटो स्रोत: विकिमीडिया कॉमन्स
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