जयवीर त्यागी

जयवीर त्यागी
सिंचाई जल उपयोग की दक्षता बढ़ाने के लिए मृदा नमी आंकलन की तकनीक
Posted on 24 Dec, 2011 04:15 PM भारत के सिंचित कृषि क्षेत्र में पानी का बेहतर उपयोग न होना एक चिन्ता का विषय है। अन्य क्षेत्रों में पानी की बराबर बढ़ती माँग के कारण सन् 2025 तक सिंचाई क्षेत्र में पानी की वर्तमान हिस्सेदारी 84% से घटकर 74% तक होने का अनुमान है। इसलिए सिंचाई जल उपयोग की दक्षता के वर्तमान स्तर में सुधार लाना सिंचाई के निर्धारण में उपयोग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मृदा नमी की माप और उसका सिंचाई के निर्धारण म
विभिन्न प्रकार की मृदाओं की विशिष्ट जल धारण क्षमता
अंकीय चित्र प्रणाली द्वारा पोंग (राणा प्रताप सागर) जलाशय का तलछट आंकलन
Posted on 24 Dec, 2011 12:25 PM
जलाशयों के साथ अवसाद या तलछट का होना एक मुख्य घटक है। जो कि जलाशयों की अवधि को हानी पहुँचाता है। अवसाद कण साधारणतः दूर तक फैले आवाह क्षेत्र में नदी बहाव से हुए मृदा अपरदन प्रक्रिया से उत्पन्न होते हैं। जब नदी का बहाव जलाशय में कम होता है तो उसके साथ-साथ अवसाद भी जलाशय में जमा हो जाता है और इसकी जलधारण क्षमता को कम कर देता है। जलाशय की जलधारण क्षमता में सीमा से परे हुई क्षति हमारे मूल उद्देश्
बदलते वन परिदृश्य में वनीय-जलविज्ञान के क्षेत्र में शोध आवश्यकताएं
वनाच्छादित क्षेत्र अक्सर वृहत नदियों के शीर्ष जल आवाह क्षेत्र को निर्मित करते हैं। सरिता प्रवाह वनों से होने वाले सर्वाधिक महत्वपूर्ण वहिर्वाह में से एक है। वनों के प्रकार और प्रबंधन पद्धतियाँ जलविज्ञानीय प्रक्रियाओं को प्रभावित करती हैं, जैसे अवरोधन, वाष्पोत्सर्जन, मृदा अंतःस्यंदन और अपवाह. वनीय-जलविज्ञान वन और जल के संबंध को समझने में मदद करता है। वनीय-जलविज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान वन प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझने में मदद करेगा। उपयोगिता और महत्व के बारे में जानिए Posted on 09 Jul, 2024 08:50 AM

सारांश: वनाच्छादित क्षेत्र अक्सर अनेक वृहत नदियों के शीर्ष जल आवाह क्षेत्र को निर्मित करते हैं। अतः सरिता प्रवाह वनों से होने वाले सर्वाधिक महत्वपूर्ण वहिर्वाह में से एक है। यह एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक सत्य है कि वनों के प्रकार एवं उनकी प्रबन्धन पद्धतियाँ विभिन्न जलविज्ञानीय प्रक्रियाओं उदाहरणतः अवरोधन, वाष्पोत्सर्जन, मृदा अन्तःस्यंदन तथा अपवाह में उपलब्ध पोषकों एवं अवसाद की मात्रा को प्रभावित क

(छवि: अश्विन कुमार, विकिमीडिया कॉमन्स)
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