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क्यों विफल हुआ गंगा एक्शन प्लान
Posted on 10 May, 2015 10:02 AM दो दशक पहले तक गंगा पानी से लबालब रहने वाली बारहमासी नदी थी। 2,525 किलोमीटर लम्बी इस नदी का उद्गम स्थल पश्चिमी हिमालय है। इसका कुल जलग्रहण क्षेत्र लगभग 10,80,000 वर्ग किलोमीटर है। इनमें से 8,61,000 वर्ग किलोमीटर भारत में है और शेष बांग्लादेश में। गंगा का औसत वार्षिक बहाव लगभग 38,000 घनमीटर प्रति सेकेंड (अधिकतम 70,000 घनमीटर और न्यूनतम 180 घनमीटर प्रति सेकेण्ड) है।
बेहतर जल पाने की उम्मीद मूर्खता
Posted on 09 May, 2015 03:38 PM पानी के वेग कम करते ही क्या असर पड़ता है, इसे साफ-साफ कई रूपों में देख सकते हैं। तीन दशक पहले तक गंगा किनारे बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डीमाण्ड (बीओडी) दो से तीन पार्ट प्रति मिलियन हुआ करता था। अब 10 से 12 पार्ट प्रति मिलियन तक है। तीन दशक पहले बनारस के अस्सी घाट पर नदी की चौड़ाई 360 मीटर थी, जो अब यह 260 मीटर में सिमट गयी है। घाट पर नदी की गहराई 9.6 मीटर थी लेकिन अब
जल-जन जोड़ो अभियान के बहाने जल सुरक्षा पर चर्चा
Posted on 09 May, 2015 12:56 PM

दिनांक : 13-14 मई, 2015,
स्थान : जवाहरलाल नेहरू युवा केन्द्र (निकट गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान), दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, नई दिल्ली, नज़दीक मेट्रो स्टेशन: मण्डी हाउस एवं बस स्टैंड : बाल भवन और आईटीओ
आयोजक : जल-जन जोड़ो अभियान


जैसा कि नाम से स्पष्ट है ‘जल-जन जोड़ो अभियान’, जल के भिन्न सरोकारों से जन-जन को जोड़ने के लक्ष्य रखने वाला अभियान है। वर्ष 2012 में शुरू हुआ यह अभियान, जलपुरुष श्री राजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में संचालित है।

 

पहला दिन


पहला दिन प्रातः दस बजे से शुरू होकर सायं 5.00 बजे सम्पन्न होगा। 13-14 मई को प्रस्तावित सालाना मिलन मौके पर पहले दिन आयोजकों की ओर से अभियान की जरूरत, किए गए प्रयास व नतीजों की जानकारी दी जाएगी।

Jal jan jodo abhiyan
ताकि सिर्फ खबर होकर न रह जाए ये खबरें
Posted on 08 May, 2015 04:08 PM

“भारत, दुनिया के सर्वाधिक तेजी से बढ़ते बोतलबन्द पानी बाजारों में से एक’’ - यह खबर, बैसाख-जेठ में पानी का प्याऊ लगाकर जलदान को महादान बताने वाले भारत देश की है।

 

pyaoo
खुली आर्थिकी में सावधानियाँ जरूरी
Posted on 08 May, 2015 01:01 PM उन्न्त बीज वाली फसलों..
pesticide
साँस लेना भी गुनाह लगता है
Posted on 08 May, 2015 11:06 AM कुछ कार्यालयों की बन्दी का दिन शनिवार-रविवार की जगह अन्य दिन किया ज
Air pollution
वन विखण्डन से नष्ट होती जैवविविधता
Posted on 08 May, 2015 10:55 AM

हालाँकि मनुष्य के लालच एवं मांस भक्षण के तेजी से बढ़ने की वजह से इस बात की पूरी सम्भावना है कि

उधार की साबरमती
Posted on 08 May, 2015 09:35 AM ‘साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल, दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल।’ साल 1954 में आई ‘जागृति’ नाम की इस फिल्म ने महात्मा गाँधी को साबरमती का सन्त बना दिया था। गाँधी थे भी। बाद में अहमदाबाद के कोचरब में बने गाँधी के आश्रम को साबरमती के किनारे बसा दिया गया। तब से इसे साबरमती आश्रम के नाम से जाना जाने लगा। आज साबरमती के सन्त के नाम पर केवल गा
जारी है अधिकार में क्षरण का सिलसिला
Posted on 08 May, 2015 09:32 AM मछुआरे और नाविक सदियों से गंगा नदी में निवास करते रहे हैं और गंगा ही उन्हें आजीविका उपलब्ध कराती रही है। उनके परिवार के भरण-पोषण का यही एक मात्र जरिया रहा है। कुछ मछुआरे मछली पकड़ने का काम करते रहे हैं, तो कुछ यात्री और माल ढुलाई के कामों में लगे रहे। वे इन पेशों में अदला-बदली भी करते रहे हैं। एक समय सत्ताधारियों को इनकी जरूरत नौसैनिक गतिविधियों के वास्ते हुआ
गंगा की जैव विविधता में ह्रास (Biodiversity losses in Ganga)
Posted on 08 May, 2015 09:29 AM गंगा भारत की जीवन रेखा है। यह भारतीय सभ्यता के विकास का केन्द्र और भारतीयता की पहचान है। यह जीवनदायिनी है। गंगा ने भारत के विशाल हिस्से में समतल मैदान का निर्माण किया। इस भाग के वासियों को काफी उपजाऊ भूमि भी उपलब्ध करायी। गंगा में असंख्य जीव-जन्तुओं का वासस्थान है। उपलब्ध तथ्यों के अनुसार गंगा में वनस्पतियों एवं जन्तुओं की 2000 प्रजातियाँ मौजूद हैं। इन प्रजा
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