डॉ. अशोक अशुमन

डॉ. अशोक अशुमन
जारी है अधिकार में क्षरण का सिलसिला
Posted on 08 May, 2015 09:32 AM
मछुआरे और नाविक सदियों से गंगा नदी में निवास करते रहे हैं और गंगा ही उन्हें आजीविका उपलब्ध कराती रही है। उनके परिवार के भरण-पोषण का यही एक मात्र जरिया रहा है। कुछ मछुआरे मछली पकड़ने का काम करते रहे हैं, तो कुछ यात्री और माल ढुलाई के कामों में लगे रहे। वे इन पेशों में अदला-बदली भी करते रहे हैं। एक समय सत्ताधारियों को इनकी जरूरत नौसैनिक गतिविधियों के वास्ते हुआ
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