बिहार

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...बांध बनते गए बर्बादी बढ़ती गई
Posted on 20 Sep, 2011 10:55 AM

तटबंध बाढ़ से होने वाली तबाही को रोकता है या परेशानी का सबब बनता है, यह बहस का मुद्दा है लेकिन इस बात पर कोई संदेह नहीं कि नदियों में बाढ़ आने के साथ ही तटबंध की मरम्मत और तबाही की रोकथाम के नाम पर करोड़ो रुपये का वारा-न्यारा कर दिया जाता है। ठेकेदार, अफसर और सरकारी दलाल के गठजोड़ ने तटबंधों के जरिए उत्तर बिहार का पूरा परिदृश्य बदल कर रख दिया है। हालांकि इसका अर

दूध के नाम पर जहर की खरीद-बिक्री
Posted on 19 Sep, 2011 03:44 PM

बिहार में सहकारिता क्षेत्र से तीन लाख 4 हजार दुग्ध उत्पादक परिवार जुड़े हैं। इनमें 14.7 प्रतिश

विलुप्त हो गयी कुदरा नदी
Posted on 16 Sep, 2011 02:14 PM

सासाराम। इतिहास गवाह है कि सभ्यताएं नदी के किनारे पनपीं देश व दुनिया के अधिकतर शहर आज भी नदियों के किनारे ही बसे हैं, ऐसे में बिना नदी के शहर सासाराम का बसा होना आश्चर्य की बात लगती है वह भी ऐसा शहर, जिसका लिखित इतिहास 251 ईसा पूर्व का है।

कुदरा नदी अस्तित्व ही खत्म हो गया है
बिहार में विकराल होता जल संकट
Posted on 30 Aug, 2011 04:13 PM

दो लाख गांव ऐसे हैं जहां पानी की गुणवत्ता इतनी निम्न स्तर की है कि लोग विभिन्न बीमारियों से पीड

बाढ़ से 'बरकत'
Posted on 22 Aug, 2011 12:10 PM

बिहार में हर साल कहर बरपाने वाली बाढ़ भले ही आमजन के लिए बुरा सपना हो लेकिन सरकारी महकमों के ब

ककोलत जलप्रपात अस्तित्व पर खतरा
Posted on 16 Aug, 2011 11:54 AM

नवादा जिले से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है एक ऐसा जलप्रपात जो सुंदरता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिहाज से देश के किसी भी जलप्रपात से कम नहीं है लेकिन सरकारी महकमा इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाने के बजाय उसके अस्तित्व को मिटाने के लिए तत्पर हैं। बिहार में कश्मीर के नाम से प्रसिद्ध नवादा जिले के गोविंदपुर प्रखंड के अंतर्गत पड़ने वाले प्राकृतिक पर्यटन स्थल ककोलत जलप्रपात पर अस्तित्व मिटने का खतरा

ककोलत जलप्रपात
सफलता की कहानी, अरुण पंडित, गाँव: अझौला, जिला: बेगुसराय
Posted on 09 Aug, 2011 01:37 PM

हर किसी का झुकाव नौकरी कि ओर होता है नौकरी से थक हार कर खेती का विचार पनपता है। इसी राह पर चल रहे हैं बेगुसराय जिले के अझौर गाँव के अरुण पंडित। खेती प्रारंभ करने से पूर्व अरुण पंडित कई शहरो की खाक छान मजदूरी करते-करते थक गए। कही परिश्रम से कम पैसा तो कहीं समय पर मजदूरी नहीं चारो ओर समस्याए ही समस्याए, समाधान कोसों दूर। खैर, करते ही क्या?

सोन नहर जल संकट पर शुरू हुई सुनवाई
Posted on 29 Jul, 2011 05:23 PM

पटना। उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा पर अवस्थित सिंगरौली के पास प्रस्तावित 35,000 मेगावाट ताप बिजली घरों के निर्माण में यदि सोन नदी के पानी का अत्यधिक इस्तेमाल न रोका गया तो बिहार के किसानों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। राज्य सरकार को अगर सोन नदी से अपने हिस्से का पानी बचाना है तो यूपी एवं एमपी सरकार से केन्द्र सरकार के सामने बातचीत करनी चाहिए। इसके लिए हाईकोर्ट के हस्तक्षेप की जरूरत है।

सोन नदी का अस्तित्व अब खतरे में है
गंडक तबाही मचा सकती है
Posted on 29 Jul, 2011 01:18 PM

सुरक्षा को ध्यान में रखकर बिहार सरकार ने बैराज की मरम्मत के लिए 15 करोड़ 80 लाख रुपए आवंटित कि

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