बिहार

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नदी जल प्रबंधन पर 8 जुलाई को सेमिनार
Posted on 07 Jul, 2012 04:52 PM आमंत्रण
सेमिनार
नदी जल प्रबंधन : एक समीक्षा
संदर्भ : बागमती-गंडक
8 जुलाई, 2012 (10 बजे सुबह से 5 बजे शाम तक)
स्था न : स्ना तकोत्त र अर्थशास्त्र2 विभाग, सोशल साइंस ब्लॉ क, विश्व विद्यालय परिसर, मुजफ्फरपुर

महोदय/महोदया,
बाढ़ समस्या के समाधन एवं सिंचाई के इंतजाम के नाम पर उत्तर और पूर्वी बिहार की नदियों पर तटबंध बनाये गये। 1950 में बिहार में तटबंधों की लम्बाई 165 किलोमीटर थी। उस समय बाढ़ प्रवण क्षेत्र 25 लाख हेक्टेयर था। आज बिहार की नदियों पर बने तटबंधों की लम्बाई लगभग 3600 किलोमीटर हैं और बाढ़ प्रवण क्षेत्र बढ़कर 79 लाख हेक्टेयर हो गया है।
कितना कारगर होगा बाढ़ पूर्व तैयारी
Posted on 01 Jun, 2012 02:01 PM

स्वास्थ्य सुधार की दिशा में सरकार की पहल सहारनीय कही जा सकती है। पिछले 5-6 सालो के शासन के दौरान स्वास्थ्य मिशन

अक्षय ऊर्जा के जरिये अपना जीवन रौशन करनेवाले लोगों के उद्यम से जुड़ी़ रिपोर्ट
Posted on 31 May, 2012 12:38 PM

भारत के पास मौका है कि वह अपनी भावी ऊर्जा अधिसंरचना का निर्माण इस तरीके से करे कि ऊर्जा से वंचित तबकों को न्यायप

सशक्त बिहार : ऊर्जा हासिल करने के लिए नीतिगत कदम
Posted on 31 May, 2012 10:31 AM

बिहार के ग्रामीण इलाकों की ऊर्जा जरूरतें पूरी करने के लिए संस्थागत और सरकारी स्तर पर अपनाने की जरूरत है। इन इलाक

एस्बेस्टस का सवाल
Posted on 24 May, 2012 11:19 AM

बिहार के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री वहां की परिस्थितियों से पूर्णतः परिचित हैं। फिर भी लोगों को नहीं सुना जा

खगड़िया का पानी पीने लायक नहीं
Posted on 28 Apr, 2012 05:05 PM खगड़िया जिले के पानी को करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद भी वहां के पानी को आर्सेनिक और आयरन से मुक्त नहीं किया जा सका। जिससे वहां के लोगों को पीने के पानी का बहुत बड़ी समस्या उभर कर सामने आ रही है। इसी समस्या को उजागर कर रहे हैं मनेंद्र कुमार।
नदी जोड़ परियोजना वरदान या अभिशाप
Posted on 26 Apr, 2012 03:42 PM नदी जोड़ परियोजना की वजह से ना तो मुजफ्फरपुर के लीची में कोई मिठास आ जाएगी और ना ही मधुबनी के आमों में वो रस जिसके लिए ये दोनों जाने जाते हैं। इनका रस और मिठास इनके अपने ही नदियों के पानी से आएगा जिसके किनारे ये अपना फल देते हैं। इस नदी जोड़ परियोजना से राजस्थान में धान की फसलें लहलहाने नहीं लगेंगी। इसी नदी जोड़ परियोजना के बारे में बताते संजय मिश्र।
आहर-पईन के साथ कट रही जिंदगी
Posted on 19 Apr, 2012 04:41 PM कमल नयन, गयाः साधारण कद-काठी। कुर्ता-पायजामा के साथ कंधे पर कपड़े का झोला। भोजपुर में जन्में करीब 50 साल के रवीन्द्र पाठक को मगध की माटी भा गई है। दो दशक पहले उन्होंने धरती के अंदर से पानी ढूंढ़ने का काम शुरू किया। इसके एक दशक बाद उन्होंने सतही जल की व्यवस्था पर भी ध्यान दिया। तब से वे आहर-पईन के साथ ही जी रहे हैं।

‘मगध जल जमात’ की स्थापनाः

22 अप्रैल को बागमती की व्यथा-कथा : एक संवाद
Posted on 17 Apr, 2012 11:41 AM मित्रों,बिहार शोध संवाद के बैनर तले मुजफ्फरपुर स्थित बिहार विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में 22 अप्रैल को सुबह 10 बजे से संध्या 5 बजे तक 'बागमती की व्यथा-कथा : एक संवाद' कार्यक्रम आयोजित होगा। इस कार्यक्रम में बिहार के कई जिलों से एवं उत्तर प्रदेश व दिल्ली से कलाकार, पत्रकार, लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता, किसान व बागमती क्षेत्र के लोग सैकड़ों की संख्या में शामिल हो रहे हैं। कार्यक्रम में बागमती पर चल रह
देख रही हो न गंगा माई, अब हम हवा में उड़ रहे हैं
Posted on 14 Apr, 2012 04:17 PM

हमलोगों ने गांधी सेतु को रास्ता बना लिया था। गंगा छूट गई थी। दिल्ली आने के बाद बनारस के पास गंगा दिखने लगी। तेजी

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