बिहार

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सूखे से निबटना असंभव भी नहीं
Posted on 05 Aug, 2014 10:30 AM

विश्व भर के पच्चीस चुनिंदा वैज्ञानिकों द्वारा अनुमोदित इस रिपोर्ट में दुनिया का तापमान दो से ती

बारिश व रोपनी कम होने से किसान चिंतित
Posted on 04 Aug, 2014 12:51 PM

धान की रोपाई के लिए सबसे अच्छे समय में सूबे के कई जिले सुखाड़ की चपेट में है। कई दिनों से बारिश नहीं होने से किसान काफी परेशान हैं। इन जिलों में अब भी सामान्य से कम बारिश हुई है। सहरसा, भभुआ, गोपालगंज, अरवल, पूर्णिया, सारण, सीतामढ़ी में सबसे अधिक सुखाड़ है। मौसम विभाग के मुताबिक सूबे में अबतक 328.5 मिलीलीटर बारिश हुई है। जबकि इस समय 387.4 मिलीलीटर बारिश होनी चाहिए थी। अब तक जुलाई में राज्य में

drought
सूखे से निबटने को चाहिए ठोस रणनीति
Posted on 04 Aug, 2014 10:06 AM बिहार राज्य बाढ़ व सूखे से प्रभावित रहता है। पिछले 14 सालों में बिहा
सीएसआर के दायरे में सभी बड़ी कंपनियां
Posted on 03 Aug, 2014 11:15 AM झारखंड-बिहार एक बार फिर सूखे की दहलीज पर खड़े राज्य हैं। अब क्या होगा?
पंचायत में बजट की व्यवस्था
Posted on 02 Aug, 2014 01:45 PM पाठकों की मांग पर पंचायती राजकाज पेज हम फिर शुरू कर रहे हैं। इस बार हम उन विषयों पर तकनीकी सुझावों और जानकारी को आप तक पहुंचाएंगे, जिन पर पंचायती राज व्यवस्था से जुड़े लोगों और जनप्रतिनिधियों के अनुभव हमें प्राप्त होंगे। इस बार कई लोगों ने पंचायतों में बजट की व्यवस्था को लेकर अपनी जिज्ञासा हम तक पहुंचाई है। कई मुखिया ने अपना अनुभव साझा करते हुए यह जानना चाहा कि पंचायत सरकारें अपना बजट कैसे बना स
बूंद-बूंद पानी को तरसेंगे लोग
Posted on 20 May, 2014 09:21 AM सबसे बड़ा सवाल है कि लोग पानी को तो प्यूरिफाई करके पी रहे हैं लेकिन
जैविक विविधता का सिमटता दायरा
Posted on 03 May, 2014 10:07 AM परंपरा से जैविक विविधता की एक समृद्ध विरासत हमें मिली है। इसे सहेजन
अंगिका काव्य में पावस वर्णन
Posted on 27 Mar, 2014 09:53 AM

‘तित्तर पांखे मेघ, विधवा करै सिंगार
इक बरसै, एक उड़रै कहि गेलै डाक गुबार।’

cloud
यादों-स्वादों में ही रह गया देसरिया धान और उसका चिउरा
Posted on 22 Mar, 2014 11:00 AM उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर शहर से करीब 8 किलोमीटर पूरब की ओर पूसा रोड पर जाएं तो मुशहरी ब्लॉक से आगे एक झील दिखाई देगी। मुशहरी से शुरू होकर यह झील अर्ध चंद्राकार होते हुए बूढ़ी गंडक के बगल में रजवाड़ा पंचायत तक करीब पांच किलोमीटर लंबाई में फैली है। इसी तरह इसकी चौड़ाई मणिका से मुशहरी पंचायत के बीच करीब आधा किलोमीटर है, जो गर्मी में सिकुड़ जाती है। इसे स्थानीय बोल
कैप्शन मुशहरी प्रखंड के नजदीक पानी की कमी से मणिका मन का सूखा हिस्सा
बारिश में अंतर से धान में चावल के बदले खखरा
Posted on 22 Mar, 2014 10:34 AM चित्र में जो धान का खेत दिख रहा है, इसकी फोटो पिछले साल ली गई है। इसमें धान की फसल बहुत ही कमजोर है। इतना कमजोर की उसमें धान लगने पर ही संदेह है। लगा भी तो बहुत कम उपज होनेवाली है।
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