आरके नीरद
आरके नीरद
कमाई करोड़ों में, सामाजिक दायित्व दिखावा
Posted on 03 Aug, 2014 04:25 PMइस सदी में मॉनसून के छठी बार धोखा दिया है। 14 साल में छह बार राज्य में सूखे की मार बहुत बड़ी बात है। हर बार किसानों को फसलों का भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान की भरपाई और वैकल्पिक व्यवस्था में सरकार के खजाने पर बोझ पड़ा। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि कृषि क्षेत्र में कारोबार करने और भारी मुनाफा कमाने वाली कंपनियां कहां हैं, क्या कर रही हैं?सीएसआर के दायरे में सभी बड़ी कंपनियां
Posted on 03 Aug, 2014 11:15 AMझारखंड-बिहार एक बार फिर सूखे की दहलीज पर खड़े राज्य हैं। अब क्या होगा?जैविक खेती जमीन और जीवन दोनों की जरूरत
Posted on 08 Jun, 2013 12:57 PMखेती महंगी हो गयी है। कृषि उपकरण, बीज, खाद, पानी और मजदूर सब महंगे हो गये हैं। सरकार लाख दावा कर ले, रिजर्व बैंक की रिपोर्ट यह सच सामने लाती है कि आज भी पांच में से दो किसान बैंकों की बजाय महाजनों से कर्ज लेकर खेती करने को मजबूर हैं, जिसकी ब्याज दर ज्यादा होती है। दूसरी ओर किसान हों या सरकार, सबका जोर कृषि उत्पादन की दर को बढ़ाने पर है। ज्यादा उत्पादन होने पर कृषि उपज की कीमत बाजार में गिरती है
वार्ड सदस्य ला सकते हैं ग्राम स्वराज
Posted on 03 Jun, 2013 02:00 PM सूचना देने के लिए सूचना पट्ट, अखबार, माइकिंग, टीवी, न्यूज चैनल, इंमांगिए सिंचाई योजनाओं के खर्च का हिसाब
Posted on 28 May, 2013 01:51 PMराज्य में कुल सिंचित क्षेत्र करीब 8 से 10 प्रतिशत है। जो कुल कृषि भूमि के करीब 24.25 प्रतिशत है। यानी हर खेत को पानी पहुंचाने का लक्ष्य अब भी 75.75 प्रतिशत बाकी है। यह तब है, जब चौथी पंचवर्षीय योजना से ही छोटानागपुर और संथाल परगना में सिंचाई के संसाधन विकसित करने के लिए कई बड़ी परियोजनाओं को स्वीकृति दी गयी। इनमें से ज्यादातर परियोजनाएं अब भी आधूरी हैं, जबकि समय के साथ इनका बजट सौ गुना से भी ज्याद