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संरक्षण - जल उपयोग को कम करना
झाबुआ की तस्वीर बदल रही है
Posted on 03 May, 2019 12:32 PMजल पांच तत्वों में से एक तत्व, जिसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। जहां भी पानी हो, वहां जीवन अपने आप ही पल्लवित हो उठता है। वास्तव में यही हमारी भारत भूमि की परंपरा रही है। हमें इसलिए स्थान विशेष में जल संरक्षण हेतु तमाम पद्धतियां, प्रक्रियाएं और परिणाम स्वरूप जल-संरचनाएं मिलती हैं। आज भी ऐसे कुछ स्थान, कुछ समाज ऐसे बचे हैं, जिन्होंने जल के प्रति भारत भूमि की भावना को संजोए रखा है और
पानी की रिहाई
Posted on 02 May, 2019 12:55 PMबरसात के समय मे 90 प्रतिशत आपदाओं का कारण पानी है। दूसरी ओर पानी जीवन का आधार है। वह चाहे नदियों, जल स्रोतों, जलाशयों, बारिश की बूंदों के आदि के रूप में जहां से भी आ रहा हो, इनमें मानसून के समय मे पानी की मात्रा बढ़ जाती है, लेकिन यही समय है कि जब अधिक-से-अधिक पानी को जमा करके सालभर की आवश्यकता की पूर्ति की जा सकती है। मकानों की छतों से बरसात में बहने वाले पानी को पीने के लिए, फैरोसीमेंट टैंक ब
विभिन्न स्तरों पर जल संरक्षण
Posted on 13 Oct, 2018 02:34 PM आपने पहले से ही जान चुके हैं कि जल सभी जीवित प्राणियों के अस्तित्व के लिये कितना महत्त्वपूर्ण है। आपने यह भी जानकारी प्राप्त कर ली होगी कि प्रयोग करने योग्य पानी की कमी होती जा रही है। इस पाठ में आप पानी के संरक्षण के कुछ महत्त्वपूर्ण उपाय, प्रत्येक व्यक्ति, समुदाय तथा जल संरक्षण में सरकार का योगदान की भूमिका के बारे में जान जायेंगे।
जल संचयन और संग्रहण के तरीके | Water Harvesting Methods in Hindi
Posted on 12 Oct, 2018 04:47 PMजल ‘जीवन का अमृत’ है। हमें वर्तमान व भावी पीढ़ियों के लिये जल संरक्षण की आवश्यकता है। इस पाठ के माध्यम से आप जल संरक्षण की आवश्यकता तथा जल संग्रहण की विभिन्न विधियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
उद्देश्य
इस पाठ के अध्ययन के समापन के पश्चात आपः
i. जल संरक्षण की आवश्यकता व महत्ता का वर्णन कर पाएँगे;
सस्ता, सुलभ, सरल ज्ञान
Posted on 17 Sep, 2018 06:28 PMद्रविड़ मूल की सबसे प्रमुख जनजाति गोंड भारत की अनार्य जनजातियों में सबसे महत्त्वपूर्ण है। गोंड साम्राज्य स्थापित करने में माहिर थे। नौवीं शताब्दी तक मध्य प्रान्त के सम्पूर्ण पूर्वी भाग और सम्बलपुर के एक बहुत बड़े क्षेत्र में गोंडों का साम्राज्य स्थापित होजल कौशल से होगा हल
Posted on 02 Jul, 2018 03:26 PMवर्षाजल से पेयजल का इन्तजाम करने का कौशल जैसलमेर के रामगढ़ का हर ग्रामवासी जानता है। नगरीय हाउसिंग और औद्य
सम्पन्नता की बूँदों का हो चतुर इस्तेमाल
Posted on 02 Jul, 2018 03:00 PMबारिश की सबसे अच्छी बात यह है कि यह सभी की जिन्दगी में सम्पन्नता लेकर आती है, लेकिन प्रबन्धन की कमी के चलते इसका प्रभाव अधिक समय तक नहीं टिकता। अध्ययन बताते हैं कि मानसूनी बारिश के दिन भले ही 100 हों, लेकिन 400-600 मिमी होने वाली बारिश का अधिकांश हिस्सा सिर्फ 100 घण्टे से कम में ही बरसता है। लिहाजा हर किसान, ग्राम पंचायत, शहर और कस्बे के वासियों और शहरी सोसायटियों के लोगों को सक्रियता और विव