भूजल

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March 13, 2024 As cities such as Bangalore grapple with the water crisis, understanding the value of conserving groundwater to prevent this from happening in the future is urgently needed!
Groundwater, a threatened resource (Image Source: India Water Portal)
December 30, 2023 भूजल में आर्सेनिक, फ्लोराइड के मामले में एनजीटी ने "जिम्मेदारी से भागने" के लिए 28 राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, सीजीडब्ल्यूए को नोटिस जारी किया।
भूजल में आर्सेनिक,फ्लोराइड जैसे जहरीले तत्व
December 12, 2023 Learnings from India's Participatory Groundwater Management Programme
Launched in 2019, Atal Bhujal Yojana aims to mainstream community participation and inter-ministerial convergence in groundwater management. (Image: Picryl)
September 9, 2023 Effective governance is crucial for addressing the water sector challenges and ensuring sustainable water management
Governance mechanisms often fail to ensure effective community participation, leading to top-down approaches that may not suit local contexts (Image: Hippopx; Creative Commons Zero - CC0)
August 28, 2023 What are the reasons behind the sluggish pace of technology adoption for solutions related to water and climate change?
Agtech introduces fresh advancements and creativity to established farming methods through the utilization of digitalization and contemporary approaches. (Image: Ankit Chandra)
नलगोंडा का नायक
Posted on 25 Aug, 2017 10:37 AM
करिंगू अजय सिर्फ चौदह साल के हैं लेकिन खेलने कूदने की इस उम्र में उनका शरीर एक जिन्दा लाश बनकर रह गया है। फ्लोरोसिस नामक जहरीली बीमारी ने उनके शरीर को एक गठरी बनाकर रख दिया है। उनके शरीर पर तकिया बाँधकर रखा जाता है ताकि हड्डियों का दर्द उन्हें कम तकलीफ दे। उन्हीं के पड़ोस की उन्नीस साल के वीरमाला राजिता की हड्डियाँ इस तरह से मुड़ गयी हैं कि वो मुश्किल से जमीन पर रेंगकर चल पाती हैं। राजिता कहती हैं, “मेरा कोई जीवन नहीं है। मैं हर समय घर पर रहती हूँ। कहीं जा नहीं सकती। बड़े लोग घर पर आते हैं जिनमें नेता और फिल्मी हस्तियाँ सभी शामिल हैं लेकिन मदद कोई नहीं करता। सब सहानुभूति दिखाकर चले जाते हैं।”

कांचुक्तला सुभाषराजिता और अजय की यह दर्दभरी कहानी न इकलौती है और न ही आखिरी। तेलंगाना के नलगोंडा जिले में सदियों से हड्डियों की यह चीख पुकार जारी है। इन्हीं दर्दभरी पुकारोंं में एक आवाज कंचुकटला सुभाष की भी है। अधेड़ हो चुके सुभाष के तन पर तो फ्लोरोसिस नामक घातक बीमारी का कोई असर नहीं है लेकिन उनके मन और जीवन पर फ्लोराइड का गहरा असर हुआ है।

पानी से फ्लोराइड हटाने का टी-बैग तरीका विकसित (Teabag method for removing fluoride from water developed)
Posted on 25 Aug, 2017 10:09 AM
सफलता - भारतीय वैज्ञानिकों ने ईजाद की किफायती तकनीक

नैनो कणों से बनाया जाएगा पाउच, सस्ते जोजोबा बीज का होगा प्रयोग
सार्क देशों में सुरक्षित पेयजल उपलब्धता में आठवें स्थान पर भारत (India ranked 8th in safe drinking water availability in South Asia)
Posted on 22 Aug, 2017 04:52 PM

पूरे भारत में लोग नल, हैंडपंप ट्यूबवेल या बोरवेल, नहर, नदी अथवा नालों, टैंक या तालाब और अ

शैवाल और कवक (शैकों) द्वारा आर्सेनिक प्रदूषण का मापन (Measuring Arsenic Pollution by Algae and Fungus)
Posted on 20 Aug, 2017 11:32 AM
संखिया (आर्सेनिक), धातु एवं अधातु के बीच का तत्व है, जो प्रकृति में स्वतंत्र रूप में पृथ्वी की सतह एवं संखिया प्रधान चट्टानों में पाया जाता है। इसकी खोज सन 1250 में अल्बर्ट मैगनस द्वारा की गई और बताया कि यह विषधातुओं की श्रेणी में तैंतीसवें स्थान पर आता है। इसका अणुभार 74.9, परमाणु क्रमांक 33 एवं विशेष द्रव्यमान 5.73 हैं। संखिया प्रायः चट्टानों से होत
पानी की बूँद-बूँद बचाने का संकल्प (Resolve to save water)
Posted on 29 Jul, 2017 04:39 PM
आज समूचा विश्व गम्भीर जल संकट से जूझ रहा है। दिनों-दिन बढ़ रही आबादी इसका बहुत बड़ा कारण है। साथ ही आधुनिकता व विकास ने पानी की खपत में अभूतपूर्व वृद्धि की है इसलिये पानी की आपूर्ति माँग से बेहद कम है।
भूजल स्तर के प्रभाव से दम तोड़ती कुआँ प्रणाली
Posted on 28 Jul, 2017 11:51 AM
पानी दोहन पर नियंत्रण नहीं किया गया तो इस प्रणाली के दम तोड़
well
भूजल प्रदूषण (Groundwater pollution in Hindi)
Posted on 22 Jun, 2017 03:30 PM
सतह पर उपस्थित जलस्रोतों के अतिरिक्त भूजल स्रोत भी जल प्रदाय के बड़े स्रोत होते हैं। भूमि सतह के भीतर तरह-तरह की चट्टानें पाई जाती हैं। भूमि सतह के भीतर जल धाराएँ एवं जलकुंड भी पाए जाते हैं। भूमि की सतह के भीतर पाए जाने वाले जलस्रोतों पर भूजल चट्टानों वाले जलस्रोतों पर भूजल चट्टानों का प्रभाव पड़ता है। ये प्रभाव चट्टानों की प्रकृति के अनुसार होता है। चट्टानों में उपस्थित तत्वों में से घुलनशी
मानवीय गतिविधियों के कारण जल प्रदूषण (Water pollution due to human activities)
Posted on 22 Jun, 2017 01:41 PM
जल प्रदूषण की चर्चा करते ही हमारे सामने बड़े-बड़े उद्योगों से निकलने वाले दूषित जल के दृश्य आ जाते हैं। हम जल प्रदूषण का अर्थ औद्योगिक जल प्रदूषण से ही लेते हैं। लेकिन उद्योगों के अतिरिक्त जल प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण मानवीय गतिविधियाँ हैं। यहाँ हम कुछ ऐसी मानवीय गतिविधियों की चर्चा करें जिनसे जल प्रदूषण होता है।
भारी धातुओं से प्रदूषित हो रहे भूजल से स्वास्थ्य को खतरा
Posted on 12 Jun, 2017 03:53 PM
शोध के अनुसार भूमिगत जल एक बार प्रदूषित हो जाने के बाद उसको व
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