भूजल

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Explore various groundwater recharge methods to sustainably replenish groundwater levels. Learn about innovative techniques and best practices for groundwater conservation.

Featured Articles
July 28, 2024 The budget allocation for the Department of Drinking Water and Sanitation reflects a steady upward trajectory, underscoring the importance of scaling financial commitments to meet the growing demands of the WASH sector.
Child drinking water from handpump in Guna, Madhya Pradesh (Image: Anil Gulati, India Water Portal Flickr)
July 15, 2024 Kritsnam where engineering meets hydrology, founded by K. Sri Harsha focuses on developing accurate, easy to install, tamper-proof, and weather-proof smart water metering solutions to deal with the growing water crisis in India.
An AI generated image, highlighting water shortage and use of tankers to provide water but water being wasted when available (Image Source: Praharsh Patel)
July 2, 2024 Community governance for groundwater management
Jasmine on the fields as part of the groundwater collectivisation agreement at Kummara Vandla Palli village, Sri Satya Sai District. (Images: WASSAN/Swaran)
June 13, 2024 The rising trend of abandoning open wells for borewells in Chikkaballapur and Annamayya districts, and the potential negative consequences of this shift.
Borewell proliferation may dry up open wells (Image: FES)
May 19, 2024 The surprising connection between Wikipedia, beaches, and your water bottle.
A top down image of a lush green forest in a sacred grove in Meghalaya (Image created by: Sreechand Tavva)
May 15, 2024 बेहिसाब भूजल दोहन भूकंप के खतरे को विनाशकारी बना देगा। हाल फिलहाल के दो अध्ययन हमारे लिए खतरे का संकेत दे रहे हैं। एक अध्ययन पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में भूकंप के आवृत्ति और तीब्रता बढ़ने की बात कर रहा है। तो दूसरा भूजल का अत्यधिक दोहन से दिल्ली-NCR क्षेत्र के कुछ भाग भविष्य में धंसने की संभावना की बात कर रहा है। दोनों अध्ययनों को जोड़ कर अगर पढ़ा जाए तस्वीर का एक नया पहलू सामने आता है।
भूजल का अत्यधिक दोहन
72 फीसदी क्षेत्र में 13 फीट तक नीचे गया जलस्तर
Posted on 25 Dec, 2017 11:14 AM
भोपाल। मध्य प्रदेश में भूजल की स्थिति गम्भीर होती जा रही है। पिछले एक साल में 72 फीसदी क्षेत्र में भूजल स्तर 2 से 4 मीटर अर्थात 13 फीट तक नीचे चला गया है। इससे इन क्षेत्रों को आने वाली गर्मियों में पानी के संकट से जूझना पड़ेगा।
बाढ़ भी बिगाड़ देती है भूजल की सेहत
Posted on 07 Nov, 2017 11:21 AM
एक नए अध्ययन में सामने आया है कि प्रदूषण की शिकार नदियों में आने वाली बाढ़ के कारण भूजल के भी प्रदूषित होने का खतरा बढ़ जाता है और यह हमारे इस्तेमाल के लिये असुरक्षित हो जाता है। दिसम्बर 2015 में जब चेन्नई बाढ़ की आपदा का सामना कर रही थी तब अन्ना विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की एक टीम अड्यार नदी के किनारे भूजल के सैम्पल एकत्र कर रही थी ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस इलाके में जमीन के अन्दर क
बाढ़ से प्रदूषित भूजल
इटावा जनपद का जल संसाधन प्रबंधन (Water resources management of Etawah district)
Posted on 24 Oct, 2017 11:45 AM

लघु सिंचाई परियोजनायें :


जनपद इटावा में वृहद सिंचाई योजनाओं की अपेक्षा यदि लघु सिंचाई योजनाओं का विकास किया जाये, तो इससे इस जनपद के कृषकों का अधिक हित होगा। लघु सिंचाई योजनाओं के स्थापन से पारिस्थितिकी असंतुलन की समस्या भी उत्पन्न नहीं होगी।
बुन्देलखण्ड में सूखे का सामना
Posted on 27 Sep, 2017 11:53 AM
अनुवाद - संजय तिवारी

बुन्देलों का इतिहास मुठभेड़ और मुकाबलों से भरा रहा है। अपनी समृद्धि को बचाने के लिये वो सदियों बाहरी आक्रमणकारियों से लड़ते भिड़ते रहे हैं। आजादी के बाद भले ही उनको अब बाहरी आक्रमणकारियों से लड़ने की जरूरत न हो लेकिन अब उनकी लड़ाई अपनी समृद्धि को पाने के लिये जारी है। सूखे का भयावह शिकार बन चुके बुन्देलखण्ड की यह लड़ाई उनकी अपनी परम्पराओं को पाने की लड़ाई है। उनकी अपनी प्रकृति और पर्यावरण ही उनके लिये आक्रांता बन गये हैं लेकिन अब बुन्देले इस आपदा से निपटने के लिये भी कमर कसकर तैयार हैं।

भौमजल
Posted on 14 Sep, 2017 04:10 PM
भौमजल के अन्तर्गत पृथ्वी की सतह के नीचे की जल की उपस्थिति, वितरण एवं संचालन का अध्ययन किया जाता है। भौमजल का अर्थ उस जल से होता है, जो किसी भू-स्तर की समस्त रिक्तियों में रहता है। मिट्टी का वह भाग जिसके बीच में से भूमिगत जल का प्रवाह चल रहा हो, संतृप्त कटिबंध कहलाता है और इस कटिबंध के पृष्ठ भाग को भूमिगत जल तल कहते हैं।
भूजलस्तर गिरने से एक साल में जलबोर्ड के 65 कुएँ सूखे
Posted on 07 Sep, 2017 10:57 AM
राजधानी में लगातार भूमिगत जलस्तर गिर रहा है। जलस्तर गिरने के कारण जलबोर्ड के 65 कुएँ सूख गये हैं। कुओं के सूखने के कारण जलबोर्ड को इन इलाकों में पानी की अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ रही है। पहले इन क्षेत्रों में कुओं से जलापूर्ति होती थी।
Water pipe
भूजल में बढ़ रहा है सिलेनियम और यूरेनियम जैसे हानिकारक तत्वों का स्तर (High level of harmful sillenium and uranium found to be in ground water)
Posted on 28 Aug, 2017 03:44 PM

पहली बार जल रासायनिक आंकड़ों को भीतरी चट्टानों की संरचना से संबंधित आंकड़ों के साथ जोड़कर

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