‘जल प्रदूषण’ केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
‘जल प्रदूषण’ केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
पुस्तक भूमिका : जल और प्रदूषण
Posted on 26 Jun, 2017 01:35 PMपर्यावरणीय प्रदूषण आज के युग की सबसे बड़ी चुनौती है। बढ़ते औद्योगीकरण के कारण हमारी जीवन शैली में आए परिवर्तनों से पर्यावरण पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। विगत लगभग 150 वर्षों में विश्व भर में हो रहे अनियंत्रित, अनियमित एवं अंधाधुंध विकास के दुष्परिणाम जल और वायु प्रदूषण के रूप में हमारे सामने हैं।
परिशिष्ट : जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 (Water (Pollution Prevention and Control) Act, 1974 in Hindi)
Posted on 25 Jun, 2017 12:57 PMदूषित जल उपचार संयंत्र (Waste Water-Treatment plant in Hindi)
Posted on 23 Jun, 2017 11:39 AMऔद्योगिक इकाइयों एवं घरेलू उपयोग में आने वाले जल की बड़ी मात्रा दूषित जल के रूप में निस्सारित होती है। ये दूषित जल किसी भी जलस्रोत में मिलने पर उसे प्रदूषित कर देते हैं। जिसके कारण जलस्रोत का जल, पीने अथवा अन्य मानवीय उपयोग के योग्य नहीं रह जाता है। अनेक बार जलस्रोत में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ जाता है कि मवेशी अथवा कृषि कार्य हेतु भी उसका उपयोग किया जाना सम्भव नहीं होता। अतः इस दूषित जल के
सामुद्रिक प्रदूषण (Marine Pollution in Hindi)
Posted on 22 Jun, 2017 04:04 PMपृथ्वी का तीन चौथाई भू-भाग महासागरों से घिरा है। भारत स्वयं एक प्रायद्वीप है, जो तीन ओर से समुद्रों से घिरा है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब महासागर और दक्षिण में हिन्द महासागर स्थित है। विश्व में इनके अतिरिक्त 5 प्रमुख महासागर हैं।
भूजल प्रदूषण (Groundwater pollution in Hindi)
Posted on 22 Jun, 2017 03:30 PMसतह पर उपस्थित जलस्रोतों के अतिरिक्त भूजल स्रोत भी जल प्रदाय के बड़े स्रोत होते हैं। भूमि सतह के भीतर तरह-तरह की चट्टानें पाई जाती हैं। भूमि सतह के भीतर जल धाराएँ एवं जलकुंड भी पाए जाते हैं। भूमि की सतह के भीतर पाए जाने वाले जलस्रोतों पर भूजल चट्टानों वाले जलस्रोतों पर भूजल चट्टानों का प्रभाव पड़ता है। ये प्रभाव चट्टानों की प्रकृति के अनुसार होता है। चट्टानों में उपस्थित तत्वों में से घुलनशी
मानवीय गतिविधियों के कारण जल प्रदूषण (Water pollution due to human activities)
Posted on 22 Jun, 2017 01:41 PMजल प्रदूषण की चर्चा करते ही हमारे सामने बड़े-बड़े उद्योगों से निकलने वाले दूषित जल के दृश्य आ जाते हैं। हम जल प्रदूषण का अर्थ औद्योगिक जल प्रदूषण से ही लेते हैं। लेकिन उद्योगों के अतिरिक्त जल प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण मानवीय गतिविधियाँ हैं। यहाँ हम कुछ ऐसी मानवीय गतिविधियों की चर्चा करें जिनसे जल प्रदूषण होता है।
औद्योगिक गतिविधियों के कारण जल प्रदूषण (Water pollution due to industrial activities)
Posted on 20 Jun, 2017 04:59 PMजल प्रदूषण का प्रमुख कारण औद्योगिक निस्राव है। सभी औद्योगिक इकाइयों में कम या अधिक मात्रा में जल की खपत होती है। इसी अनुपात में दूषित जल उत्पन्न होता है। दूषित जल की प्रकृति औद्योगिक प्रक्रिया में जल, कच्चे माल के उपयोग, उत्पाद एवं उत्पादन प्रक्रिया पर निर्भर करती है। उद्योगों से निकलने वाले दूषित जल में मुख्य रूप से 2 प्रकार के प्रदूषक होते हैं :-