औद्योगिक और अन्य मानव निर्मित आपदाएं

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February 7, 2023 जोशीमठ व हिमालय में हो रही भीषण आपदाओं को लेकर मातृ सदन में तीन दिवसीय (12 से 14 फरवरी, 2023) अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन में श्री जयसीलन नायडू, जो दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति व महान राजनीतिज्ञ श्री नेल्सन मंडेला जी के सरकार में मंत्री रह चुके हैं, देश के विभिन्न अन्य बुद्धिजीवी व पर्यावरणविद मौजूद रहेंगे।
मातृ सदन
October 26, 2021 Flash flood fury in Uttarakhand, a classic example of extended stay of monsoon
Floods in Uttarkashi, India. June 2013 (Image: Oxfam International)
May 6, 2021 81% of the workers reported that work has stopped due to locally declared lockdowns: SWAN study
Jeevan Rath 2.0 helped people get back home in June 2020. Migrants from Chhattisgarh were stuck in Pune when CYDA came in contact with them and arranged their transportation and food through support of Jeevan Rath and SwissAid. (Image: Maha C19 PECONet Collaborative/IWP Flickr)
May 6, 2021 A coalition of nonprofits highlights the unique challenges that confront rural India and provides suggestions on how to respond to the second wave of COVID-19.
As healthcare systems in urban cities across India grapple with the second wave of COVID-19, smaller towns and villages too are facing devastating consequences. (Image: ©Gates Archive/Saumya Khandelwa)
February 10, 2021 The Uttarakhand disaster reaffirms earlier warnings on the fragility of the Himalayan region calling for more careful planning and preparedness in the future!
A view of the Himalayas. (Source: IWP Flickr photos--photo for representation purpose only)
भारत,लाल सागर व्यापार मार्ग में जहाज़ों के हमलों से चावल व्यापार पर बज रही खतरे की घंटी
जानिए वैश्विक व्यापार मार्ग लाल सागर में जहाज़ों पर हमलों से भारत के चावल व्यापार पर क्या प्रभाव पड़ रहा है Posted on 11 Mar, 2024 05:22 PM

भारत, दुनिया में गेहूं, चावल और चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है एवं बासमती चावल के प्रमुख निर्यातकों में से एक है।
मुख्य रूप से 1121 बासमती चावल-सफेद, पूसा बासमती 1121,पारंपरिक बासमती चावल, गोल्डन सेला बासमती चावल, सुगंधा  बासमती चावल, शरबती बासमती चावल भारत से एक्सपोर्ट होते हैं अतः यह भारत की अर्थव्यस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

लाल सागर मार्ग द्वारा चावल व्यापार
विनाश और विकास | Development or Destruction
इस ब्लॉग में जानिए पर्यावरण संरक्षण और विकास की चुनौतियों के बारे में।| Learn about the challenges of environmental protection and development. Posted on 04 Jan, 2024 01:31 PM

केरल के विझिंजाम में निर्माणाधीन बंदरगाह को लेकर विरोध जारी है। सरकार का दावा है कि यह बंदरगाह 'भारत का सिंगापुर' साबित होगा, जिससे राज्य में समृद्धि आएगी। पर्यावरण विज्ञानियों और अर्थशास्त्रियों का अध्ययन कुछ और ही कहता है। जितने भी भारतीय राज्यों को मैं जानता हूं, उनमें केरल में नागरिक समाज संगठन सबसे अधिक सक्रिय हैं, जो सरकारों और राजनीतिक पार्टियों के हस्तक्षेप से परे स्वतंत्र रूप से फलते-फ

विनाश और विकास | Development or Destruction
विष्णुगाड पीपलकोटी पनबिजली परियोजना से प्रभावित हाट गांव और वर्ल्ड बैंक
ग्रामीणजनों को विश्वबैंक से न्याय की उम्मीद है। हाट गांव के ग्रामीणों का कहना है कि परियोजना के कारण हाट गांव में स्थित पुरातन लक्ष्मी नारायण मंदिर बर्बाद हो जाएगा, जो कि एक ‘फिजिकल कल्चरल रिसोर्स’ है, और जिसपर ग्रामीणों की आजीविका टिकी हुई है। Posted on 31 Oct, 2023 05:01 PM

वर्ल्ड बैंक में शिकायत

उत्तराखंड के चमोली में भारत से जुड़ी एक ‘विष्णुगाड पीपलकोटी हाइड्रो पावर परियोजना’ मामले में, वर्ल्ड बैंक के इंस्पेक्शन पैनल ने 83 समुदायों की प्रार्थना को स्वीकार करते हुए, उसे दर्ज कर लिया है। विश्वबैंक की टीम दौरा भी कर चुकी है। ग्रामीणजनों को विश्वबैंक से न्याय की उम्मीद है। हाट गांव के ग्रामीणों का कहना है कि परियोजना के कारण हाट गां

विष्णुगाड पीपलकोटी पनबिजली परियोजना, Pc-IWP
भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में स्थापित शहर
पहाड़ पर बहुत सारे शहर ऐसे स्थानों पर हैं जहां जमीन खिसक सकती है और बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं। ये शहर नदियों के भी करीब हैं, जिससे भूस्खलन की समस्या और भी बदतर हो सकती है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि अधिक लोग इन खतरनाक क्षेत्रों में रहने न आएं। Posted on 31 Oct, 2023 03:45 PM

उत्तराखंड में हर साल भूस्खलन और भारी बारिश जैसी खतरनाक स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं जो लोगों को नुकसान पहुँचा सकती हैं और उनके जीवन को अस्त-व्यस्त कर सकती हैं। इन आपदाओं को रोकने की कोशिश करने के लिए, वैज्ञानिकों के एक समूह ने एक बैठक की और शहरों को भूस्खलन वाले क्षेत्रों से दूर रखने के विचार लेकर आए।

नदियों के किनारे बसे लोग
जोशीमठ त्रासदी के लिए कौन हैं ज़िम्मेदार
जोशीमठ का भू-धंसाव हाल की सबसे बड़ी पर्यावरणीय दुर्घटनाओं में से एक है। भूगर्भ वैज्ञानिकों और पर्यावरण विशेषज्ञों की चेतावनियों को दरकिनार करके जोशीमठ को एक आधुनिक शहर बनाने की होड़ लगी हुई है। बीते कुछ वर्षों में यहाँ होटल्स, माल्स और सड़कों के अलावा अब चार लेन वाली चर्चित ऑल वेदर रोड का विकास हो रहा है, यह सब विशेषज्ञों की राय को कूड़ेदान में फेंक कर केवल अपनी जिद और सनक को पूरा करने के लिए किया जा रहा है, इसी सनक ने इस त्रासदी को आमंत्रित ही किया है। Posted on 31 Oct, 2023 12:26 PM

जोशीमठ के बारे में जो खबरें आ रही हैं, वे न केवल एक पहाड़ी शहर के जमींदोज होते जाने की हौलनाक दास्तान बयान करती हैं, बल्कि चीन की सीमा के नजदीक होने के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा की ओर से भी चिंतित करने वाली हैं। जोशीमठ में मकानों और सड़कों में दरार आने की खबर आज से नहीं, बल्कि पिछले दो साल से लगातार आ रही है, अलग बात है कि सरकार अब जागी है। समस्या है जोशीमठ की जमीन के निरंतर धंसते जाने की और यह गत

पहाड़ और जोशीमठ शहर की संरचना,Pc-सर्वोदय जगत 
पूंजीपतियों का गंगा-विलास
गंगा केवल नदी नहीं है। यह देशवासियों की भावना से जुड़ी होने के अतिरिक्त कई जलीय जीवों का घर भी है। भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव गंगा में पाया जाने वाला डॉल्फिन है। गंगा का प्रदूषण इस डॉल्फिन की ज़िंदगी पर लगातार भारी पड़ रहा है और रोज़ इनकी संख्या घट रही है। सोचने की बात है कि क्रूज़ शिप का कचरा और ध्वनि प्रदूषण इनका क्या करेगा? Posted on 30 Oct, 2023 11:40 AM

रिवर क्रूज़; यह क्रूज़ बेहद फ़ैसिनेटिंग शब्द है। ‘टाइटैनिक’ के छलावे से लेकर ‘कहो ना प्यार है’ के भुलावे तक, बचपन और तरुणाई के दो बेहद महत्वपूर्ण पड़ाव इस रास्ते से गुज़रे हैं।

गंगा डाल्फिन,Pc-सर्वोदय जगत
हिमालय बना आपदा का घर
हिमाचल में व्यास, रावी, सतलुज नदी के तटों की आबादी पर अधिक मार पड़ी है भारी जल सैलाब के खतरे को देखकर नदियों की अविरल धारा को रोकने वाले बांधों के गेट खोलने पड़े जिसके कारण लुधियाना, पटियाला जैसे अनेक इलाके लंबे समय तक पानी में डूबे रहे यमुना पर हथिनी कुंड के पास गेट खोलने से यमुनानगर, करनाल से लेकर दिल्ली तक पानी में डूब गए। Posted on 28 Oct, 2023 01:09 PM

हिमालय आपदा का घर बन गया है। पहाड़ तेजी से दरक रहे हैं। हाहाकार मचा हुआ है। हिमाचल और उत्तराखंड में 24 जून से 21 अगस्त, 2023 के दौरान भारी बारिश में भूस्खलन से सैकड़ों लोग मारे गए हैं। हिमाचल में 800 से अधिक स्थानों पर सड़कें बंद रहीं, जिनमें 113 स्थान ऐसे हैं, जहां जानलेवा लैंडस्लाइड्स के कारण 330 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और 38 लोग लापता हैं। उत्तराखंड में 360 से अधिक डेंजर जोन बन गए हैं,

हिमालय बना आपदा का घर
भूस्खलन और अनियोजित भूमि योजना ढहा रहे कहर
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एक रिपोर्ट बताती है कि पहाड़ी राज्यों में जो योजनाएं हैं, वे पहाड़ी इलाकों के लिए उपयुक्त नहीं हैं। आम तौर पर पहाड़ी क्षेत्र ढलान अस्थिरता से जुड़े होते हैं, और इन क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका अधिक होती हैं। Posted on 27 Oct, 2023 05:12 PM

जहां एक तरफ देश में भारी बारिश और भूस्खलन से  पहाड़ी राज्यों में तबाही जारी है, दूसरी तरफ  राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा प्रकाशित 2019 रणनीति दस्तावेज से कुछ चौंकाने वाले तथ्य प्रकाश में आए हैं ये किस प्रकार विचारहीन शहरी नियोजन तथा निर्माण संबंधी कानूनों और विस्तृत भूमि उपयोग नीति के अभाव ने इस समस्या को अधिक व्यापक बनाया। आपदाएं आती रहीं फिर भी इनसे संबंधित चिंताओं को बार- बार नजरअं

भूस्खलन और अनियोजित भूमि योजना ढहा रहे कहर
जोशीमठ पर मिश्र कमेटी की रिपोर्ट पर केंद्र सरकार का गोलमोल जवाब
राज्य सभा में दिए गए एक लिखित जवाब में वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने पुरानी बातें दोहराते हुए कहा कि 1976 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित महेश चंद्र मिश्रा समिति ने जोशीमठ में भूस्खलन और स्थानीय धंसाव की चेतावनी दी थी। उस समय 18-सदस्यीय समिति के सदस्य संगठनों के पास उपलब्ध विशेषज्ञता और संसाधनों के अनुसार विभिन्न दीर्घकालिक और अल्पकालिक उपाय सुझाए गए थे। उनके मुताबिक, मिश्र समिति की सिफारिशों पर उत्तराखंड सरकार द्वारा कार्रवाई की जानी बाकी है। Posted on 27 Oct, 2023 04:01 PM

1 अगस्त, 2023 को जोशीमठ भूधंसाव के मामले में सरकार से संसद में सवाल पूछा गया, लेकिन सरकार की ओर से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने पुरानी बातें दोहरा दीं। बताया कि भूधसाव के बाद तपोवन-विष्णुगढ़ पनबिजली परियोजना और हेलंग मारवाड़ी बाइपास का काम रोक दिया गया था। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि हेलंग बाइपास का काम बाद में शुरू कर दिया गया था।

जोशीमठ
धंसता गया जोशीमठ, आंखें मूंदे रहीं सरकारें!
भारत-चीन सीमा के निकट देश का अंतिम शहर जोशीमठ तबाही के कगार पर है। कुछ समय से जोशीमठ के अलकनन्दा नदी की ओर फिसलने की गति अचानक तेज हो गयी है। अभी भी सरकारों की प्राथमिकता जोशीमठ को बचाने की नहीं, बल्कि कॉमन सिविल कोड और धर्मान्तरण कानून बनाने की दिखाई पड़ती है। Posted on 20 Oct, 2023 11:17 AM

विख्यात स्विस भूवैज्ञानिक अर्नोल्ड हीम और उनके सहयोगी आगस्टो गैस्टर ने 1936 में मध्य हिमालय की भूगर्वीय संरचना पर जब पहला अभियान चलाया था, तो अपने यात्रा वृतान्त ‘द थ्रोन ऑफ़ द गॉड (1938) और शोध ग्रन्थ ‘सेन्ट्रल हिमालया: जियोलोजिकल आबजर्वेशन्स ऑफ़ द स्विस एक्सपीडिशन (1939) में उन्होंने टैक्टोनिक दरार व मुख्य केन्द्रीय भ्रंश की मौजूदगी को चिन्हित करने के साथ ही चमोली गढ़वाल के हेलंग से लेकर तपोव

दरकती हुई जमीन,pc,सर्वोदय जगत  
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