औद्योगिक और अन्य मानव निर्मित आपदाएं

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A multifaceted approach to urban heatwaves (Image: Sri Kolari)
May 11, 2024 Deforestation, expansion of agricultural land, encroachment into forested areas, and unplanned urbanisation alter landscape connectivity, fragment habitats, and increase fire ignition sources.
Uttarakhand's wildfire wake-up call (Image: Pickpic)
February 7, 2023 जोशीमठ व हिमालय में हो रही भीषण आपदाओं को लेकर मातृ सदन में तीन दिवसीय (12 से 14 फरवरी, 2023) अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन में श्री जयसीलन नायडू, जो दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति व महान राजनीतिज्ञ श्री नेल्सन मंडेला जी के सरकार में मंत्री रह चुके हैं, देश के विभिन्न अन्य बुद्धिजीवी व पर्यावरणविद मौजूद रहेंगे।
मातृ सदन
October 26, 2021 Flash flood fury in Uttarakhand, a classic example of extended stay of monsoon
Floods in Uttarkashi, India. June 2013 (Image: Oxfam International)
May 6, 2021 81% of the workers reported that work has stopped due to locally declared lockdowns: SWAN study
Jeevan Rath 2.0 helped people get back home in June 2020. Migrants from Chhattisgarh were stuck in Pune when CYDA came in contact with them and arranged their transportation and food through support of Jeevan Rath and SwissAid. (Image: Maha C19 PECONet Collaborative/IWP Flickr)
May 6, 2021 A coalition of nonprofits highlights the unique challenges that confront rural India and provides suggestions on how to respond to the second wave of COVID-19.
As healthcare systems in urban cities across India grapple with the second wave of COVID-19, smaller towns and villages too are facing devastating consequences. (Image: ©Gates Archive/Saumya Khandelwa)
जल प्रदूषण के दुष्प्रभाव
‘भारत की अधिकांश छोटी-बड़ी नदियाँ प्रदूषण की चपेट में आ गई हैं। सर्वाधिक पवित्र मानी जाने वाली गंगा नदी अत्यधिक प्रदूषित हो चुकी है। जल प्रदूषण की समस्या एक जटिल समस्या है। जल प्रदूषण का दुष्प्रभाव केवल मनुष्य हीं अपितु पशुओं, मछलियों, चिड़ियों पर भी पड़ता है। प्रदूषित जल न पीने योग्य, न कृषि के लिए और न उद्योगों के अनुकूल होता है। पेयजल का संकट किस कदर बढ़ता जा रहा है इसका नमूना है बोतलबंद पानी का फलता-फूलता संसार। नगरों तथा महानगरों में बोतलबंद पीने के पानी की बिक्री आम होती जा रही है।’
Posted on 18 Aug, 2023 01:12 PM

बढ़ती हुई तीव्र जनसंख्या, औद्योगीकरण तथा नगरीकरण के कारण स्वच्छ जल की आवश्यकता दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। आज जल की गुणवत्ता में गिरावट आती जा रही है। जल प्रदूषण तत्वों के दो प्रमुख कारण हैं एक प्राकृतिक और दूसरा मानवीय प्राकृतिक कारणों से जल प्रदूषण इतनी मंद गति से होता है कि सामान्य रूप से इसके कोई भयंकर परिणाम सामने नहीं आते। जल प्रदूषण के प्राकृतिक कारणों में भू-क्षरण और खनिज पदार्थ की

जल प्रदूषण के मानवीय कारक
पूर्व चेतावनी प्रणाली
पूर्व चेतावनी प्रणाली एक प्रभावी एकीकृत संचार प्रणाली है जो समुदायों को खतरनाक जलवायु परिवर्तन संबंधी घटनाओं की पूर्व सुचना/जानकारी देकर होने वाली घटना के लिए आधुनिक पावर ग्रिड द्वारा अनिवार्य जानकारी प्रदान करता है जिससे मानव एवं पशु जीवन को बचाया जा सके और सम्पत्ति के नुकसान को कम किया जा सके।

Posted on 01 Jun, 2023 02:09 PM

पूर्व चेतावनी प्रणाली वह सिस्टम है जो कि समुदायों की व्यापारिक सम्प्पति, जायदाद आदि का संरक्षण ,रखरखाव और संचालन , पशु एवं वन्य जीवन आदि को बचाने के लिए जल्द से जल्द आवश्यक जानकारी और डेटा प्रदान करके और पूर्व चेतावनी के अन्तर्गत (आपदा के सन्दर्भ) में समय से  बचने के उपायों को अपनाकर मानव एवं पशु जीवन को बचाने में मदद करता है और सम्पत्ति के नुकसान को कई हद तक काम कर सकता है।

पूर्व  चेतावनी प्रणाली,Pc-साइंस डायरेक्ट
पर्वतीय क्षेत्रों में आधुनिकीकरण बन सकता है विनाश का कारण
अंधाधुंध विकास अब विनाश का कारण बनता जा रहा है। इसका प्रभाव केवल महानगरों तक ही सीमित नहीं है बल्कि पर्वतीय राज्य भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। Posted on 02 Mar, 2023 10:58 AM

आधुनिकीकरण किसी भी देश के विकास का अहम पैमाना होता है. लेकिन अंधाधुंध विकास अब विनाश का कारण बनता जा रहा है.

तबाही के दर्द.
जोशीमठ व हिमालय में हो रही भीषण आपदाओं के मुद्दे पर मातृ सदन में तीन दिवसीय (12 से 14 फरवरी, 2023) अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
जोशीमठ व हिमालय में हो रही भीषण आपदाओं को लेकर मातृ सदन में तीन दिवसीय (12 से 14 फरवरी, 2023) अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन में श्री जयसीलन नायडू, जो दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति व महान राजनीतिज्ञ श्री नेल्सन मंडेला जी के सरकार में मंत्री रह चुके हैं, देश के विभिन्न अन्य बुद्धिजीवी व पर्यावरणविद मौजूद रहेंगे। Posted on 07 Feb, 2023 10:24 AM

दिनांक : 12 - 14 फरवरी 2023

स्थान - मातृ सदन, जगजीतपुर, कनखल, हरिद्वार, उत्तराखण्ड (भारत) 249408

जोशीमठ व हिमालय में हो रही भीषण आपदाओं को लेकर मातृ सदन में तीन दिवसीय (12 से 14 फरवरी, 2023) अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है, जिसके लिए देश-विदेश से कई गणमान्य हिस्सा लेने पहुँच रहे हैं। सम्मेलन में तीन सत्र हैं और तीनों में अलग अलग पहलुओं पर विचार किया जाएगा।

मातृ सदन
पतन के कगार पर जोशीमठ
उत्तराखंड का मशहूर पर्यटन स्थल जोशीमठ में एक भयानक सन्नाटा पसरा हुआ है। उत्तराखंड के चमोली जिले की पहाड़ियों में बसा यह पर्यटकों का सबसे पसंदीदा स्थल था लेकिन आज यहाँ के घर और होटल सुनसान पड़े है Posted on 13 Jan, 2023 04:06 PM

उत्तराखंड का मशहूर पर्यटन स्थल जोशीमठ में एक भयानक सन्नाटा पसरा हुआ है। उत्तराखंड के चमोली जिले की पहाड़ियों में बसा यह पर्यटकों का सबसे पसंदीदा स्थल था लेकिन आज यहाँ के घर और होटल सुनसान पड़े है, यहाँ के निवासी राहत  बचाव केंद्रों में रहने के लिए मजबूर है क्योंकि उनके पैरों के नीचे की जमीन लगातार धंस रही है। वही इस  बढ़ते संकट  के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा जारी प्रारंभिक

पतन के कगार पर जोशीमठ
ग्लेशियर क्षेत्रों में विकास नहीं संरक्षण चाहिए
आज देश-दुनिया में नए-नए अनुसंधान, विकास के कार्य जोरों से चल रहे हैं इसका परिणाम सभी  देखते भी है, बातें भी करते हैं लेकिन सत्ता शक्ति के सामने हिम्मत नहीं जुटा पाते अंत में उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ता है जैसे जोशीमठ में हो रहा है।  Posted on 11 Jan, 2023 02:19 PM

मानवीय विकास की एक सीमा 21वीं सदी में प्रारम्भ होते ही  मानव भूल गया है वह भौतिकवादी विचारधाराओं के चलते सम्पूर्ण प्राकृतिक व मानवीय संसाधनों पर अपना अस्तित्व बनाए रख कर अपने को श्रेष्ठ बताना चाहता हैं, आज देश-दुनिया में नए-नए अनुसंधान, विकास के कार्य जोरों से चल रहे हैं इसका परिणाम सभी  देखते भी है,  बातें भी  करते हैं लेकिन सत्ता शक्ति के सामने हिम्मत नहीं जुटा पाते अंत में उन्हें इसका परिणाम

ग्लेशियर क्षेत्रों में विकास नहीं संरक्षण चाहिए
जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग और श्रीनगर में भी कई घरों में दरार देखने को मिली
जोशीमठ के बाद उससे 80 किलोमीटर दूर स्थित कर्णप्रयाग में भी कई घरों में दरार देखने को मिली है।  कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर इलाके में करीब 50 घरों में दरारें आने के बाद स्थानीय प्रशासन की और से मदद के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से संपर्क किया है। इसके अलावा कुछ क्षेत्रों  में कई Posted on 10 Jan, 2023 02:42 PM

जोशीमठ के बाद उससे 80 किलोमीटर दूर स्थित कर्णप्रयाग में भी कई घरों में दरार देखने को मिली है।  कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर इलाके में करीब 50 घरों में दरारें आने के बाद स्थानीय प्रशासन की और से मदद के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से संपर्क किया है। इसके अलावा कुछ क्षेत्रों  में कई छोटे भूस्खलन होने अंदेशा भी जताया जा रहा है पौड़ी जिले के श्रीनगर गढ़वाल क्षेत्र में भी तबाही के संकेत दिखाई दे रह

जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग और श्रीनगर में भी कई घरों में दरार देखने को मिली,(Pc -Indian express)
आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित हुआ जोशीमठ
चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने आज जोशीमठ को आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया है उन्होंने कहा जल्द ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की  दो सदस्य टीम यहां पहुंचेगी और स्थिति का जायजा लेगी। वहीं जिलाधिकारी की इस घोषणा के बाद जोशीमठ और आसपास के क्षेत्रों में Posted on 09 Jan, 2023 12:43 PM

चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने आज जोशीमठ को आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया है उन्होंने कहा जल्द ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की  दो सदस्य टीम यहां पहुंचेगी और स्थिति का जायजा लेगी। वहीं जिलाधिकारी की इस घोषणा के बाद जोशीमठ और आसपास के क्षेत्रों में सभी निर्माण कार्य को रोक दिया गया है साथ ही प्रभावित लोगों को प्रशासन की ओर से लगातार  मदद मुहैया कराई जा रही है। 

आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित हुआ जोशीमठ,(PC-Indiatimes)
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