महाराष्ट्र

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पुरातत्व स्थल धोलावीरा
Posted on 05 Jan, 2018 04:41 PM


धोलावीरा अपनी सुनिर्मित प्राचीरों के कारण सिंधु घाटी की सभ्यता के अन्य प्राचीन शहरों से अलग है। आमतौर पर यह देखा गया है कि शहर का किला ही प्राचीरों से सुरक्षित किया जाता है। धोलावीरा का निर्माण कुछ ऐसे किया गया कि न केवल किला किन्तु समूचा शहर एवं शहर के अन्य भाग जैसे मध्य नगर और निम्न नगर भी प्राचीरों से घिरे हुए हैं।

Dholavira
महाबलेश्वर हिल स्टेशन आनन्द की सुखद अनुभूति
Posted on 31 Dec, 2017 11:28 AM

महाबलेश्वर हिल स्टेशन की घाटियाँ, पर्वत श्रृंखला, वन-जंगल क्षेत्र, झरना-झीलें आदि व्यक्ति को मुग्ध करने वा

श्रमदान से जल समस्या का समाधान (Satara votes for Dr. Pol)
Posted on 21 Dec, 2017 03:53 PM


डॉ. पॉल इस अजिंक्यतारा जल संरक्षण अभियान के अघोषित अगुवा हो गए। इधर धीरे-धीरे उनकी आबादी भी बढ़ती रही और व्यापारी, तकनीशियन, साफ्टवेयर इंजीनियर और एक राजनीतिज्ञ भी उनके इस अभियान का हिस्सा हो चुके थे। कारवाँ आगे बढ़ा तो किले से नीचे उतरकर लोगोंं के बीच जाने का भी फैसला हुआ कि अगर गाँव वालों को यह बात समझाई जाये कि अगर जमीन पर पानी को संरक्षित किया जाये तो जमीन के नीचे भी पानी का स्तर ऊपर आएगा और सूखे से मुक्ति पाने में यह छोटा सा उपाय बड़ी मदद करेगा। सकाल मराठी का बड़ा अखबार है। 10 जनवरी 2013 को उसने एक छोटा सा विज्ञापन प्रकाशित किया। विज्ञापन भी क्या था एक अपील थी लोगों से कि सतारा के लोग अजिंक्यतारा पर आएँ और उसकी साफ-सफाई में सहयोग दें। जब यह अपील की गई तो भारत में किसी स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत भी नहीं हुई थी इसलिये अपील का ज्यादा असर न हुआ। कुछ मुट्ठी भर लोग ही सतारा की शान अजिंक्यतारा पहुँच पाये। पहले दिन तो कुछ लोग आये भी लेकिन दूसरे दिन सिर्फ तीन लोग बचे जो अजिंक्यतारा की साफ-सफाई में स्वैच्छिक रुचि रखते थे। इसमें एक डॉ. अविनाश पॉल भी थे।

पानीदार हुआ वेलू गाँव
मौत देती खेती
Posted on 21 Dec, 2017 03:11 PM


कीटनाशकों के जहर से विदर्भ क्षेत्र में किसानों की मौत इससे सम्बन्धित नियमों में सरकारी अनदेखी पर सवाल उठाती है।

कपास के खेत विदर्भ के किसानों के लिये मौत का कारण बन रहे हैं
एंटीबायोटिक प्रतिरोधी रोगजनकों की वाहक बन रही हैं समुद्री मछलियाँ (Antibiotic resistant pathogens found in sea fishes)
Posted on 21 Dec, 2017 09:55 AM


वास्को-द-गामा (गोवा) : भारतीय वैज्ञानिकों ने मुम्बई में खुदरा दुकानों में बेची जाने वाली समुद्री मछलियों में अत्यधिक मात्रा में एंटीबायोटिक प्रतिरोधी सूक्ष्मजीवों की उपस्थिति का पता लगाया है। अध्ययनकर्ताओं के अनुसार इन सूक्ष्मजीवों की मौजूदगी वाली मछलियों के सेवन से एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति मनुष्यों में भी प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो सकती है।

Dr. Archana Rath
जल प्रदूषण दूर करने में मददगार हो सकता है प्लास्टिक कचरा (Plastic waste can be used for decontamination of water)
Posted on 15 Dec, 2017 09:22 AM
प्लास्टिक कचरे के बढ़ते बोझ को कम करने के लिये पुनर्चक्रण करके उसका दोबारा उपयोग करना ही सबसे बेहतर तरीका माना जाता है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए भारतीय वैज्ञानिकों ने पानी को शुद्ध करने के लिये प्लास्टिक कचरे के उपयोग का एक नया तरीका खोज निकाला है।
परम्परागत जल प्रणाली का धनी
Posted on 18 Nov, 2017 04:42 PM
गुजरात के शुष्क और गर्म काठियावाड़ प्रायद्वीप से लेकर केरल के भरपूर बारिश वाले मालाबार तट का इलाका पश्चिमी तटीय मैदान का हिस्सा है। उत्तर में इसकी सीमा गुजरात तक आए थार मरुभूमि क्षेत्र तय करता है, जबकि उत्तर-पश्चिम में अरावली पर्वतमाला, मालवा का पठारी क्षेत्र, विंध्य और सतपुड़ा पहाड़ियाँ। फिर पश्चिम घाट की पूर्वी ढलान गुजरात से शुरू होकर महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और केरल तक इसकी पूर्वी सीमा
भारतातील प्रसिद्ध नद्या : यमुना नदी
Posted on 14 Nov, 2017 11:17 AM
यमुना नदी ही गंगा नदीची सर्वात लांब असलेली उपनदी आहे. हिचा उगम यमुनोत्री बर्फरांगातून झाला असून त्याची उंची ६३८७ मीटर एवढी आहे. या नदीचे खोरे ३६६२२३ चौरस किलोमीटर पर्यंत पसरले आहे. या नदीची लांबी १३७६ किलोमीटर असून ती गंगा नदीला अलाहाबाद येथे मिळते. याच ठिकाणी सरस्वती नदीही गुप्त स्वरुपात असून या ठिकाणी या तीन नद्यांचा संगम झाला असे मानले जाते.
संस्था परिचय : सेंटर फॉर अफोरडेबल वॉटर एंड सेनिटेशन टेक्नोलॉजी (CAWST- Center for Affordable Water and Sanitation Technology)
Posted on 14 Nov, 2017 11:02 AM
सेंटर फॉर अफोरडेबल वॉटर एंड सॅनिटेशन टेक्नॉलॉजी ही एक ना-नफा संस्था असून परवाना धारक अभियांत्रिकी संस्था आहे जी विकसनशील देशाकरिता स्वच्छ पाणी आणि मुलभूत स्वच्छता सुविधा उपलब्ध करून देण्याच्या दृष्टी ने तंत्रज्ञान उपलब्ध करून देते.
पुणे शहाराचे पाणी, सांडपाणी आणि त्यातून निर्माण झालेले प्रश्‍न
Posted on 14 Nov, 2017 10:12 AM

पुण्याची वस्ती वाढल्यानंतर नळाद्वारे पिण्याचे पाणी पुरविले जावू लागले आणि त्यानंतर जमिनीखालून बंद नळ्यातून

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